शिल्डर डिजीज क्या है?

शिल्डर डिजीज माइलिन से जुड़ी एक दुर्लभ स्थिति है, जो आमतौर पर बचपन में शुरू होती है। यह 7 से 12 साल के लड़कों में ज्यादा आम है।

माइलिन एक सुरक्षात्मक परत है जो शरीर की अधिकांश नसों के चारों ओर मौजूद होती है। माइलिन किसी बिजली के तार पर कोटिंग की तरह दिखती है। यह संकेतों को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करती है। जब माइलिन को नुकसान हो जाता है, तो संकेत सामान्य तरह से आगे नहीं बढ़ पाते हैं।

शिल्डर डिजीज को मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) का रूप माना जाता है। एमएस में प्रतिरक्षा प्रणाली माइलिन को नुकसान पहुंचता है। इस डिजीज की शुरुआत होने के बाद व्यक्ति 10 साल तक 

शिल्डर डिजीज को कई अन्य नाम से भी जाना जाता है :

  • डिफ्यूज सेरेब्रल स्क्लेरोसिस
  • डिफ्यूज सेरेब्रल स्केलेरोसिस ऑफ शिल्डर
  • मायेलिनोक्लास्टिक डिफ्यूज स्केलेरोसिस

शिल्डर डिजीज के संकेत और लक्षण क्या हैं?

शिल्डर डिजीज में शुरुआत में बेचैनी और बुखार हो सकता है, लेकिन बाद के लक्षणों में शामिल हैं -

जैसे-जैसे बीमारी आगे बढ़ती है, लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए :

शिल्डर डिजीज का कारण क्या है?

शिल्डर डिजीज का कारण स्पष्ट नहीं है। यह आमतौर पर कम उम्र के बच्चों में शुरू होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह आनुवंशिक स्थिति से जुड़ा हो सकता है।

शिल्डर डिजीज किसी संक्रामक बीमारी के तुरंत बाद होता है। यह सिरदर्द, बेचैनी या बीमारी की भावना और बुखार के साथ शुरू हो सकता है। इसमें तंत्रिका संकेतों का संचरण धीमा हो जाता है।

शिल्डर डिजीज का निदान कैसे होता है?

इस बीमारी के निदान के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। डॉक्टर संभवतः शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं और लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं। वे एमआरआई और ईसीजी कराने के लिए भी सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा वे माइलिन पर स्कार टिश्यू का पता कर सकते हैं, जो शिल्डर डिजीज का मुख्य लक्षण है।

शिल्डर डिजीज का इलाज कैसे होता है?

शिल्डर डिजीज के उपचार का लक्ष्य इसके लक्षणों का प्रबंधन करना है। इनमें शामिल हैं :

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड (दवाओं का एक वर्ग जो शरीर में सूजन को कम करता है)
  • बीटा इंटरफेरॉन (मल्टीपल स्क्लेरोसिस को ठीक करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है)
  • इम्यूनोसप्रेसिव ड्रग्स (ऑटोइम्यून स्थिति को ठीक करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है)
  • फिजियोथेरेपी (इस चिकित्सा के जरिये शारीरिक गतिविधि, ताकत और मुद्रा (पॉश्चर) में सुधार लाया जा सकता है)
  • व्यावसायिक चिकित्सा (शारीरिक, संवेदी या संज्ञानात्मक समस्याओं में मदद करने वाली चिकित्सा)
  • इसके अलावा आहार विशेषज्ञ की मदद से पोषण संबंधी सहायता भी की जा सकती है।

(और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)

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