अफ्रीका के देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) से आई खबर के अनुसार वहा खसरा के सबसे खतरनाक मामले देखे गए हैं। बताया जा रहा है कि खसरे से अब तक करीब 4,723 लोगों की कारण मृत्यु हो चुकी है। कांगो देश पहले से ही इबोला वायरस से जूझ रहा था। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्लूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से लेकर अक्टूबर तक खसरे के 2,33,327 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 2 प्रतिशत बेहद घातक बताए जा रहे हैं।
कांगो के सभी 26 राज्यों में खसरे का खतरा मंडरा रहा है। अभी तक इस रोग के फैलने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रभावित स्वास्थ्य इलाकों में नए मामलों की जांच और सैंपल इकट्ठा करके किंशासा स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (आईएनआरबी) को भेजने की प्रक्रिया जारी है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार अक्टूबर 27 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते के बाद पूरे कांगो में करीब 7,421 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें 146 की मौत भी शामिल है। सरकार ने 30 अक्टूबर 2019 टीकाकरण प्रोग्राम शुरू किया और इसमें 44,93,694 बच्चों के टीकाकरण (वैक्सीनेशन) का लक्ष्य रखा गया। हालांकि, अभी तक केवल 2,134,516 (47.5 फीसदी) बच्चों का ही टीकाकरण हो पाया है।
क्या है खसरा (measles)
खसरा को रूबिओला, मोर्बिला और लाल खसरा भी कहा जाता है, यह श्वसन प्रणाली का एक वायरल संक्रमण है। खसरा संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के कारण फैल सकता है। इसके फैलने का मुख्य कारण संक्रमित लार या बलगम के संपर्क में आना होता है। यह बीमारी पहले बेहद आम हुआ करती थी, लेकिन अब इसके मामले केवल बच्चों में ही पाए जाते हैं। इस रोग के संक्रमण हवा में मिलकर किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकते हैं।
इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं :
खसरा रूबिओला नाम के वायरस के कारण होता है जो संक्रमित व्यक्ति के नाक और गले में पाया जाता है। यह छींकने, खांसने और ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
टीकाकरण जरूर करवाएं
बच्चों को इस रोग से बचाने के लिए खसरा वायरस टीका (measles virus vaccine) लगवाना बेहद जरूरी होता है। इस वायरस से ग्रस्त लोगों को सलाह दी जाती है कि जबतक वह पूरी तरह से ठीक न हो जाएं, तब तक किसी के संपर्क में न आएं। इस बीमारी के लक्षणों का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करके टेस्ट करवा लेना चाहिए।
डॉक्टर खसरे के लक्षण के आधार पर आपका इलाज करेंगे। इसके अलावा इसके अन्य इलाजों में शामिल हैं :
- बीमारी के बाद टीकाकरण
- प्रतिरक्षा सीरम ग्लोबुलिन
- बुखार कम करने वाले स्रोत
- विटामिन ए का सेवन
फिल्हाल कांगो में डब्लूएचओ का कहना है कि जहां एक तरफ इबोला वायरस के मामलों में गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर देश के कई स्वस्थ इलाकों में हर हफ्ते खसरे के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में भी यह वायरस कई बार दस्तक दे चुका है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2016 में खसरे के करीब 71,726 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, दवा उपलब्ध होने के कारण यहां कांगो जितनी गंभीर स्थिति उत्पन नहीं हुई थी।