हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा क्या है?
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा (जिसे आईजीए वैस्कुलाइटिस के रूप में भी जाना जाता है) एक विकार है जिसमें त्वचा, जोड़ों, आंतों और किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं में सूजन और ब्लीडिंग होती है।
वैस्कुलाइटिस के इस रूप की सबसे खास बात यह है कि यह आमतौर पर निचले पैरों और नितंबों को प्रभावित करता है। हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा में पेट दर्द और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। दुर्लभ मामलों में, किडनी को गंभीर रूप से नुकसान हो सकता है।
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा (एचएसपी) किसी को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह 2 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों में ज्यादा आम है। आमतौर पर यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाती हे, लेकिन किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचने पर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा के संकेत और लक्षण क्या हैं?
एचएसपी के क्लासिक लक्षणों में दाने, जोड़ों में दर्द और सूजन, पेट में दर्द और/या संबंधित गुर्दे की बीमारी है, जिसमें पेशाब में खून आना शामिल है। इन लक्षणों के शुरू होने से पहले, रोगियों को दो से तीन सप्ताह तक बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है। दुर्लभ मामलों में, मस्तिष्क, फेफड़े या रीढ़ की हड्डी जैसे अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा का कारण क्या है?
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा में, शरीर की कुछ छोटी रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से त्वचा, पेट और किडनी में खून बहने (ब्लीडिंग) लगता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सूजन विकसित क्यों होती है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि जब प्रतिरक्षा प्रणाली सही से कार्य नहीं करती है तो ऐसे में हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा की समस्या ट्रिगर हो सकती है।
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा से ग्रसित करीब आधे लोगों में इस समस्या से पहले श्वसन संक्रमण जैसे सर्दी जुकाम हुआ था। अन्य ट्रिगर्स की बात करें तो चिकनपॉक्स, खसरा, हेपेटाइटिस, कुछ दवाएं, भोजन, कीट के काटने और ठंड के मौसम से भी यह समस्या हो सकती है।
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हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा का निदान कैसे होता है?
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा का परीक्षण लैब टेस्ट, बायोप्सी और इमेजिंग टेस्ट की मदद से किया जा सकता है।
यह बीमारी का निदान किसी एक टेस्ट के माध्यम से नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ निश्चित टेस्ट इसमें मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
(1) लैब टेस्ट
- ब्लड टेस्ट: यदि संकेतों या लक्षणों के आधार पर निदान नहीं होता है, तो ऐसे में ब्लड टेस्ट किया जा सकता है।
- यूरिन टेस्ट: पेशाब में खून, प्रोटीन या अन्य किसी दिक्कत की जांच की जा सकती है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि किडनी ठीक से कार्य कर रही है या नहीं।
(2) बायोप्सी
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा से ग्रस्त लोगों में अक्सर उनके प्रभावित अंग पर आईजीए (इम्युनोग्लोबुलिन ए) की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में डॉक्टर प्रभावित अंग का छोटा सा नमूना लेकर उसे लैब में माइक्रोस्कोप के नीचे जांच सकते हैं। यदि किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है तो डॉक्टर किडनी की बायोप्सी कर उपाय निर्धारित कर सकते हैं।
(3) इमेजिंग टेस्ट
डॉक्टर पेट दर्द के अन्य कारणों का पता लगाने और संभावित जटिलताओं की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड का सुझाव दे सकते हैं।
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा का इलाज कैसे होता है?
हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा के हल्के मामले आमतौर पर महीने भर में अपने आप ठीक हो जाते हैं और इसका कोई स्थाई प्रभाव भी नहीं पड़ता है।
पर्याप्त मात्रा में आराम करने, बहुत सारा तरल पीने और ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक के साथ हेनौक-शोनलाइन परप्यूरा के लक्षणों को ठीक किया जा सकता है।
- दवाइयां: कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, जैसे कि प्रेडनिसोन जोड़ और पेट दर्द से राहत दिला सकती है। चूंकि इन दवाओं के गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, ऐसे में बेहतर होगा कि कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर से उसके फायदे और जोखिम के बारे में पूछ लें।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।