साइनसाइटिस की समस्या नाक में बहुत अधिक बलगम बढ़ जाने के कारण उत्पन्न होती है। इस समस्या के कारण नाक में पोलिप्स (polyps) बढ़ जाते हैं जिससे छुटकारा पाने के लिए सर्जरी तक करवानी पड़ सकती है। कभी कभी तो सर्जरी के बाद भी दुबारा पोलिप्स हो जाते हैं। साइनसाइटिस देखने में तो बहुत छोटी समस्या है पर यह बहुत ही खतरनाक होती है। नाक बंद होने के कारण हम शब्दों का उच्चारण भी सही ढंग से नहीं कर पाते हैं और हमें श्वास लेने में भी बहुत दिक्कत होने लगती है। इस समस्या का उपचार योग द्वारा किया जा सकता है। साइनस से छुटकारा पाने के लिए आपको नियमित रूप से भस्त्रिका, कपालभाती और अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम करने चाहिए। (और पढ़ें - साइनस के लिए योग)

 

साइनसाइटिस के लिए करें भस्त्रिका प्राणायाम

  1. सबसे पहले सुखासन में बैठें। अब मेरुदंड, पीठ, गला तथा सिर को सीधा रखें और अपने शरीर को बिलकुल स्थिर रखें। 
  2. अब मुंह बंद कर लें। (और पढ़ें – भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका और फायदे)
  3. इसके बाद दोनों नासिका छिद्रों (Nostrils) से आवाज करते हुए श्वास लें और आवाज करते हुए श्वास बाहर छोड़ें। 
  4. श्वास लेने और छोड़ने की गति तीव्र होनी चाहिए। 
  5. श्वास लेते समय पेट बाहर की तरफ निकलना चाहिए और श्वास छोड़ते समय पेट अन्दर खींचना है। 
  6. यह प्रक्रिया करते समय केवल पेट हिलना चाहिए और छाती स्थिर रहनी चाहिए। 
  7. इस तरह कम से कम 20 बार करें।

 

साइनसाइटिस के लिए करें कपालभाती प्राणायाम  

  1. सब से पहले आप जमीन पर बैठ जाएँ और बैठने के बाद अपने पेट को ढीला छोड़ दें। 
  2. अब अपने नाक से सांस को बाहर छोड़ें। सांस को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर धक्का दें। (और पढ़ें – कपालभाती करने का तरीका और फायदे)
  3. इस प्राणायाम में श्वास अंदर लेने की क्रिया करने की जरुरत नहीं है। इस प्राणायाम में श्वास अपने आप अंदर की तरफ आने लगती है। 
  4. इस प्राणायाम को प्रतिदिन लगातार 15 से 20 मिनट तक करने से नाक खुलने लगती है और साइनसाइटिस की समस्या से छुटकरा मिल जाता है। 

 

साइनसाइटिस के लिए करें अनुलोम-विलोम प्राणायाम 

  1. साइनसाइटिस की समस्या में शुरू में अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने पर थोड़ी परशानी होगी लेकिन इस प्राणायाम को लगातार करने से बहुत लाभ मिलेगा। 
  2. अनुलोम-विलोम करने से पहले पद्मासन में बैठ जाएँ। 
  3. अब अपनी आँखों को बंद कर लें। (और पढ़ें – अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने का तरीका और फायदे)
  4. अब बाए हथेली को बाए घुटने पर रखें।
  5. प्रथम सांस बाहर निकालकर नासाग्र मुद्रा बनाएं। 
  6. दाएं हाथ के अंगूठे से एक तरफ की नाक को दबा कर छिद्र को बंद करें। 
  7. अंगूठे के पास वाली दोनों अंगुलियां तर्जनी और मध्यमा को भ्रूमध्य में रखें।
  8. अब बाए छिद्र से सांस खीचें, इसके पश्चात बाए छिद्र को अनामिका अंगुली से बंद करें और दाए छिद्र से अंगूठा हटाकर साँस छोड़ें।
  9. अब इसी प्रक्रिया को प्रतिदिन 15 से 20 मिनिट तक करें। इससे आपको साइनस की समस्या से छुटकरा मिल जायगा। 

 

साइनसाइटिस के लिए करें ये घरेलु उपचार 

यदि आपका कफ जायदा बढ़ गया है तो इसके लिए 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम खांड़ को मिलाकर पाउडर बना लें। इस पाउडर का एक चम्मच रात को गर्म दूध के साथ लें। इससे साइनस की समस्या में तुरंत लाभ मिलता है। 

साइनस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सोंठ, पिप्पली और काली मिर्च के बराबर मात्रा में मिला कर पाउडर बना लें। इस पाउडर का 1 ग्राम प्रतिदिन शहद के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है (और पढ़ें - शहद खाने के फायदे)

 

साइनसाइटिस हो तो करें ये परहेज

सावधानियां: साइनस की समस्या में भुनी, तली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और ठंडा पानी पीने से भी बचें।  (और पढ़ें –  साइनस के बचाव के उपाय)

 

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