स्टिकलर सिंड्रोम एक आनुवंशिक विकार है, जिसमें देखने, सुनने और जोड़ों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसे 'हेरेडिटरी प्रोग्रेसिव आर्थ्रो ऑप्थाल्मोपैथी' के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर स्टिकलर सिंड्रोम का निदान शिशु अवस्था या बचपन में किया जाता है।
जिन बच्चों को स्टिकलर सिंड्रोम होता है, उनके चेहरे की बनावट असामान्य होती है जैसे हल्की बाहर निकली हुई आंखें, धंसी हुई ठोड़ी इत्यादि। अक्सर ऐसे लोगों के मुंह के अंदर तालू में जन्मजात कट का निशान होता है, जिसे क्लेफ्ट पैलेट के नाम से जाना जाता है।
स्टिकलर सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, इसके उपचार का लक्ष्य लक्षणों को नियंत्रित करना और जटिलताओं को रोकना है। कुछ मामलों में, स्टिकलर सिंड्रोम से जुड़ी कुछ शारीरिक असामान्यताओं को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
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