मांसपेशियों में दर्द को अंगमर्द या माइएलजिआ के नाम से भी जाना जाता है। ये अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि इससे किसी स्वास्थ्य समस्या जैसे कि मांसपेशियों से संबंधित विकार या चोट का पता चलता है। ऑटोइम्यून स्थितियां (जिसमें इम्यून सिस्टम शरीर के अंदर के ऊतकों को नष्ट करने लगता है), रक्त प्रवाह में अवरोध, नसों से संबंधित बीमारियां, स्ट्रेस, मांसपेशियों का अत्यधिक इस्तेमाल या किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
आयुर्वेद में मांसगत वात या वात को साफ कर मांसपेशियों के दर्द को दूर करके, रक्त प्रवाह में सुधार और शरीर से अमा को बाहर निकालने के लिए पंचकर्म थेरेपी में से स्नेहन (शरीर को अंदर या बाहर से चिकना करने की विधि), स्वेदन (पसीना लाने की विधि) और अभ्यंग (तेल मालिश) का उल्लेख किया गया है। मांसपेशियों से संबंधित बीमारियों जैसे कि फाइब्रोमाएल्जिया (मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द) के कारण हुए मांसपेशियों में दर्द को कम करने के लिए गुग्गुल, अश्वगंधा और यष्टिमधु (मुलेठी) जैसी जड़ी बूटियों के साथ औषधियों में दशमूलारिष्ट जैसे हर्बल मिश्रणों का इस्तेमाल किया जाता है।
इनमें मौजूद दर्द निवारक गुण मांसपेशियों के दर्द को कम करने में असरकारी हैं। योग के साथ संतुलित आहार और शारीरिक थेरेपी की मदद से व्यक्ति को ठीक होने में मदद मिलती है।