अगर आपको किडनी संबंधी समस्या है, तो यह जानना जरुरी है की आप जो खा रहे हैं, वह आपके स्वास्थ्य के लिए हेल्दी है या नहीं। दरअसल आपकी रसोई में मौजूद कई आहार ऐसे हो सकते हैं, जिसमें शुगर और सोडियम मौजूद होता है। ये दोनों ही तत्व डायबिटीज और ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकते हैं, जो आपके किडनी के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। ऐसे में किडनी का काम प्रभावित होगा और आपका स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा। सो, यहां आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें डाइट से दूर रखकर अपनी किडनी को हेल्दी-फिट रख सकते हैं।
सोडियम से दूर रहें
सोडियम प्राकृतिक रूप से खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है। सोडियम अत्यधिक अस्थिर क्षार धातु है। यह हमारे शरीर में मौजूद पानी को संतुलित रखता है और आपका किडनी नियमित रूप से सोडियम को चेक करता है। लेकिन जिन लोगों को किडनी संबंधी समस्या होती, उनके आहार में अगर सोडियम की मात्रा बढ़ जाए तो उन्हें कई तरह की परेशानी उठानी पड़ सकती है मसलन ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, पैरों में सूजन आ सकती है, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है आदि। ऐसे में आपको चाहिए कि अपनी डाइट में रोजना 2 एमजी से ज्यादा सोडियम न लें।
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बटर न खाएं
लोग ब्रेड में बटर लगाकर बड़े चाव से खाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बटर आपके किडनी के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। दरअसल बटर, एनिमल फैट से बनता है। इसमें कोलेस्ट्रोल, कैलोरी और हाई सैच्युरेटेड फैट होता है। यह आपकी हेल्थ के लिए सही नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि आप बटर का सेवन कम करें। इसके बजाय ओलिव आयलका इस्तेमाल करें। अगर आप बटर खाना ही चाहते हैं, तो बटर का ऐसा विकल्प चुनें, जिसमें कैलोरी और सैच्युरेटेड फैट कम हो और ट्रांस फैट बिल्कुल न हो।
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सही नहीं है फ्रोजन मील
तमाम अध्ययन इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि प्रोसेस्ड फूड टाइप 2 डायबिटीज को बढ़ाते हैं। पिज्जा, फ्रोजन फूड है। इस तरह के आहार में शुगर, सोडियम, वसा भारी मात्रा में पाई जाती है। हालांकि सभी फ्रोजन मील एक जैसे नहीं बनाए जाते। इसके बावजूद आप कोशिश करें कि घर का पका खाना ही खाएं। अगर आपको फ्रोजन मील खाना ही है, तो उसमें सोडियम मात्रा का ध्यान रखें। साथ ही अपनी डाइट में शुगर की मात्रा भी कम रखें। अपनी डाइट में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें।
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कैल्शियम और फोसफोरस की मात्रा कम करें
अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए कैल्शियम और फोसफोरस की जरूरत भी होती है। जब किडनी सही तरह से काम करता है तो इनकी मात्रा को लेकर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं होती। लेकिन जब किडनी संबंधी समस्या होती है, तो फोसफोरस का लेवल भी बढ़ जाता है। इससे आपको हृदय संबंधी समस्या हो सकती है। इससे आपका कैल्शियम का स्तर कम हो सकता है। कहने का मतलब यह है कि अपने फोसफोरस और कैल्शियम को हमेशा संतुलित रखें। इससे किडनी बेहतर काम करेगा। अगर आपको किडनी की समस्यास है, तो डाक्टर आपको प्रतिदिन 1000 मिलिग्राम फोसफोरस लेने को कह सकते हैं। इसके लिए आप ताजे फल, सब्ज्यिां, मक्के के दाने, दाल, स्वस्थ पेय पदार्थ लें। इसके अलावा मांसाहार, दूध और मछली से दूर रहें और दुग्ध उत्पादों में कमी करें।
कुल मिलाकर कहने की बात यह है कि अपनी डाइट में ऐसी चीजों को कभी शामिल न करें, जो किडनी लिए सही न हो। इससे न सिर्फ किडनी काम करना बंद करता है बल्कि आपके शरीर के सभी अंगों पर इसका असर पड़ सकता है।
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