खुजली, एक परेशान करने वाला लक्षण है जो त्वचा के कई विकारों से जुड़ा होता है। मेडिकल भाषा में खुजली को "प्रुरिटस" कहा जाता है। खुजली शरीर के किसी एक अंग में भी हो सकती है और ये पूरे शरीर को भी प्रभावित कर सकती है। खुजली के साथ लाली, सूजन और शरीर से गर्मी निकलने जैसे लक्षण संबंधित हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षण त्वचा का सूखापन, एक्जिमा, एलर्जी, नशीले पदार्थ युक्त दवाएं, स्किन इन्फेक्शन, पित्ती और कीड़े का काटना आदि हैं।
त्वचा रोगों के अलावा खुजली किडनी फेलियर, लिवर की समस्याएं, एचआईवी इंफेक्शन, कैंसर (जैसे हॉजकिन्स लिंफोमा, स्किन कैंसर), इंफेक्शन (जैसे फाइलेरिया), नसों की समस्याएं (जैसे न्यूरोपैथी, शिंगल्स), स्वप्रतिरक्षित समस्याएं (जैसे स्क्लेरोडर्म, सोरायसिस, लाइकेन प्लेनस), डायबिटीज और वैरिकोज वेन्स जैसे कारणों से भी हो सकती है।
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ज्यादा समय तक रहने वाली तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी परेशानियां त्वचा के कई विकार का जोखिम कारक मानी जाती है, जिनसे खुजली होती है। त्वचा के डॉक्टर खुजली के इलाज के लिए क्रीम, मरहम और खाने की दवाएं (जैसे एंटी-हिस्टामिन, स्टेरॉइड्स) देते हैं।
होम्योपैथी में, आर्सेनिकम एल्बम, सल्फर, एपिस मेलिफिका, ग्रेफाइट, मेज़ेरियम, सेलेशिया, अर्टिका युरेन्स और रस टॉक्सिकोडेंड्रन जैसी दवाओं को ज्यादातर खुजली के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। होम्योपैथिक डॉक्टर रोगी के लक्षणों के आधार पर उसके लिए उचित दवा चुनते हैं जो खुजली के कारण को ठीक करती है ताकि रोगी को इससे लंबे समय के लिए आराम मिल सके।
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