नाक के माध्यम से शरीर में संचारित होने वाले बैक्टीरिया को रोकने के लिए नाक बहना शुरू हो जाती है, जिसकी वजह से आप बीमार हो सकते भी हैं। इसलिए कभी-कभी नाक बहना और उसके साथ बलगम आना अच्छा होता है। यह बीमारियों को रोकने और शरीर को संक्रमण से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इसलिए, ठंडे मौसम में जब सर्दी और फ्लू जैसी समस्या होती है और आप इसके संपर्क में आते हैं, तो आपको हाइड्रेटेड रहने की बहुत जरूरत होती है। इसलिए इस स्थित में आप पानी पीते रहें। बहती नाक को रोकने के लिए कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं, जिन्हे आप डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं।
कोल्ड की वजह से नाक बहना बहुत आम है, जिसके कारण नाक सिकुड़ना और बार-बार छींकने जैसी समस्या हो जाती है। कोल्ड के लक्षण आमतौर पर 3 से 7 दिनों तक रहते हैं, लेकिन कभी-कभी ये लक्षण आपको 2 हफ्तों से अधिक समय तक भी परेशान कर सकते हैं।
अगर आपको कोल्ड है या आपकी नाक बहती है, तो रात को अच्छे से सोने के लिए आप निम्न तरीकों और उपायों को अपनाएं। अगर आपकी नाक बहती है या आपको किसी चीज से एलर्जी है, तो रात को सोने से पहले एंटीहिस्टामिन दावा लें, यह आपकी छींक और बहती नाक को कंट्रोल करने में मदद करती है, जिससे आपकी नींद खराब न हो। अगर आपको धूल या पालतू जानवरों से एलर्जी है, तो अपने कमरे में साफ-सफाई रखें और पालतू जानवर को अंदर न आने दें। सोते समय अपने सिर को ऊंचा रखकर सोएं। रात को सोने से पहले किसी तरह की नशीले पर्दाथ या शराब और कैफीन आदि का सेवन न करें, ये आपको डिहाइड्रेट कर सकते हैं। नेसल स्प्रे का इस्तेमाल करें।
बहती नाक को रोकने के लिए बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं जैसे टैबलेट Alcof D (एल्कोफ डी), टैबलेट Alday Am (एल्डे एम), टैबलेट Alex (एलेक्स), टैबलेट Allercet (एल्लेरसेट) या टैबलेट Ambcet (एम्बसेट)। ध्यान रहे कि इनमें से कोई भी दवा आप डॉक्टर की सलाह के बगैर न लें। डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेने से आपको गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
जब आपको कोल्ड होता है, तो इसके साथ आपकी नाक बहने लगती है, जिसकी वजह से आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं। अधिक मात्रा में कॉफी और कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा पीने से भी आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं। इसलिए आपको इन पेय पदार्थों को अधिक मात्रा में लेने से बचाना चाहिए।
अगर आपको कोल्ड है, तो इसके साथ आपको नाक बहने और नाक बंद होने जैसी समस्या हो सकती है जो कि होना बहुत आम है। इसी के साथ आपको गले में खिचखिचाहट, छींक, नाक से पानी और हल्का बुखार (शरीर का तापमान 102 डिग्री से कम रहता है) भी आ सकता है।
जब आपकी नाक या साइनस अधिक बलगम बनाने लगती है, तो आपकी नाक बहने लगती है और आप नाक सिकोड़ने लगते हैं व कई बार आप इसे निगल भी लेते हैं। ज्यादा बलगम निगलने की वजह से आपके फेफड़े प्रतिक्रिया करते हैं, जिसकी वजह से आपको खांसी होने लगती है और बलगम वापस बाहर निकल जाता है।
मौसम और पर्यावरण में बदलाव होने से नॉर्मली आपको एलर्जी हो सकती है जिस वजह से आपको नाक बहना, छींक आना, नाक बंद होना और आंखों में खुजली होने जैसी समस्या हो सकती है। एलर्जी का एक लक्षण वर्टिगो (चक्कर आने की स्थिति) भी है जो कि बहुत आम लक्षण नहीं है, लेकिन मौसमी एलर्जी की वजह से आपको नाक बहने और चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है।