कल्मन सिंड्रोम (केएस) एक ऐसी स्थिति है जिसकी वजह से हाइपोगोनैडोट्रोपिक हाइपोगोनाडिज्म और इम्पेयर्ड सेंस ऑफ स्मेल (सूंघने की शक्ति में कमी या असंतुलन) होता है। हाइपोगोनैडोट्रोपिक हाइपोगोनाडिज्म में सेक्सुअल डेवलपमेंट के लिए आवश्यक हार्मोन के उत्पादन क्षमता प्रभावित हो जाती है। यह परेशानी जन्म से मौजूद होती है और गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) की कमी की वजह से होती है।
सेक्सुअल डेवलपमेंट की कमी की वजह से कल्मन सिंड्रोम का निदान अक्सर युवावस्था में किया जाता है। इसकी पहचान आसानी से उन नवजातों (male infant) में की जा सकती है जिनमें 'अंडीसेंडेड टेस्टिकल' या छोटे लिंग जैसी स्थिति होती है। यहां अंडीसेंडेड टेस्टिकल का मतलब बच्चे के जन्म से पहले अंडकोष का उसके सही जगह पर ना आने से है।
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