शरीर में हार्मोन का स्तर कम या ज्यादा होने की अवस्था को हार्मोनल असंतुलन कहा जाता है. ऐसा होने पर कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए शरीर में हार्मोंस का संतुलित होना जरूरी होता है. दरअसल, एंडोक्राइन सिस्टम में ग्रंथियां हार्मोंस बनाती हैं. ये हार्मोन रक्त प्रवाह के माध्यम से टिश्यू और अंगों तक जाते हैं. इससे अंगों को पता चलता है कि उन्हें कब, क्या करना है.

आज इस लेख में आप पुरुषों में होने वाले हार्मोनल असंतुलन के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का इलाज)

  1. पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण
  2. पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के कारण
  3. पुरुषों में हार्मोनल अंसुतलन का इलाज
  4. हार्मोन संतुलित करने के लिए अपनाएं ये जीवनशैली
  5. सारांश
पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के डॉक्टर

पुरुषों में हार्मोंस के असंतुलित होने पर विभिन्न प्रकार के लक्षण नजर आते हैं, जैसे - कामेच्छा में कमी आना मूड स्विंग होना आदि. आइए, इन लक्षणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मूड बदलना

बार-बार मूड बदलना भी हार्मोनल असंतुलन का एक लक्षण हो सकता है. पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होने पर व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और चिंता जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. वहीं, कई बार थायराइड विकार भी पुरुषों के मूड में बदलाव का कारण बन सकता है.

पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के अन्य लक्षण -

(और पढ़ें - इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का इलाज)

मसल्स मास में कमी

आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव की वजह से मसल्स मास बढ़ता या घटता है, लेकिन पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन की वजह से भी मसल्स मास कम हो सकता है. दरअसल, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मांसपेशियों के निर्माण और रखरखाव का काम करता है. ऐसे में अगर टेस्टोस्टेरोन कम होता है, तो ऐसे में मसल्स मास कम होने लगता है.

इरेक्टाइल डिसफंक्शन

पुरुषों में हार्मोन असंतुलन होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी हो सकता है. यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें पुरुष लिंग में उत्तेजना न आने के कारण कठोरता नहीं आ पाती है. ऐसे में सेक्स नहीं कर पाता है. इरेक्टाइल डिसफंक्शन उम्र, डिप्रेशनहृदय रोगस्ट्रेस, क्रोनिक बीमारी और अनिद्रा जैसे कारकों से भी प्रभावित हो सकता है. इतना ही नहीं कुछ दवाइयां भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह टेस्टोस्टेरोन की कमी का ही संकेत होता है.

कामेच्छा में कमी

हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में पुरुष कामेच्छा में कमी महसूस कर सकते हैं. जब शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होता है, तो सेक्स ड्राइव कम हो सकता है. इस स्थिति में पुरुषों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है.

(और पढ़ें - प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर घटने-बढ़ने का इलाज)

गाइनेकोमैस्टिया

ब्रेस्ट टिश्यू का बढ़ना पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन का लक्षण हो सकता है. जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन में कमी या एस्ट्रोजन हार्मोन में वृद्धि होती है, तो ब्रेस्ट का आकार बढ़ सकता है. यह शारीरिक रूप से हानिकारक नहीं होता है. मेडिकल भाषा में इस समस्या को गाइनेकोमैस्टिया कहा जाता है.

स्किन को हल्का-सा सुन्न कर मेल ऑर्गेज्म का टाइम बढ़ाने के लिए डिले स्प्रे फॉर मैन ट्राइ करें जो स्पर्म के रिलीज में देरी करता है और असरकारी, लंबे समय तक चलने वाला फार्मूला है।

महिलाओं की तरह ही पुरुषों को भी हार्मोंस में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. इसके कई कारण हो सकते हैं -

एक्रोमेगाली

इस स्थिति में हार्मोन का अधिक उत्पादन होने लगता है. 

इनके अलावा हाइपरग्लाइसेमियाहाइपोग्लाइसीमियापिट्यूटरी ट्यूमर, कोर्टिसोल का निम्न स्तर, कैंसरआयोडीन की कमी, अग्नाशयशोथ टर्नर सिंड्रोम और पिट्यूटरी ग्रंथि की चोट जैसी मेडिकल कंडीशन भी पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं. इसलिए, अगर इनके लक्षण नजर आए, तो बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें.

पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के अन्य आम कारण -

  • अच्छी डाइट न लेना
  • स्टेरायड दवाइयां
  • तनाव
  • अधिक वजन
  • उम्र बढ़ना
  • प्यूबर्टी

(और पढ़ें - पुरुषों की कमजोरी कैसे दूर करने के तरीके)

कुशिंग सिंड्रोम

पुरुषों में कुशिंग सिंड्रोम होना भी हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकता है. इस स्थिति में एड्रेनल ग्लैंड बहुत अधिक कार्टिकोस्टेराइड का उत्पादन करती हैं.

(और पढ़ें - पुरुषों में बांझपन दूर करने के घरेलू उपाय)

एडिसन रोग

एडिसन रोग भी पुरुषों में हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकता है. एडिसन रोग में एड्रेनल ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है.

हाइपोथायरायडिज्म

जिन पुरुषों को थायराइड की समस्या है, उनमें हार्मोनल असंतुलन हो सकता है. इस स्थिति में थायराइड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन कम करती है.

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

डायबिटीज

इसमें शरीर पर्याप्त हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है. इस स्थिति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. इसके साथ ही ब्लड शुगर कम होना भी हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकता है.

(और पढ़ें - एस्ट्रोजन स्तर बढ़ने या कम होने का इलाज)

एंडोक्राइन ग्लैंड्स खराब होना

जब एंडोक्राइन ग्लैंड्स ठीक से काम नहीं करते हैं, तो हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं. एंडोक्राइन ग्लैंड्स विशेष कोशिकाएं होती हैं, जो रक्त में हार्मोन का उत्पादन, स्टोर और रिलीज करती हैं. यह ग्रंथियां पूरे शरीर में स्थित होती हैं और कई अंगों को नियंत्रित करती हैं. ये ग्रंथि थायराइड, पैराथायराइड और पीनियल ग्रंथि को नियंत्रित करती है.

पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन का इलाज इसके लक्षणों पर निर्भर करता है. अगर टेस्टोस्टेरोन में कमी के लक्षण नजर आते हैं, तो कुछ दवाइयां दी जा सकती हैं. पुरुषों में हार्मोनल अंसुतलन का इलाज इस प्रकार हैं -

थायरायड हार्मोन थेरेपी

अगर किसी को हाइपोथायरायडिज्म है, तो थायराइड हार्मोन थेरेपी हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकती है. सिंथेटिक थायराइड हार्मोन लेवोथायरोक्सिन, जिसे मौखिक रूप से लिया जा सकता है या इंजेक्ट किया जा सकता है, थायरॉयड ग्रंथि को संतुलित करने में मदद कर सकता है.

(और पढ़ें - पुरुषों में यौन शक्ति कम होने का इलाज)

उर्जस शुद्ध हिमालयन शिलाजीत कैप्सूल - 60 CAP
₹696  ₹799  12% छूट
खरीदें

टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

टेस्टोस्टेरोन युक्त जेल और पैच हार्मोन कम होने के कारण होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह हाइपोगोनाडिज्म के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से बुजुर्ग पुरुषों को अधिक फायदा होता है. इसमें हड्डियों की ताकत बढ़ती है और कामेच्छा में भी फायदा होता है. ध्यान रहे कि प्रोस्टेट कैंसर से ग्रस्त पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से बचना चाहिए.

अगर किसी पुरुष को हार्मोनल अंसुतलन के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो वह दवाइयों के साथ ही अच्छी लाइफस्टाइल को भी फॉलो कर सकता है. दवाइयां और हेल्दी लाइफस्टाइल हार्मोन लेवल को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं. 

  • वजन कंट्रोल में रखें. इसके लिए हेल्दी डाइट लें.
  • रेगुलर एक्सरसाइज व योग करें.
  • गर्म और मसालेदार भोजन करने से बचें.
  • लिक्विड डाइट लें, इससे स्ट्रेस कम करने में मदद मिल सकती है.
  • खुश रहने की कोशिश करें और स्ट्रेस बिल्कुल न लें.

अधिकतर लोगों को अपने जीवनकाल में 1 से 2 बार हार्मोनल असंतुलन के लक्षण महसूस जरूर करने पड़ते हैं. पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन प्यूबर्टी, उम्र बढ़ने, तनाव और कुछ मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है. ऐसे में अगर दवाइयों से साथ ही अच्छी लाइफस्टाइल भी फॉलो की जाए, तो हार्मोनल लेवल को संतुलित किया जा सकता है. अगर टेस्टोस्टेरोन में कमी के कारण यौन से जुड़ी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

(और पढ़ें - स्खलन में देरी का इलाज)

Dr. Narayanan N K

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani

Dr. Tanmay Bharani

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra

Dr. Sunil Kumar Mishra

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Parjeet Kaur

Dr. Parjeet Kaur

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
19 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें