आप किसी बहुत ही जरूरी मीटिंग में बैठे हैं तभी आपके शरीर के किसी अंग में खुजली शुरू हो जाती है। ऐसे में खुजाएं या अपनी इज्जत बचाएं। आप कोशिश करते हैं कि कैसे न कैसे इससे ध्यान भटकाया जाया पर जितना आप इससे बचने की कोशिश करते हैं ये और तेजी से आपका ध्यान आकर्षित करने लग जाती है। बस आप धीरे से हाथ को सरका कर उस अंग को खुजाना शुरू कर देते हैं और इससे आपको तुरंत आराम भी मिलता है।
(और पढ़ें - चर्म रोगों से जुड़ी हर जानकारी के लिए यहां क्लिक करें)
तो आपने कभी ध्यान लगाकर सोचा है कि आखिर क्यों आपके मन में अचानक से ये खुजाने का भाव जागृत होता है और जब तक आप खुजा न लें आपको आराम नहीं मिलता। सिर्फ आप ही इस तरह की परेशानी से नहीं जूझ रहे हैं। आपसे पहले रोम के लोगों ने इसपर शोध की। उन्होंने इस खुजली से राहत के लिए नमक से स्नान का उपाय खोजा था। इस तरह नहाने से खुजली को जल्द आराम मिला। पहले ये सोचा जाता था कि खुजली दर्द का ही एक छोटा रूप है। लेकिन 2015 में साइंस में छपी एक रिपोर्ट इसे नकारती है।
हमें खुजली क्यों होती है?
हमारी स्किन हमारे अंगों को बाहरी दुनिया के संपर्क से बचाती है। अब सोचिए कि कोई कीड़ा आपकी त्वचा पर रेंग रहा है। वो देखने में तो खतरनाक नहीं लगेगा पर उसका हलके से भी काटना आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में अपने हाथ से खुजाना त्वचा पर हो रही हलकी जलन कम हो जाती है और इस तरह आप शरीर के भीतरी अंगों को नुकसान से बचा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर पर कई तरह के कीड़े घूमा करते हैं। खुजाने से शरीर पर घूम रहे कीड़े उस स्थान से झड़ जाते हैं और आराम मिलता है।
खुजाने की इच्छा जागृत करने वाले कैमिकल्स
मच्छर के काटने के उदाहरण से कैमिकल रिएक्शन्स को समझने की कोशिश करते हैं। मच्छर आपको काटने के समय अपने थूक को आपके खून में मिलाता है। थूक खून को जमने से रोकता है। ऐसे में शरीर हिस्टामीन कैमिकल छोड़ता है जो खून के प्रवाह को उस एरिया में बढ़ा देता है जिससे हलकी सूजन आ जाती है। साथ ही साथ ये त्वचा की प्रयुरिसेप्टर लाइनिंग के साथ संबंध स्थापित करता है। प्रयुरिसेप्टर नसों का आखिरी छोर है जो खुजली को महसूस करवाता है। इसके बाद नेच्युरेटिक पॉलिपेप्टाइड बी रिलीज होता है। जो रीढ़ की हड्डी से होता हुआ दिमाग में जाता है और खुजाने का निर्देश देता है। नेच्युरेटिक पॉलिपेप्टाइड बी एक न्युरोट्रांसमिटर है जो दर्द और जलन के समय रिएक्ट करने में मदद करता है।
(और पढ़ें - मच्छर काटने पर क्या करना और लगाना चाहिए)
2015 में हुई रिसर्च के अनुसार नेच्युरेटिक पॉलिपेप्टाइड बी खुजाने की तीव्र इच्छा का केंद्र है। शोध के दौरान चूहों का प्रजनन बिना नेच्युरेटिक पॉलिपेप्टाइड बी के करवाया गया। इस पीढ़ी में पाया गया कि ये दर्द और जलन को तो महसूस कर सकती है पर इसे खुजली का अनुभव नहीं होता। इससे पता चलता है कि खुजली, दर्द से अलग कैमिकल्स द्वारा महसूस होती है।
राख जैसे अंशों का आना और हलकी जलन होना
सवाल अब ये आता है कि खुजाना थोड़े देर के लिए राहत क्यों पहुंचाता है? जब आप को खुजली होती है तो उस हिस्से की तंत्रिकाऐं बार-बार आपके दिमाग में उस अनचाहे एहसास का अनुभव करवाती रहती हैं। आप खुद को खुजलाने से रोक नहीं पाते और खुजलाते ही आपके उस हिस्से पर हलका सा दर्द महसूस होता है। खुजलाने से पैदा हुआ न्युरोकैमिक्ल रिस्पॉन्स दिमाग में जा खुजलाने के एहसास की जगह दर्द को महसूस करता है और ध्यान भटकाता है। इस तरह खुजली से तुरंत आराम मिलता है।
खुजलाने की वजह से हो रही बीमारियां
जब खुजली किसी शारीरिक बीमारी या डिसऑर्डर की वजह से हो तो घातक साबित हो सकती है। इस पर की गई शोध न्युरोपैथिक के मरीजों को राहत पहुंचा सकती है। नेच्युरेटिक पॉलिपेप्टाइड बी हृदय द्वारा रिलीज होता है ये बीपी और सोडियम लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। जब तक शोध आगे बढ़ नहीं जाती इस बीमारी को नेच्युरेटिक पॉलिपेप्टाइड बी ही कंट्रोल करती है।
(और पढ़ें - खुजली हो तो क्या करें)