पेट दर्द की समस्या कभी भी और किसी को भी हो सकती है. पेट दर्द कई वजहों से हो सकता है, जिसमें गैस, कब्जअपच आम कारण हैं. पेट दर्द में अक्सर लोग पेन किलर ले लेते हैं, लेकिन अगर प्राकृतिक तरीके से पेट दर्द को ठीक करना है, तो योग इसमें फायदेमंद हो सकता है. नियमित रूप से योगासन करके पेट दर्द में आराम मिल सकता है. इसके लिए भुजंगासन व सुप्त मत्स्येन्द्रासन जैसे योगासन किए जा सकते हैं. ये योगासन पेट से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को दूर कर पेट दर्द से राहत दिला सकते हैं.

आज इस लेख में आप उन योगासनों के बारे में जानेंगे, जिन्हें करने से पेट दर्द की समस्या ठीक हो सकती है -

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  1. पेट दर्द के लिए योग के फायदे
  2. सारांश
पेट दर्द के लिए योगासन के डॉक्टर

पेट दर्द होने पर दवा का सेवन करने के साथ-साथ योगासन करने से भी फायदा हो सकता है. विभिन्न वैज्ञानिक शोधों में भी माना गया है कि पेट से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से राहत पाने के लिए नियमित रूप से योगासन करना लाभकारी हो सकता है. इसके लिए पार्श्व सुखासन व भुजंगासन किए जा सकते हैं -

पार्श्व सुखासन

पेट दर्द को कम करने के लिए रोजाना पार्श्व सुखासन का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है. इस योगासन को करके पेट की सूजन व गैस को कम करने में मदद मिल सकती है. साथ ही पाचन भी बेहतर होता है. पार्श्व सुखासन को करने का तरीका -

  • पार्श्व सुखासन करने के लिए सबसे पहले साफ जगह पर योग मैट बिछा लें.
  • अब सुखासन में यानी दोनों पैरों को क्रॉस करके आराम से बैठ जाएं.
  • अब बाएं हाथ को हवा में उठाएं और दाएं हाथ को पैरों से दूर जमीन पर रखें.
  • इसके बाद दाहिनी तरह कमर से झुक जाएं.
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहते हुए सामान्य गति से सांस लेते रहें. 
  • इसके बाद सीधे हो जाएं और ऐसा ही बाईं तरफ से करें.
  • इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहरा सकते हैं.

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भुजंगासन

भुजंगासन करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, बॉडी टोन भी होती है. इस आसन को करने से पाचन में सुधार होता है. गैस, अपच और कब्ज की वजह से होने वाले पेट दर्द में भी आराम मिलता है.

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं.
  • पूरे शरीर को बिल्कुल सीधा रखें और पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर रखें.
  • इसके बाद हाथों को कोहनी से मोड़कर हथेलियों को कंधों के पास जमीन पर रखें.
  • अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे हाथों के सहारे नाभि तक के हिस्से को ऊपर उठाएं.
  • फिर जितना संभव हो सके सिर को पीछे की तरफ ले जाएं.
  • कुछ देर इसी अवस्था में रहते हुए सामान्य गति से सांस लेते रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं.
  • इस योगासन को 4-5 बार दोहरा सकते हैं.

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अर्ध मत्स्येन्द्रासन

अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने से पेट दर्द में आराम मिल सकता है. इससे पेट के अंदरूनी अंगों में खिंचाव महसूस होता है. साथ ही पाचन में सुधार होता है और गैस व कब्ज से छुटकारा मिलता है. इसलिए, पेट दर्द होने पर अर्ध मत्स्येन्द्रासन किया जा सकता है. इसके करने का तरीका नीचे बताया गया है -

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर सुखासन में बैठ जाएं.
  • अब बाएं पैर के तलवे को दाएं पैर के घुटने या जांघ के ऊपर से पार करके जमीन पर रखें.
  • इस दौरान दाहिने पैर का तलवा बाएं नितंब के अंदर की तरफ होगा.
  • फिर दाएं हाथ को मोड़कर कोहनी को बाएं घुटने के बाहर रखें. 
  • सिर को बाईं तरफ घुमाएं और बाईं हथेली को बाएं नितंब के पास रखें. 
  • इस स्थिति में कुछ देर बने रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
  • इस दौरान रीढ़ की हड्डी, पीठ को बिल्कुल सीधा रखें.
  • फिर सामान्य अवस्था में वापस आकर इस प्रक्रिया को दाईं तरफ से करें. इसे 3-5 बार दोहराया जा सकता है.

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सुप्त मत्स्येन्द्रासन

पेट के लिए सुप्त मत्स्येन्द्रासन करना काफी लाभकारी होता है. इस योगासन से कब्ज और सूजन की वजह से होने वाले पेट दर्द में आराम मिल सकता है. इससे पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली बेहतर होती है. इस आसन के नियमित अभ्यास से गैस व अपच भी दूर होती है. यह पीठ के निचले हिस्से को भी स्ट्रेच करता है.

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं. 
  • दोनों हाथों को कंधों की सीध में दोनों तरफ फैला लें. 
  • दाएं पैर को घुटनों से मोड़ लें.
  • इसके बाद दाएं पैर को बाएं घुटने पर टिका लें. 
  • अब सांस छोड़ते हुए पीठ को बाईं तरफ मोड़ लें, ताकि दायां घुटना जमीन से स्पर्श कर सके और सिर को दाईं तरफ मोड़ें.
  • इस अवस्था में आपका सिर और शरीर अलग-अलग दिशा में मुड़े हुए होने चाहिए.
  • इस मुद्रा में 30-60 सेकंड तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें.
  • फिर ऐसा ही दूसरी तरफ से करें. इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहरा सकते हैं.

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पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन पीठ के निचले हिस्से के तनाव को दूर करता है. इस आसन को करने से अपच नहीं होता और मल त्याग की प्रक्रिया सही रहती है. पेट दर्द को कम करने के लिए भी पवनमुक्तसान किया जा सकता है. इसे करने की प्रक्रिया नीचे बताई गई है -

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं.
  • दोनों पैरों को बिल्कुल सीधा रखें.
  • दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए शरीर के पास लेकर आएं.
  • फिर हाथों से घुटनों को पकड़ लें और सांस लेते हुए धीरे-धीरे उन्हें छाती के पास लेकर आएं.
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए सिर को घुटने से लगाने का प्रयास करें.
  • कुछ देर इसी स्थिति में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
  • फिर सांस लेते हुए सिर को नीचे ले आएं और पैरों को भी सीधा कर लें.
  • पेट दर्द होने पर इस आसन को 3-5 बार दोहराया जा सकता है.

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पेट में दर्द होने पर इन योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है, लेकिन कई बार पेट दर्द गंभीर बीमारियों की वजह से भी हो सकता है. इसलिए, किसी भी योगासन को करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें. जिन लोगों को पीठ या गर्दन में चोट लगी है या हाल ही में सर्जरी हुई है, उन्हें ये योगासन करने से बचना चाहिए. साथ ही अगर कोई पहली बार इन योगासनाें को कर रहा है, तो उन्हें शुरुआत में योग प्रशिक्षक की देखरेख में इन्हें करना चाहिए.

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