आज के समय में जोड़ों के दर्द की परेशानी बुजुर्गों की समस्या ही नहीं, बल्कि किसी भी उम्र में देखने को मिल सकती है. जोड़ों में दर्द का मुख्य कारण गठिया या हड्डियों से जुड़ी परेशानी या कोई चोट भी हो सकती है. रोजाना थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करने से शरीर एक्टिव रहता है और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. इसलिए, जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए स्विमिंग, साइक्लिंग, मॉर्निंग वॉक आदि एक्सरसाइज करना फायदेमंद है.

आज इस लेख में जानेंगे जोड़ों के दर्द के लिए एक्सरसाइज के बारे में-

  1. जोड़ों का दर्द कम करने के लिए एक्सरसाइज
  2. जोड़ों के दर्द को बढ़ने से रोकने के उपाय
  3. सारांश
जोड़ों के दर्द के लिए एक्सरसाइज के डॉक्टर

जोड़ों का दर्द कई कारणों से हो सकता है, जैसे- बहुत दिनों तक घर पर ही रहने और कोई शारीरिक गतिविधि न करने के कारण या पहले कभी जोड़ों पर कोई चोट लगी हो या फिर एजिंग. कई बार लंबे समय तक एक ही पॉजीशन में लगातार बैठे रहने से भी जोड़ों में दर्द हो सकता है. गठिया जैसी स्वास्थ्य स्थिती भी इसका मुख्य कारण हो सकती हैं.

जोड़ों के दर्द को एक्टिव रहकर और कुछ हल्की एक्सरसाइज से कम किया जा सकता है, क्योंकि अगर अधिक इंटेंस एक्सरसाइज करेंगे, तो इससे दर्द और अधिक बढ़ सकता है. आइए, विस्तार से जानें, जोड़ों के दर्द के लिए एक्सरसाइज के बारे में-

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स्विमिंग

हल्के -फुल्के और मजेदार वर्कआउट के लिए स्विमिंग कर सकते हैं. पानी में मसल्स स्ट्रेच होती हैं, तो जोड़ों को थोड़ी राहत मिलती है. अगर तैराकी नहीं आती है तो वॉटर वॉक भी कर सकते हैं. स्टडीज में भी यह साबित हो चुका है कि पानी से जुड़ी एक्सरसाइज करने से जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है. यही नहीं स्विमिंग वजन कम करने में भी सहायक है. साथ ही इससे मूड भी बेहतर होता है.

साइकलिंग

साइकिलिंग जोड़ों के लिए काफी अच्छी एरोबिक एक्सरसाइज है. इस एक्सरसाइज के कारण जोड़ों पर ज्यादा प्रेशर भी नहीं पड़ता, लेकिन साइकल चुनते समय खास ध्यान रखें कि माउंटेन बाइक या हाइब्रिड बाइक आदि का चुनाव करें. ये पकड़ने में आरामदायक और मजबूत होती हैं. साइकलिंग तब ही करें, जब आप ठीक से चला पाएं. अन्यथा साइकलिंग करते समय गिरने का खतरा रहता है. अगर गलती से गिर भी जाते हैं, तो जोड़ों में और अधिक दर्द हो सकता है. इसलिए इस एक्सरसाइज के दौरान सावधानी भी जरूरी है.

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योग

जोड़ों के दर्द का एक कारण गठिया भी है. इसलिए गठिया के दर्द में राहत पाने के तरीकों में योग काफी सहायक हैं. यह एक्सरसाइज शरीर को बैलेंस बनाने में मदद तो करती ही है. साथ में जोड़ों का पूरे शरीर के साथ कोर्डिनेशन भी बनाती है. इन एक्सरसाइज से जोड़ रिलैक्स महसूस करते है और उनमें लचीलापन आता है. इस कारण ये पहले से अधिक अच्छी तरह काम करते हैं.

वॉकिंग

वॉकिंग आसान शारीरिक गतिविधि है. इसे बिना शरीर पर अधिक प्रेशर पड़े किया जा सकता है. अगर जोड़ों में ज्यादा दर्द है और उन्हें जाम होने से बचाना चाहते हैं, तो केवल वॉकिंग करें. रोजाना कुछ समय वॉक करने से वजन भी नियंत्रित रहता है और शरीर की चलने या शारीरिक गतिविधियां करने की आदत भी नहीं छूटती. वॉकिंग करने से हृदय की सेहत और हड्डियों के स्वास्थ्य में भी सुधार आता है.

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

अगर मसल्स मजबूत होती हैं तो जोड़ों का दर्द काफी कम हो सकता है. इसलिए, दर्द को कम करने के साथ-साथ मसल्स को मजबूत करना भी जरूरी है.  मसल्स के मास को बढ़ाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग काफी अच्छा तरीका है. यह ट्रेनिंग काम करने की क्षमता और मजबूती को बढ़ाती है. इसलिए वेट-मशीन, फ्री-वेट और रेसिस्टेंस-बैंड एक्सरसाइज को ट्राई किया जा सकता है. शुरु-शुरू में ये एक्सरसाइज धीमी गति से करनी चाहिए, लेकिन समय के साथ आगे एक्सरसाइज की कठिनता का लेवल भी बढ़ाना चाहिए.

पिलेट्स

पिलेट्स मसल्स को मजबूत बनाने और उनका कंट्रोल बढ़ाने के लिए अच्छी एक्सरसाइज है. इस एक्सरसाइज को करने से जोड़ों और हिप पेन में आराम मिलता है. यही नहीं गठिया के दर्द को कम करने में भी यह एक्सरसाइज फायदेमंद है.

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यहां हम कुछ ऐसे आसान उपाय भी बता रहे हैं, जिनकी मदद से जोड़ों के दर्द को कुछ कम किया जा सकता है-

सिकाई

गर्म पानी से नहाना या शॉवर लेना या गर्म पैराफिन मोम से जोड़ों की सिकाई आदि दर्द को अस्थायी रूप से दूर करने में सहायक है.

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मसाज

मालिश से अस्थायी रूप से दर्द और जकड़न में आराम हो सकता है. मसाज थेरेपिस्ट से मसाज लेना अधिक फायदेमंद है.

रोज की गतिविधियां

रोजाना की गतिविधियों के दौरान जैसे कि उठते-बैठते समय या किसी भी कार्य को करते समय जोड़ों पर अधिक प्रेशर नहीं होना चाहिए वरना दर्द बढ़ सकता है. पोश्चर सही रखना जरूरी है. यदि वजन अधिक है तो भी जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है. इसके लिए लाइफ स्टाइल में बदलाव जरूरी है, ताकि कुछ वजन कम हो. ऐसे में थैरेपिस्ट की सलाह लें.

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जोड़ों के दर्द में लोग एक्सरसाइज करने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर वह एक्सरसाइज करेंगे तो इससे उनके जोड़ों पर अधिक प्रेशर पड़ेगा. उनके मन में जोड़ों का दर्द अधिक बढ़ने का डर भी रहता है, लेकिन होता इसका बिल्कुल उल्टा है. अगर कोई शारीरिक गतिविधि न की जाए, तो शरीर इनैक्टिव हो जाता है या फिर जितना दर्द है उससे और अधिक बढ़ सकता है. इसलिए, शरीर को थोड़ा–थोड़ा सक्रिय रखना भी जरूरी है. अगर कोई भी एक्सरसाइज पहली बार कर रहे हैं, तो अच्छे ट्रेनर की गाइडलाइंस में ही एक्सरसाइज करें. 

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