गले का दर्द या गर्दन में दर्द एक सामान्य दर्द है जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे गलत मुद्रा में सोना, लंबे समय तक गर्दन का झुका रहना इत्यादि, लेकिन हम यहां कारणों पर नहीं बल्कि कुछ योगासन के बारे में बात करेंगे, जिनकी मदद से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके लिए आपको बस तीन चीजों की जरूरत पड़ेगी - आरामदायक कपड़े पहनना, शांत जगह और संभव हो तो योग करने के लिए चटाई। 

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  1. गले में दर्द के लिए हस्तपादासन के फायदे
  2. गले में दर्द के लिए वीरभद्रासन-2 के फायदे
  3. गले में दर्द के लिए विपरीत करणी के फायदे
  4. सारांश
  • सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं, इस दौरान पैर के पंजे आपस में छूने नहीं चाहिए। 
  • अब आप धीमे-धीमे कमर से नीचे झुकिए, ताकि आप अपनी एड़ियों को पकड़ सकें। आप चाहें तो जमीन पर हथेली भी टिका सकते हैं। शुरुआत में उतना ही नीचे झुके जितना संभव हो। इस दौरान आप अपने घुटनों को थोड़ा-सा मोड़ सकते हैं। 
  • इस मुद्रा में अपने सिर और गर्दन को पूरी तरह से ढीला रहने दें। 
  • कम से कम एक मिनट के लिए इस स्थिति में रहने की कोशिश करें।
  • यह आपकी गर्दन के साथ-साथ कंधों में तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए आप दोनों हाथो से कमर को पकड़ें और धीमे-धीमे शरीर को सीधा कर लें। 

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  • ताड़ासन में खड़े हो जाएं और 3.5 से 4 फीट पैरों के बीच जगह बना लें।
  • अब अपने बाएं पंजे को इसी यानी बाईं दिशा में (बाहर की ओर) घुमा लें। 
  • धीरे से अपने दोनों हाथ कंधे के बराबर उठाएं और बाएं हाथ की उंगलियों की तरफ देखें। 
  • इस मुद्रा में आपकी पीठ सीधी रहनी चाहिए। अगर पीठ मुड़ी रहेगी, तो पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।
  • अपने बाएं पंजे को मजबूती से जमीन पर टिकाए रखें और अब घुटने से मोड़ते हुए थोड़ा-सा झुक जाएं। इस मुद्रा में कमर से ऊपर का हिस्सा व फिर दायां पैर मुड़ना नहीं चाहिए। 
  • कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें, ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे-धीरे जैसे आपके शरीर में ताकत और लचीलापन बढ़ने लगे तब आप इसका समय बढ़ा सकते हैं लेकिन 90 सेकेंड से ज्यादा ना करें।
  • पांच बार सांस लेने के बाद आप आसान से बाहर आ सकते हैं। 
  • प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए सिर को सामने की ओर कर लें और सीधे खड़े हो जाएं। अब यही कोशिश दूसरे पैर के साथ आजमाएं। 

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  • इसे लेग्स-अप-द-वॉल-पोज कहते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है कि इस आसन को किसी दीवार की मदद से किया जा सकता है।    
  • सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर सीधा लेट जाएं।
  • अब धीरे से दोनों पैर को (90 डिग्री) उठाएं, ताकि उन्हें किसी दीवार से टिका सकें। (इस मुद्रा में आपका शरीर 'L' आकार में रहेगा, यानी सिर से कूल्हे तक जमीन पर और फिर कूल्हे से नीचे का हिस्सा दीवार के सहारे रहेगा)
  • ध्यान रहे कि कोहनियां जमीन पर रहें। (हालांकि इसे आसन को करने का एक अन्य तरीका भी है, जिसमे कोहनियों से कमर को हवा में उठाया जा सकता है या फिर कमर के नीचे तकिया लगाई जा सकती है)
  • इस मुद्रा में 5 से 10 मिनट तक के लिए भी रहा जा सकता है।
  • आसन से बाहर निकलने के लिए सारे स्टेप्स विपरीत क्रम में करें।

उपरोक्त आसन, गर्दन दर्द में सहायक होने के साथ-साथ पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पैरों की थकान, दिमाग को शांत रखने और रक्त प्रवाह को बनाए रखने में भी मदद करता है।

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गले में दर्द से राहत पाने के लिए योगासन एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है। योग के कुछ विशेष आसन, जैसे सिंह मुद्रा, अर्ध मत्स्येन्द्रासन और भुजंगासन, गले की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं, जिससे सूजन और दर्द में कमी आती है। सिंह मुद्रा विशेष रूप से गले के क्षेत्र में तनाव को कम करती है और गले की ग्लैंड्स को सक्रिय करने में मदद करती है। नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने से गले की समस्या में सुधार होता है, साथ ही श्वास और प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है, जो गले को संक्रमणों से बचाने में सहायक है।

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