सर्दियों का मौसम है और विशेषकर उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में जहां लोगों में खांसी-जुखाम का जोखिम बढ़ जाता है तो वहीं कई ऐसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी सर्दी में बढ़ जाता है, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। जैसे- हृदय रोग।
साल 2016 में हार्वर्ड मेडिकल में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे-वैसे हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है। हार्वर्ड-एफिलेटिड मैसाचुसेट्स जरनल हॉस्पिटल में कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रन्डाल जुसमैन का कहना है कि सर्दियों के मौसम में एक समय पर कार्डियोवस्कुलर कारक का जोखिम अधिक हो जाता है।
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भारत में हृदय रोग के आंकड़े
जनरल लैंसेट में प्रकाशित साल 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी अन्य संक्रामक बीमारी की तुलना में हृदय रोग के चलते साल 2016 में करीब 28 प्रतिशत भारतीयों की मौत हुई और यह साल 1999 के मुकाबले दोगुनी संख्या थी, जब हृदय रोगों के कारण भारत में 15 प्रतिशत मौतें हुईं थी।
सर्दियों में कैसे प्रभावित होता है दिल
दरअसल सर्दियों के मौसम में हम कभी-कभी ओवरएक्सर्ट (अधिक मेहनत करने से होने वाला तनाव) हो जाते हैं। हम तेज हवा में चलते हैं। बर्फीले मौसम में कार को धक्का देते हैं, जिसमें अधिक मेहनत लगती और इस दौरान शरीर में ऑक्सीजन की मांग पहले से अधिक बढ़ जाती है। डॉक्टर रन्डाल जुसमैन के मुताबिक अगर आपके दिल की आर्टरी (धमनी) में कोई ब्लॉकेज या रुकावट है तो यह हृदय में खून के प्रवाह को कम कर देगा और इसके कारण शरीर की ओर से की गई ऑक्सीजन की मांग पूरी नहीं हो पाएगी।
इसके अलावा जब आप एकदम जमा देने वाली ठंड के संपर्क में आते हैं तो आपकी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ या बंद हो जाती हैं। डॉक्टर जुसमैन का कहना है कि ऐसी स्थिति में कम कपड़े पहनकर घर से बाहर ना निकलें और अपने साथ अपनी कैप व दस्ताने जरूर लें।
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योग से कम होगा हृदय रोग का जोखिम
हार्वर्ड मेडिकल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक योग के जरिए किए गए कई प्रकार के आसन से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। इसमें तेज चलना भी शामिल है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि योग (सहजता से किया गया और ऊर्जा के साथ किया योग) के तहत प्रतिभागियों की लिस्ट में युवा, स्वस्थ व्यक्ति से लेकर बुजुर्ग को शामिल किया गया था। कुल मिलाकर, जिन लोगों ने योग सीखा और किया था, उन लोगों में हृदय रोग के जोखिम को प्रभावित करने वाले कई कारकों में सुधार हुआ था।
योग से कैसे होता है फायदा
रिपोर्ट से पता चला है कि योग करने से बीपी नियंत्रित (कंट्रोल) में रहता है। साथ ही दिल की अर्टरी में खून आसानी से प्रवाहित होता है। यही वजह है कि योग के जरिए दिल को सेहतमंद रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा योग से अवसाद और चिंता का स्तर कम होता है, जिससे हृदय गति सामान्य रहती है।
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डाक्टर की राय
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर फतमा का कहना है कि कुछ कारणों की वजह से सर्दियों के मौसम में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि सर्दियों के मौसम में लोग शारीरिक गतिविधियों में कम शामिल होते हैं। इसके कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और यह खून की नलियों में जम जाता है, जिससे बीपी बढ़ता है और यही हृदय रोग के जोखिम को बढ़ता है।
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डॉक्टर के मुताबिक सर्दियों के मौसम में दिल को स्वस्थ रखने के लिए खाने के बाद और सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं। इससे काफी हद तक मदद मिलती है। इसके अलावा ज्यादा फैट वाली डाइट ना लें और संभव हो तो घर में वर्कआउट करने की कोशिश करें। इसके साथ ही हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए योग एक बेहतर विकल्प हो सकता है, जिसे आप अपने बिस्तर में भी बैठे-बैठे कर सकते हैं।
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रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो सर्दियों के मौसम में हृदय रोग का जोखिम होता जरूर है, लेकिन उसके कुछ कारण हैं जैसे कि रिपोर्ट में बताया गया है। हालांकि, अगर कुछ बेहतर कदम उठाए जाएं तो इस रिस्क को कम किया जा सकता है।