अर्निका मोंटाना
सामान्य नाम : लीपर्ड बेन
लक्षण : यह उपाय दर्दनाक चोटों, खिंचाव और किसी अंग का अत्यधिक प्रयोग करने पर लगने वाली चोट के लिए किया जाता है। यह अंदरूनी चोट, गिरने, मवाद से होने वाले संक्रमण के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करने में मदद करता है :
- किसी चोट के कारण स्तन के ऊतकों में सूजन
- शरीर में उनींदापन और दर्द महसूस होना
- सिर में तेज दर्द होना
- आंख में चोट लगना और दर्द होना
- नाक से खून आने के साथ खांसी
- बाईं कोहनी में तेज दर्द
- पीठ और अंगों में दर्द, इसमें रोगी को ऐसा लगता है जैसे उस हिस्से में छाले हो गए हों
- अत्यधिक थकान के कारण बाहों और पैरों में दर्द
- श्रोणि में दर्द जिसके कारण चलना लगभग असंभव हो जाता है
प्रभावित हिस्से को हिलाने या छूने पर, ठंड और नम वातावरण में लक्षण बिगड़ जाते हैं। रोगी तब बेहतर महसूस करता है जब वह लेट जाता है।
बेलिस पेरेनिस
सामान्य नाम : डेजी
लक्षण : बेलिस पेरेनिस स्तनों पर चोट की वजह से नीला पड़ना और शरीर में खिंचाव के लिए एक प्रभावी उपाय है। यह पेल्विक में दर्द को कम करने में भी मदद करता है। इस उपाय का उपयोग निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करने में किया जाता है :
- सिर में तेज दर्द
- महिलाओं में पेट की मांसपेशियों में कमजोरी व साथ में दर्द
- गर्भाशय की दीवारों में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- बाहों और पैरों में मोच
- त्वचा पर द्रव से भरे घाव
- त्वचा में सूजन, जो छूने में संवेदनशील होती है
- वैरिकोज नसों में दर्द व उनका नीला पड़ना
ठंडी हवाओं के संपर्क में आने, शरीर के बाएं हिस्से के बल लेटने से लक्षण बिगड़ जाते हैं।
कैलेंडुला ऑफिसिनेलिस
सामान्य नाम : मैरीगोल्ड
लक्षण : कैलेंडुला ऑफिसिनेलिस उन लोगों में अच्छी तरह से काम करता है, जिनमें ठंड लगने की प्रवृत्ति होती है, खासकर नम मौसम में। इसे घाव, ऑपरेशन व दर्दनाक चोट के लिए एक उत्कृष्ट उपाय माना जाता है। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद करता है :
- खोपड़ी में गहरा कट या फटने का निशान
- आंख की चोट जिसमें मवाद बन जाता है
- लार ग्रंथियों (सबमैक्सिलरी ग्रंथियों) में सूजन, जिसे छूने पर भी दर्द होता है
- नाक के अंदरूनी परत में सूजन व हरे रंग का डिस्चार्ज होना
- ग्रोइन में दर्द, ग्रोइन पेट के निचले हिस्से और जांघ के बीच के भाग को कहते हैं
- हल्की जलन
- एरीसिपेलस (जीवाणु संक्रमण के कारण त्वचा पर बड़े व लाल धब्बे)
- खुले घाव
- अल्सर
नम और बादल के मौसम में यह लक्षण बिगड़ जाते हैं।
हमामेलिस वर्जिनिआना
सामान्य नाम : विच हेजल
लक्षण : विच-हेजल उन लोगों को दिया जाता है जो प्रभावित हिस्सों में दर्द का अनुभव करते हैं। यह चोट से बने उन घावों का इलाज करता है, जिनसे अधिक मात्रा में खून बहता है। इस उपाय का प्रयोग निम्नलिखित लक्षणों के उपचार में भी किया जाता है :
- नाक से अधिक मात्रा में खून बहना
- बवासीर जिसमें अधिक मात्रा में खून निकलता है
- त्वचा पर दर्दनाक अल्सर
- वैरिकोज नसों में दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- त्वचा में जलन
- इकीमोसिस (नीला पड़ना)
- फ्लीबाइटिस (नसों में सूजन)
यह लक्षण नम और गर्म हवा में बिगड़ जाते हैं।
रस टॉक्सीकोडेंड्रोम
सामान्य नाम : पॉइजन-आइवी
लक्षण : रस टॉक्सीकोडेंड्रोम उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिन्हें टियरिंग पेन (बेचैन और असहज होने की तेज अनुभूति जिसमें फटने जैसा दर्द) होता है। यह खिंचाव, नीला पड़ना, मोच और दर्दनाक चोटों से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों से भी राहत दिलाता है:
- मवाद व आंखों में सूजन
- आंखों में पुरानी चोट
- कानों से खून और मवाद निकलना
- चबाने के दौरान जबड़े में दरार
- जबड़े का अपनी जगह से हट जाना
- पीठ के निचले हिस्से में अकड़न और दर्द
- जोड़ों में सूजन और दर्द
- अंगों में कठोरता और लकवा
- ठंडी हवा के संपर्क में आने पर त्वचा में दर्द
- लसीका ग्रंथि में सूजन
ठंड और बरसात के मौसम में, सोते समय और आराम करने के दौरान और दाहिनी तरफ या पीठ के बल लेटने से यह लक्षण बिगड़ जाते हैं। गर्म सिकाई करने, टहलने, गर्म और सूखे की स्थिति, प्रभावित हिस्से को रगड़ने से इन लक्षणों में सुधार होता है।
लेडम पस्ट्रे
सामान्य नाम : मार्श-टी
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिनके शरीर में गर्मी की कमी है। यह काटने या किसी तेज-नुकीली वस्तु से लगे घावों के उपचार में उपयोगी है। इस उपाय से जिन अन्य लक्षणों का इलाज किया जा सकता है उनमें शामिल हैं :
- चोट के बाद त्वचा का रंग लंबे समय के लिए रंग बदल जाना
- नील पड़ना
- क्रेपिटस (जोड़ों में दरार), जो कि गर्म बिस्तर में लेटने के बाद बिगड़ जाते हैं
- हाथ पैर में चुभन वाला दर्द, खासकर छोटे जोड़ों में
- टखनों में सूजन
- मुंह और नाक के आस-पास गड्ढा हो जाना
यह लक्षण रात में खराब हो जाते हैं, जबकि ठंडे वातावरण और एक पैर को ठंडे पानी में डालने से इन लक्षणों में सुधार होता है।
हाइपरिकम पर्फोरेटम
सामान्य नाम : सेंट जॉन-वॉर्ट
लक्षण : इस उपाय का उपयोग नील पड़ने और नसों में चोट के इलाज के लिए किया जाता है। यह चोट के बाद एंजाइटी और अवसार को भी ठीक करता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करने में फायदेमंद है :
- मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन
- मुंह में लंबे समय से छाले व अल्सर
- चोट वाली जगह पर बालों का झड़ना
- जोड़ों पर नीला पड़ना
- कंधों में तेज दर्द
- बाहों और टांगों में चुभन वाला दर्द
- हाथ पैर की उंगलियों, नाखूनों में चोट
यह लक्षण नम व ठंड के मौसम में, धुंधले वातावरण में और प्रभावित हिस्से को छूने पर बिगड़ जाते हैं। रोगी जब अपने सिर को पीछे की ओर झुकाता है तो उसे बेहतर महसूस होता है।
सिम्फाइटम ऑफिसिनेल
सामान्य नाम : कॉम्फ्रे-निटबोन
लक्षण : यह उपाय नॉन यूनियन फ्रैक्चर (फ्रैक्चर पर अधिक जोर पड़ने से होने वाली एक गंभीर स्थिति, जिसमें खून की आपूर्ति सही से नहीं होती है) के इलाज में बहुत लाभदायक है। यह खिंचाव, आंखों में नीला पड़ना और मोच को ठीक करने में भी मदद करता है।
इस उपाय का उपयोग अक्सर घावों को भरने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करता है:
- हड्डियों में सूजन व लालिमा
- आंखों में दर्दनाक चोट
- टेंडन और लिगामेंट यानी स्नायुबंधन में चोट
- हड्डियों का संवेदनशील होना और उनमें फ्रैक्चर होने का खतरा होना