शुक्राणु की कमी, पुरुषों में प्रजनन क्षमता की कमी का एक महत्वपूर्ण कारण है। प्रजनन क्षमता में कमी का मतलब है, शुक्राणु में कुछ नुक्स या शुक्राणु की कमी (2 करोड़ से कम) के कारण बार-बार बिना कंडोम सेक्स करने के बाद भी गर्भधारण न कर पाना। प्रजनन क्षमता में कमी, बांझपन से अलग होती है क्योंकि इसमें बिना डॉक्टर की सहायता के प्रेग्नेंट होने की कुछ संभावना होती है, हालांकि, इसमें समय अधिक लगता है। शुक्राणु की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे हार्मोन उत्पादन का विकार, शुक्राणु के रास्ते में रुकावट, वैरीकोसेल, वीर्य का उलटे रास्ते जाना, पुरुष जननांग में सूजन व संक्रमण, गुप्तवृषणता, स्तंभन दोष, अनुवांशिक कारक, सिगरेट पीना, शराब पीना और मानसिक तनाव।
होम्योपैथिक उपचार शुक्राणु की कमी के लिए एक असरदार इलाज है, खासकर अगर ये समस्या वैरीकोसेल, संक्रमण, हार्मोन असंतुलन या स्तंभन दोष के कारण हुई है। हालांकि, सर्जरी के कारण हुई शुक्राणु की कमी पर होम्योपैथिक दवाओं का प्रभाव कम होता है। व्यक्ति के लक्षणों व अन्य कारक के आधार पर दिए जाने वाला होम्योपैथिक उपचार व्यक्ति के शुक्राणु व उनकी गुणवत्ता को बढ़ाता है और साथ ही व्यक्ति का स्वास्थ्य भी बेहतर करता है। शुक्राणु की कमी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं हैं लाइकोपोडियम (Lycopodium), पल्सेटिला (Pulsatilla), अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum nitricum), कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica), अग्नस कास्टस (Agnus castus) और सेलेनियम (Selenium)।
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