डॉक्टर के द्वारा मौसम की वजह से होने वाली एलर्जी और साइनसाइटिस के इलाज के लिए सामान्यतः डिकंजस्टेंट और एंटीहिस्टामिन जैसी दवाई की सलाह जाती है। यह दवाईयां कुछ समय के लिए तो राहत पहुंचाती हैं, लेकिन इन दवईयों को खाने के कई दुष्प्रभाव भी हैं जैसे दिल तेज गति से धड़कना, ब्लड प्रेशर बढ़ना और सुस्ती। यदि आपको साइनसाइटिस और मौसमी एलर्जी के लक्षण महसूस होते हैं, तो दवाई की जगह इसे ठीक करने के लिए प्राकृतिक तरीके या घरेलू उपाय का  इस्तेमाल करना चाहिए।

आपको इस बात से वाकिफ होना चाहिए कि आहार मौसमी एलर्जी और साइनसाइटिस को ठीक करने में अहम रोल निभाता है। ऐसे कई रिसर्च हो चुके हैं, जिनमें इस बात की पुष्टी की जा चुकी है कि एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व मौसमी एलर्जी और साइनस को ठीक करने में सहायक हैं। लेकिन आपको यह अच्छी तरह से मालूम होना चाहिए कि मौसमी सर्दी और साइनस में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसलिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जो आपके बलगम को गाढ़ा बनाते हैं और शरीर में हिस्टामिन (हिस्टामिन एक कार्बनिक यौगिक है) के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इन खाद्य पदार्थों की वजह से आपको बार-बार छींक आना, नाक जाम होना और आंख व नाक में जलन की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आपको अपने डॉक्टर या डायटीशियन से इस बात का पता करना चाहिए कि मौसमी सर्दी और साइनसाइटिस में क्या खाएं और क्या न खाएं।

(और पढ़ें - साइनस के घरेलू उपाय)

  1. साइनस में क्या खाना चाहिए - Sinus me kya khana chahiye
  2. साइनसाइटिस के लिए डाइट चार्ट - Diet chart for sinus in hindi
  3. साइनस में क्या न खाएं और परहेज - Sinus me kya na khaye aur parhej

साइनस में खाएं विटामिन सी युक्त सब्जियां और फल - Sinus me vitamin c yukt sabjiya aur fal khaye

विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां साइनस के दौरान अधिक से अधिक खाएं। विटामिन सी हिस्टामिन के उत्पादन को कम करता है, जिससे साइनस के लक्षणों में सुधार आता है। हिस्टामिन की मात्रा बढ़ने से सूजन, बार-बार छीक आना, नाक से पानी बहना जैसे गंभीर लक्षण होने लगते हैं। इसलिए विटामिन सी के लिए संतरा, चकोतरा, स्ट्राबेरी जैसे खट्टे फल खाएं। इसके साथ ही साथ टमाटर, लाल व हरी मिर्च, पत्ता गोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियों को खाएं।

(और पढ़ें - नाक से पानी बहने का इलाज)

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साइनस में खाएं ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार - Sinus me omega three fatty acid yukt khadya padarth khaye

ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके शरीर के लिए बेहद आवश्यक वसा है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं। इसलिए ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों को खाएं। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और एलर्जी के लक्षण भी ठीक होते हैं। इसलिए अखरोट, बादाम, कद्दू बीज, अलसी जैसे सूखे मेव और बीज को साइनस में खाना चाहिए। इसके साथ ही साथ राजमा, मूंग की दाल जैसी फलियों को भी खाएं। इसके अलावा ओेमेगा-3 फैटी एसिड युक्त सैल्मन मछली खाएं।

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढाये)

साइनस में खाएं लाल मिर्च - Sinus me lal mirch khaye

लाल मिर्च में कैप्साइसिन नामक घटक मौजूद होते हैं, जो आपके बलगम को पतला बनाते हैं। इसके अलावा यह घटक बलगम को पतला करके के साथ-साथ बंद नाक को खोलने में भी मदद करते हैं। इसलिए खाना बनाते समय लाल मिर्च का इस्तेमाल करें।

(और पढ़ें - बलगम निकालने के उपाय)

साइनस में खाना चाहिए लहसुन - Sinus me lahsun khana chahiye

लहसुन में प्राकृतिक रूप से एलिसन और अजोएने नामक कैमिकल्स होते हैं, जो आपके बलगम को पतला बनाते हैं और बंद नाक को खोलने में मदद करते हैं। इसके अलावा लहसुन में सूजन को कम करने वाले गुण भी होते हैं। इसलिए अपने आहार में लहसुन को शामिल करें। आप लहसुन को भून कर भी खा सकते हैं।

(और पढ़ें - खाली पेट लहसुन खाने का फायदा)

साइनस में खाना चाहिए प्याज - Sinus me pyaj khana chahiye

सब्जी बनाने के लिए ताजा प्याज का इस्तेमाल करें। प्याज साइनस के दौरान आपके लिए बहुत ही लाभदायक होता है, क्योंकि यह आपके नाक से पानी को निकालने और बंद नाक को खोलने में मदद करता है। इसके अलावा प्याज में क्वेरसेटिन नामक यौगिक होता है, जिसमें एलर्जी को कम करने के गुण होते हैं। यह सूजन को भी कम करता है।

(और पढ़ें - बालों के लिए प्याज का रस)

साइनस में अधिक से अधिक पानी पीएं - Sinus me adhik se adhik pani piye

साइन के दौरान बार-बार छींक आने और नाक से पानी निकलने से आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे आपको सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी होने से स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए अधिक से अधिक पानी पीएं, इससे आपको साइनस और एलर्जी दोनों से राहत मिलेगी।

(और पढ़ें - रोज कितना पानी पीना चाहिए)

साइनस के दौरान डाइट प्लान अपनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे शुरू में तीन दिन तक लगातार फ्रूट डाइट का पालन करना चाहिए। इस दौरान रोजाना तीन दिन तक लगातार गर्म पानी भी पीएं, जिससे आपकी आंत में जमा विषाक्त पदार्थ पूर्ण रूप से बाहर निकल जाएंगे। फ्रूट डाइट में दिन में तीन बार संतरा, पपीता, अनानास, आम, नाशपाती और अंगूर जैसे ताजा फलों का जूस पीएं। ध्यान रहें तीनो बार में 5-5 घंटे का अंतराल होना चाहिए। इसके बाद आप डाइट चार्ट का पालन करें।

साइनस के लिए डाइट प्लान इस प्रकार है - 

भोजन  क्या खाएं

सुबह-सबह  

1 ग्लास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़ें और 1 चम्मच शहद मिलाकर पीएं।

सुबह का नाश्ता 

ताजा फल और आधा गिलास दूध में शहद मिलाकर पीएं।

दोपहर का भोजन

 1 कटोरी उबली हुई सब्जियां, गेहूं की रोटी और एक गिलास छाछ पीएं।

दोपहर के भोजन के बाद 

 एक गिलास फल या सब्जियों का जूस पीएं।

रात का भोजन 

1 कटोरी सब्जियों का सलाद, अकुरित अनाज, घर पर बना पनीर और एक गिलास छाछ पीएं।

(और पढ़ें - diabetic diet in hindi)

साइनस में तले हुए खाद्य पदार्थों को न खाएं - Sinus me fried food na khaye

तले हुए खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक तेल और वसा होती है, जिन्हें पचाना आपके लिए बहुत मुश्किल होता है। इसके अलावा तले हुए खाद्य पदार्थ चर्बी बढ़ाने का भी काम करते हैं। हालांकि, जब आप स्वस्थ्य होते हैं, तब भी तले हुए खाद्य पदार्थों को खाना आपके लिए लाभदायक नहीं हैं। इसलिए साइनस में तले हुए खाद्य पदार्थों को न खाएं, इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

(और पढ़ें - साइनस के लिए जूस और पाचन शक्ति कैसे बढ़ाये)

साइनस में कैफीन युक्त पेय पदार्थ न पीएं - Sinus me caffeine waali drinks na piye

कैफीन आपके एड्रि‍नल ग्रंथि (यह ग्रंथि गुर्दे के ऊपर के भाग में स्थित होती है।) को कमजोर बनाता है, जिससे नाक बंद होने की समस्या होती है। इसलिए साइनस में कैफीन युक्त पेय पदार्थों को न पीएं। इसके अलावा साइनस में कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे चाय और कॉफी से नाक बंद होने की समस्या होती है।

(और पढ़ें - बंद नाक खोलने का नुस्खा)

साइनस में रखें परहेज लस (ग्लूटन) युक्त खाद्य पदार्थों से - Sinus me gluten (las) yukt khadya padarth na khaye

गेहूं, जौ और डेरी उत्पाद में ग्लूटन या लस पाया जाता है। ग्लूटन या लस एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जिससे कुछ लोगों को एलर्जी होती है। इसलिए जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी हो उन्हें ग्लूटन युक्त खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों को खाने से साइनस के लक्षण और बढ़ सकते हैं।

(और पढ़ें - एलर्जी के लिए घरेलू उपाय)

साइनस में न पीएं दूध - Sinus me dudh na piye

साइनस के दौरान दूध पीने से बलगम गाढ़ा होने लगता है। डेरी उत्पाद और दूध आपके श्वसन नली, फेफड़ों और गले में बलगम की मात्रा को बढ़ा सकते है। इसलिए साइनस के दौरान अपने आहार में डेयरी उत्पाद और दूध को शामिल न करें।

(और पढ़ें - बलगम का उपचार)

साइनस में प्रोसेस्ड फूड से रखें परहेज - Sinus me processed food na khaye

प्रोसेस्ड फूड को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए और इसे अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इनमें कई प्रकार के कैमिकल मिलाएं जाते हैं, जो आपके पेट के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। इसके साथ ही साथ यह साइनस संक्रमण को भी बढ़ाते हैं। इसलिए साइनस के दौरान प्रोसेस्ड फूड न खाएं।

(और पढ़ें - फेफड़ों के इन्फेक्शन का इलाज)

साइनस में अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ न खाएं - Sinus me adhik fat wale food na khaye

साइनस के दौरान अधिक वसा युक्त खाद्य पदार्थों को न खाएं, यह साइनस के लक्षणों को बढ़ाते हैं। पिज्जा, पनीर, पास्ता, डेरी उत्पाद, अंडा, मीट और अनाज जैसे खाद्य पदार्थ चर्बी को बढ़ाते हैं, जिससे सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थ साइनस संक्रमण को भी बढ़ावा देते हैं, इसलिए इन खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।

(और पढ़ें - संक्रमण का इलाज)

साइनस में नहीं खानी चाहिए प्रोसेस्ड चीनी - Sinus me processed chini nahi khani chahiye

साइनस के दौरान प्रोसेस्ड चीनी नहीं खानी चाहिए क्योंकि प्रोसेस्ड चीनी में फ्रुकटोज या सुक्रोज की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो साइनस के लक्षणों को बढ़ाते हैं। इसलिए पेस्टी, चॉकलेट और आइसक्रीम जैसे खाद्य पदार्थों को न खाएं। इसके साथ ही साथ साइनस में सोडा भी न पीएं, यह भी आपके लिए नुकसानदायक है।

(और पढ़ें - साइनस के लिए योग)

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