बच्चेदानी में रसौली एक प्रकार का कैंसर रहित ट्यूमर है. ये एक प्रकार की गांठ होती है, जो गर्भाशय या उसके आसपास बनना शुरू होती है. ऐसा माना जाता है कि 5 में से 1 महिला को बच्चेदानी में रसौली की समस्या हो सकती है. 50 की उम्र तक आते-आते आधी प्रतिशत महिलाओं आबादी को बच्चेदानी में रसौली की समस्या हो सकती है. इसे यूटेराइन फाइब्रॉयड भी कहा जाता है.
बच्चेदानी में रसौली किस कारण से होती है, इस बारे में अभी सटीक रूप से बताना मुश्किल है. इस समस्या को आयुर्वेदिक दवा व इलाज से ठीक किया जा सकता है. आयुर्वेदिक दवा के रूप में चंद्रप्रभा वटी, कंचनार गुग्गुल, हरिद्र खंड का सेवन किया जा सकता है। आज इस लेख में हम बच्चेदानी में रसौली की आयुर्वेदिक दवा व इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे -
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