आमतौर पर रसौली महिला के गर्भाशय में विकसित होती है, जो एक प्रकार का कैंसर रहित ट्यूमर होता है. आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 30 साल की करीब 20 प्रतिशत महिलाओं को गर्भाशय में रसौली की समस्या हो जाती है. इसे अंग्रेजी में फाइब्रॉयड कहा जाता है. रसौली में बहुत ज्यादा रक्तस्राव और दर्द की समस्या होती है.
रसौली के इलाज के लिए पतंजलि की कुछ दवाएं उपलब्ध हैं. आज इस लेख में जानेंगे कि रसौली के लिए पतंजलि की कौन-कौन सी दवाएं सबसे बेहतर हैं -
(और पढ़ें - बच्चेदानी में रसौली का होम्योपैथिक इलाज)