हार्मोन केमिकल मैसेजर्स होते हैं, जो सेल्स और ऑर्गन फंक्शन को प्रभावित करते हैं. जब ब्लडस्ट्रीम में जरूरत से कम या ज्यादा हार्मोन होते हैं, तो इस स्थिति को हार्मोनल असंतुलन कहते हैं. महिलाओं में हार्मोंस का असंतुलित होना सामान्य माना गया है. पीरियड से पहले, गर्भावस्था या मेनोपॉज के दौरान हार्मोंस में बदलाव होना आम है, लेकिन कई बार कुछ दवाओं और बीमारियों के कारण या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हार्मोंस में उतार-चढ़ाव हो सकता है. महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए बर्थ कंट्रोल या हार्मोनल दवाएं दी जा सकती हैं.

आज इस लेख में आप महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण व उसे ठीक करने के उपायों के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - क्या महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन से वजन बढ़ता है)

  1. महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण
  2. महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को कैसे ठीक करें
  3. सारांश
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के डॉक्टर

हर कोई अपनी लाइफ में हार्मोंस में बदलाव, उतार-चढ़ाव और असंतुलन को अनुभव करता है. यह स्थिति तब भी हो सकती है, जब एंडोक्राइन ग्लैंड्स (endocrine glands) सही तरह से काम नहीं करते हैं. डायबिटीज, कैंसर या थायराइड जैसी स्थितियां भी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं. आइए, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

अन्य कारण

हार्मोनल असंतुलन के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे अधिक स्ट्रेस लेना, खराब डाइट और न्यूट्रिशन, अधिक वजन होना, बर्थ कंट्रोल दवाइयां या हार्मोनल रिप्लेसमेंट, ऐनबालिक स्टेरॉयड दवाओं का गलत इस्तेमाल. इसके अलावा, टॉक्सिन, पॉल्यूटेंट और एंडोक्राइन-डिसरप्टिव केमिकल के संपर्क में आना.

(और पढ़ें - स्तन संबंधी समस्याएं)

मेडिकल कंडीशन

कई मेडिकल कंडीशन भी हार्मोंस को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे - पिट्यूटरी ट्यूमरथायराइड नोड्यूल, बिनाइन ट्यूमर, कंजेनिटल एड्रेनल ह्यपरप्लासियाकैंसरकीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपीआयोडीन की कमी, हेरिडिटी पैंक्रियाटाइटिस, टर्नर सिंड्रोमप्रेडर-विली सिंड्रोम और एनोरेक्सिया. इसके अलावा भी कुछ मेडिकल कंडीशंस हो सकती हैं -

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएं व समाधान)

Pushyanug Churna
₹446  ₹499  10% छूट
खरीदें

एंडोक्राइन ग्लैंड्स

जब एंडोक्राइन ग्लैंड्स सही तरह से काम नहीं करते हैं तो हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है. एंडोक्राइन ग्लैंड्स वो स्पेशल सेल्स हैं, जो ब्लड में हार्मोन को प्रोड्यूस, स्टोर या रिलीज करते हैं. हमारे शरीर में कई एंडोक्राइन ग्लैंड्स हैं, जो कई ऑर्गंस को कंट्रोल करते हैं, जैसे - एड्रेनल ग्लैंड, गोनाड (टेस्टिस और ओवरी), पीनियल ग्लैंड, पिट्यूटरी ग्लैंड, हाइपोथैलेमस ग्लैंड, थायराइड और पैराथायराइड ग्लैंड्स और पैंक्रियाटाइटिस आइलेट इत्यादि. कई मेडिकल कंडीशंस एंडोक्राइन ग्लैंड्स को प्रभावित कर सकती हैं. इसके अलावा, लाइफस्टाइल व एनवायरनमेंटल फैक्टर्स भी हार्मोनल असंतुलन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.

(और पढ़ें - महिलाओं को होने वाली सेक्स समस्या)

हार्मोनल इंबैलेंस डिसऑर्डर

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल इंबैलेंस डिसऑर्डर विकसित होने की आशंका होती है, क्योंकि उनके अलग-अलग एंडोक्राइन ऑर्गन और साइकल होते हैं. महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारणों में शामिल हैं - पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), हार्मोन रिप्लेसमेंट या बर्थ कंट्रोल दवाएंप्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर व ओवेरियन कैंसर आदि.

(और पढ़ें - महिलाओं में होने वाली सामान्य बीमारियां)

प्राकृतिक कारण

महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ प्राकृतिक बदलाव के चलते कई बार हार्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है. इन बदलावों में यौवनावस्था, मेंस्ट्रुअल साइकलप्रेगनेंसीडिलीवरी, ब्रेस्टफीडिंग, परिमेनोपॉज, मेनोपॉज व पोस्टमेनोपॉज शामिल है. जीवन के इन सभी चरणों के दौरान हार्मोंस में उतार-चढ़ाव आता रहता है.

(और पढ़ें - महिलाओं की यौन समस्याओं का इलाज)

महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

Women Health Supplements
₹716  ₹799  10% छूट
खरीदें

हार्मोनल असंतुलन का इलाज उसके कारणों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है. हार्मोन असंतुलन वाली महिलाओं को हार्मोनल या बर्थ पिल दी जा सकती है. इसके अलावा, उन्हें हार्मान रिप्लेसमेंट मेडिसिन भी दी जा सकती हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को कैसे ठीक किया जा सकता है -

हार्मोन या बर्थ कंट्रोल पिल

इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकल और इसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन युक्त हार्मोनल टेबलेट महिलाओं को दी जा सकती है. बर्थ कंट्रोल जो कि पिल, रिंग, पैच, शॉट या इन्ट्रायूटरिन डिवाइस के रूप में उपलब्ध होती है, इसे भी महिलाओं को हार्मोनल संतुलित करने के लिए दिया जा सकता है.

(और पढ़ें - महिलाओं में कामेच्छा की कमी का इलाज)

अच्छी लाइफस्टाइल

एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हार्मोंस को बैंलेस किया जा सकता है. जैसे हेल्दी वजन मेंटन करें, पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेकर, रोजाना एक्सरसाइज करने, स्ट्रेस से दूर रहने और योग व मेडिटेशन करने से फायदा मिल सकता है. कैमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम से कम करें.

(और पढ़ें - महिलाओं के पैर दर्द का इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Prajnas Fertility Booster बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख पुरुष और महिला बांझपन की समस्या में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
Fertility Booster
₹892  ₹999  10% छूट
खरीदें

अन्य दवाएं

हार्मोनल असंतुलन के ट्रीटमेंट के दौरान मेटफॉर्मिन या लेवोथायरोक्सिन जैसी दवाएं भी दी जा सकती हैं. मेटफॉर्मिन पीसीओएस और डायबिटीज को कंट्रोल करने वाली दवा है, जो एंड्रोजन और ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकती है. वहीं, लेवोथायरोक्सिन युक्त दवाएं हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं.

(और पढ़ें - हाई रिस्क प्रेगनेंसी से बचाव)

असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी

जिन महिलाओं को पीसीओएस के कारण प्रेगनेंट होने में समस्या आ रही है, उनके लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) का इस्तेमाल किया जा सकता है.

(और पढ़ें - बांझपन का इलाज)

क्लोमीफीन और लेट्रोजोले

जो महिलाएं हार्मोन असंतुलन या पीसीओएस के कारण प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही हैं, उनके लिए क्लोमीफीन और लेट्रोजोले जैसी दवाएं ओवुलेशन को स्टिमुलेट करने में मदद कर सकती हैं. प्रेग्नेंट होने के चांसेज को बढ़ाने के लिए पीसीओएस वाली महिलाओं को डॉक्टर गोनैडोट्रोपिन के इंफर्टिलिटी इंजेक्शन भी दे सकते हैं.

(और पढ़ें - पीसीओडी के कारण होने वाली सेक्स समस्याएं)

एंटी-एंड्रोजन दवा

मेल-सेक्स हार्मोन एंड्रोजन की अधिकता को रोकने वाली दवाएं महिलाओं में एक्ने और अनचाहे बालों के विकास या हेयर फॉल को कम करने में मदद कर सकती हैं.

(और पढ़ें - महिलाओं में कमर दर्द का घरेलू उपचार)

एफ्लोरनिथिन क्रीम

डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एफ्लोरनिथिन क्रीम हार्मोन असंतुलन के कारण महिलाओं के चेहरे पर आने वाले बालों की ग्रोथ को कम करने में मदद कर सकती है.

(और पढ़ें - महिलाओं में थायराइड का इलाज)

हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाएं

मेनोपॉज के लक्षणों जैसे हॉट फ्लैशेज या नाइट स्वेटिंग को कम करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाएं दी जा सकती हैं.

(और पढ़ें - महिलाओं को होने वाली यौन संचारित बीमारियां)

वजाइनल एस्ट्रोजन

एस्ट्रोजन के लेवल में बदलाव आने के कारण योनि में सूखापन आ जाता है. एस्ट्रोजेन के लेवल में उतार-चढ़ाव आने के दौरान इसके लक्षणों को कम करने के लिए वजाइनल टिश्यूज में डायरेक्ट एस्ट्रोजन युक्त क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, एस्ट्रोजन युक्त टेबलेट्स या रिंग भी वजाइनल ड्राईनेस के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.

(और पढ़ें - महिलाओं में पेशाब रोक न पाने की समस्या का उपाय)

अधिकत्तर लोगों को अपनी लाइफ में कभी न कभी हार्मोनल असंतुलन से गुजरना पड़ता है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को जीवन चक्र के अलग-अलग पड़ाव पर हार्मोनल असंतुलन हो का सामना करना ही पड़ता है. इसके अलावा, विभिन्न बीमारियों के चलते भी हार्मोंस का स्तर ऊपर या नीचे हो सकता है. ऐसे में लाइफस्टाइल में बदलाव करके, लक्षणों का इलाज करके, हार्मोनल या बर्थ कंट्रोल पिल का सेवन करके या फिर मेटफॉर्मिन या लेवोथायरोक्सिन जैसी दवाओं का सेवन करके इसे संतुलित किया जा सकता है.

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में कैसे सोना चाहिए)

Dr. Arpan Kundu

Dr. Arpan Kundu

प्रसूति एवं स्त्री रोग
7 वर्षों का अनुभव

Dr Sujata Sinha

Dr Sujata Sinha

प्रसूति एवं स्त्री रोग
30 वर्षों का अनुभव

Dr. Pratik Shikare

Dr. Pratik Shikare

प्रसूति एवं स्त्री रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Payal Bajaj

Dr. Payal Bajaj

प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें