ऐसा कई बार होता है कि कोई काम करते समय या बिना किसी वजह भी अचानक आपकी किसी नस में दर्द होने लगता है, जिसे हम आम भाषा में नस चढ़ना कह देते हैं। नस चढ़ने का अर्थ होता है किसी मांसपेशी का अपने आप जबरदस्ती सिकुड़ जाना। इसमें अचानक बहुत तेज दर्द होता है और ये दर्द कुछ समय तक रहता है।

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नस चढ़ने की समस्या बहुत ही आम है और शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। आमतौर पर नस चढ़ने की समस्या जांघ, हाथ, पैर, गर्दन, पिंडली और पेट में होती है। इसके लिए ज्यादातर आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि ये अपने आप या कुछ प्राथमिक उपचार से सही हो जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में आपको डॉक्टर से चिकित्सा लेने की आवश्यकता हो सकती है।

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इस लेख में नस चढ़ जाए तो क्या करें, पैर की नस चढ़ने पर क्या करें, गर्दन की नस चढ़ने पर क्या करना चाहिए, कमर की नस चढ़ जाए तो क्या करें और नस चढ़ने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।

  1. नस पर नस चढ़ जाए तो क्या करें? - Nas chadne par kya kare in hindi
  2. नस चढ़ने पर डॉक्टर के पास कब जाएं? - Nas chadhne par doctor ke pas kab jana chahiye
  3. सारांश

नस चढ़ने पर निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं -

  • नस चढ़ने पर सबसे पहले आप जो भी काम कर रहे हों उसे वहीं रोक दें, नहीं तो समस्या बढ़ सकती है।
  • इसके बाद प्रभावित क्षेत्र में हल्की-हल्की मसाज करें या उस क्षेत्र को हल्के हाथों से मलें। (और पढ़ें - बॉडी मसाज करने का तरीका)
  • अब स्ट्रेचिंग करें। जब आप स्ट्रेचिंग करते हैं, तब आपकी मांसपेशी जिस तरफ खिंची होती है, उससे उल्टी तरफ खिंचने लगती है और लम्बी होने लगती है। ध्यान रहे कि आप ज्यादा अधिक जोर लगाकर स्ट्रेचिंग न करें और मांसपेशियों को अधिक न खींच लें। अगर आपको दर्द हो तो स्ट्रेचिंग न करें। (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द के कारण)
  • कोशिश करें कि प्रभावित क्षेत्र की स्ट्रेचिंग करते समय उस क्षेत्र को कुछ समय के लिए स्ट्रेच करके रखें।
  • अब प्रभावित क्षेत्र पर आइस पैक रखें या ठंडी सिकाई करें, इससे दर्द और सूजन में राहत मिलती है। (और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
  • अगर आपको अभी भी दर्द हो रहा है, तो आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दर्द निवारकदवाएं ले सकते हैं। (और पढ़ें - पेन किलर क्या है)
  • अगर मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो रही है, तो आप प्रभावित क्षेत्र पर गर्म सिकाई कर सकते हैं। (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द के घरेलू उपाय)
  • बहुत अधिक सूजन होने पर आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, इनसे प्रभावित क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ता है और नस चढ़ने की समस्या ठीक होती है।

पैर की नस चढ़ने पर क्या करें? - Pair ki nas chadne par kya karna chahiye

अगर आपके पैर की नस चढ़ी है, तो निम्नलिखित उपाय आपकी मदद कर सकते हैं -

  1. जिस जगह की नस चढ़ी है, उस जगह को हल्के हाथों से मलें।
  2. प्रभवित क्षेत्र पर ठंडी सिकाई कर लें। (और पढ़ें - पैरों में सूजन के घरेलू उपाय)
  3. एक्सरसाइज
  • पिंडली की या जांघ की पिछली तरफ की नस चढ़ने पर दीवार से कुछ दूर खड़े हो जाएं और अपने हाथों को दीवार पर रख लें। अपने घुटनों और पीठ को सीधा रखें व एड़ियों को जमीन पर टिकाए रखें। अब अपने हाथों पर जोर डालकर आगे की तरफ झुक जाएं। आपको अपनी पिंडलियों की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होगा। (और पढ़ें - पिंडली के लिए योगासन)
  • इसके अलावा पैरों को सीधा करके बैठ जाएं और अपनी एड़ी को पकड़ लें और उसे अपने सिर की ओर खींचने की कोशिश करें।
  • जांघ की आगे की तरफ की नस चढ़ने पर खड़े होकर एक कुर्सी को पकड़ लें। अब अपनी एड़ी को पीछे की तरफ से मोड़कर अपने कूल्हों के पास लेने की कोशिश करें। (और पढ़ें - जांघ में दर्द के कारण)
  • पंजों की नस चढ़ने पर बैठ जाएं और पैरों को सीधा कर लें। अब अपने पंजों को सिर की तरफ मोड़ने का प्रयास करें। इससे आपको पिंडलियों और पंजों की मांसपेशियों में खिंचाव मेहसूस होगा।
  • अगर आपको कोई भी एक्सरसाइज करते समय सामान्य से अधिक दर्द हो रहा है, तो वह एक्सरसाइज न करें।

(और पढ़ें - पैरों की मसाज कैसे करें)

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गर्दन की नस चढ़ जाए तो क्या करें? - Gardan ki nas chadh jaye to kya karna chahiye

गर्दन की नस चढ़ने पर निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं -

  1. गर्दन में नस चढ़ने की समस्या तनाव के कारण हो सकती है, इसीलिए सबसे पहले अपना तनाव कम करें। इसके लिए आप योग और ध्यान लगाना कर सकते हैं। (और पढ़ें - आसान योग जो हर कोई कर सकता है)
  2. नस चढ़ने के लिए ठंडी सिकाई का उपयोग किया जा सकता है, इससे मांसपेशियों में खिंचाव कम होगा।
  3. एक्सरसाइज
    नस चढ़ने पर होने वाले दर्द में एक्सरसाइज से काफी आराम मिल सकता है। इसके लिए आप नीचे दिए गए व्यायाम कर सकते हैं -
  • अपने सिर पर अपना हाथ रखें और एक-एक करके अपनी गर्दन को दाहिनीं और बहिनीं ओर कन्धों की तरफ झुकाएं। (और पढ़ें - कंधे में दर्द के कारण)
  • अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ करके सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने सीधे हाथ से उल्टे हाथ को पकड़ें और नीचे की तरफ खीचें। इस समय अपने सिर को सीधे हाथ की तरफ झुकाएं। (और पढ़ें - नसों में दर्द के लक्षण)
  • गर्दन की नस चढ़ने पर हल्के हाथों से अपनी गर्दन की मसाज करें। अपनी उंगलियों को गोल-गोल घुमाते हुए गर्दन पर दबाव बनाएं। (और पढ़ें - एड़ी में दर्द के घरेलू उपाय)
  • नस चढ़ने पर आप प्रभावित क्षेत्र पर गर्म सिकाई भी कर सकते हैं। इससे उस जगह की मांसपेशियों में खिंचाव कम होगा और रक्त का प्रवाह कम होगा। (और पढ़ें - रक्त संचार धीमा होने के कारण)

(और पढ़ें - गर्दन में अकड़न के घरेलू उपाय)

कमर की नस चढ़ने पर क्या करें? - Kamar ki nas chadne par kya karna chahiye

कमर में नस चढ़ने पर अचानक से बहुत तेज दर्द उठता है और इसके कारण कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है। कमर की नस चढ़ने पर निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं -

  • मसाज - प्रभावित क्षेत्र में मसाज करने से मांपेशियों के संकुचन में आराम मिलता है और दर्द भी कम होता है। मसाज करने के लिए हल्के हाथों से कुछ देर तक प्रभावित क्षेत्र पर दबाव बनाए और अपनी उंगलियों को गोल-गोल घुमाएं। अगर आपको उस जगह नब्ज महसूस होती है, तो दबाव न बनाएं। (और पढ़ें - नब्ज कैसे देखें)
  • मसल रिलेक्सेंट दवाएं - इन दवाओं से शरीर की मांपेशियों को आराम मिलता है। हालांकि, कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह कर लें। (और पढ़ें - कमर दर्द के कारण)
  • सिकाई - गर्म या ठंडी दोनों ही तरह की सिकाई से नस चढ़ने से होने वाले दर्द और सूजन में आराम मिलता है। हो सके तो पहले गर्म सिकाई और फिर ठंडी सिकाई करें। इनके बीच में लगभग आधे घंटे का अंतराल होना चाहिए। यद् रहे कि आप जिस वस्तु से गर्म या ठंडी सिकाई कर रहे है, उसे सीधे अपनी त्वचा पर न रखें, उसे तौलिये से लपेट लें नहीं तो आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। (और पढ़ें - त्वचा पर बर्फ लगाने के फायदे)
  • नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाएं - इन दवाओं से एकदम से आराम नहीं मिलता है, लेकिन ये कुछ समय में अपने असर दिखती हैं। इनसे सूजन और दर्द में आराम मिलता है, जैसे आइबुप्रोफेन या एस्पिरिन अदि। (और पढ़ें - कमर दर्द के घरेलू उपाय)
  • पानी पिएं - शरीर में पानी की कमी के कारण भी गर्दन की नस चढ़ने की समस्या हो सकती है, इसीलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का प्रयास करें। (और पढ़ें - पानी कब कितना और कैसे पीना चाहिए)
  • आराम करें - कमर की नस चढ़ने पर आराम करना बहुत जरूरी है। आराम करते समय बेड पर लेट जाएं और अपने घुटनों के नीचे तकिया रख लें। यद् रखें कि ज्यादा आराम करने से भी आपकी मांसपेशियां अकड़ सकती हैं, इसीलिए थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ समय के लिए टहलें। (और पढ़ें - पैदल चलने के फायदे)

(और पढ़ें - कमर पतली करने के योग)

निम्नलिखित समस्याएं होने पर अपने डॉक्टर के पास अवश्य जाएं -

  • अगर आपके नस चढ़ने के लक्षण बढ़ते जा रहे हैं।
  • अगर अपने आप उपाय करने के बाद भी लक्षण नहीं जा रहे हैं।
  • अगर आपको बार-बार नस चढ़ने की समस्या हो रही है।
  • अगर आपकी गर्दन में नस चढ़ने की समस्या हुई है और आपके हाथ या हथेलियां सुन्न हो रही हैं या उनमें झनझनाहट हो रही है। (और पढ़ें - गर्दन में अकड़न के कारण)
  • अगर आपकी नस चढ़ने की समस्या में कुछ बदलाव आए हैं।
  • अगर आपको गिरने के कारण नस चढ़ने की समस्या हुई है।
  • अगर आपके किसी जोड़ में जकड़न महसूस हो रही है। (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय)
  • अगर लेटने पर या सोते हुए बीच में उठने पर और बढ़ जाता है।
  • अगर आपके दर्द और परेशानी बढ़ रहे हैं।
  • आप अपने मूत्र पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। (और पढ़ें - पेशाब न रोक पाने के कारण)
  • आपको रोजमर्रा के काम करने में भी समस्या हो रही है।
  • आपको चलने में और संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही है।

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल ​से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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नस पर नस चढ़ने की समस्या (मसल क्रैम्प) आमतौर पर मांसपेशियों में खिंचाव, थकान, या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण होती है। इसे तुरंत राहत देने के लिए प्रभावित हिस्से की धीरे-धीरे मालिश करें और खिंचाव वाली मांसपेशी को स्ट्रेच करें। गर्म पानी की सिकाई या गर्म तौलिये का इस्तेमाल करने से भी मांसपेशियों को आराम मिलता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और पोटैशियम, कैल्शियम, और मैग्नीशियम युक्त आहार लेना इससे बचाव में सहायक होता है। यदि समस्या बार-बार हो रही हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से परामर्श लें, क्योंकि यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

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