हिर्स्चस्प्रुंग रोग एक ऐसी स्थिति है, जो बड़ी आंत (कोलन) को प्रभावित करती है जिसकी वजह से मल त्याग करने में परेशानी आती है। यह जन्मजात समस्या है जो कि बच्चे के बृहदान्त्र की मांसपेशियों में तंत्रिका कोशिकाओं के अनुपस्थिति होने की वजह से होती है।
हिर्स्चस्प्रुंग रोग से ग्रसित नवजात शिशु आमतौर पर जन्म के बाद के कुछ दिनों तक मल त्याग नहीं कर सकता है। इसके हल्के मामलों में, बच्चे में लंबे समय तक पता नहीं चलता है। असमान्य तौर पर हिर्स्चस्प्रुंग की बीमारी का निदान निदान पहली वयस्कों में ही किया गया था। उपचार के तौर पर सर्जरी की मदद ली जाती है, इसमें कोलन के रोगग्रस्त हिस्से को निकाल दिया जाता है।
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