यूं तो फिटनेस को लेकर हम बहुत चिंतित रहते हैं लेकिन इसके बावजूद खाने पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं होता है। नाश्ते में जमकर खाना, लंच में 3 से 4 रोटी के साथ सब्जी और चावल और फिर शाम होने पर स्नैक्स में समोसे। रात के खाने से पहले कभी-कभी पिज्जा और बर्गर भी चल जाता है। उसके बाद घर आकर रात को देर से डिनर करना और फिर बिना वॉक किए सो जाना।
मतलब हम फिट रहना चाहते हैं और इसके लिए कभी-कभार जिम भी जाते हैं और इतना गरिष्ठ भोजन करने के बाद कहते हैं कि यार मेरा पेट कम नहीं हो रहा या तोंद निकलती जा रही है। भई! इतना खाओगे तो पेट कैसे कम होगा और तो और इतना खाओगे तो ज्यादा दिनों तक जी भी नहीं पाओगे।
समय के साथ-साथ पेट का बढ़ता साइज और उस पर जमा होती चर्बी केवल मोटापा ही नहीं बढ़ा रही बल्कि हृदय से जुड़ी कई बीमारियों को न्योता भी दे रही है। जी हां, मोटापे की वजह से आप हृदय रोगी बन सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
(और पढ़ें - हृदय रोग के कारण)
पेट की चर्बी बन सकती है हार्ट अटैक का कारण
यूरोपियन जरनल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने हृदय रोगियों को सचेत करते हुए कहा है कि जिन लोगों को एक बार हार्ट अटैक आ चुका है और उनके पेट व कमर के आसपास अत्याधिक वसा यानी चर्बी जमा है तो उनमें दोबारा हार्ट अटैक आने का खतरा ज्यादा है।
गौरतलब है कि पूर्व में किए गए अध्ययनों से यह पता चला था कि पेट की चर्बी या मोटापा पहली बार हार्ट अटैक आने का प्रमुख जोखिम कारक है। हालांकि, इस बारे में कोई नहीं जानता था कि पेट की चर्बी और दोबारा हार्ट अटैक या स्ट्रोक के खतरे के बीच कोई संबंध है।
शोधकर्ताओं की इस ताजा रिसर्च ने यह साफ कर दिया है कि मोटापे के साथ-साथ पेट पर जमा अत्याधिक चर्बी दूसरी बार हार्ट अटैक (दिल का दौरा) आने का कारण बन सकती है।
कैसे की गई रिसर्च?
पेट की चर्बी और दोबारा हृदय संबंधी समस्या या अटैक के बीच संबंध की जांच करने के लिए शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में 22 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया। इन सभी प्रतिभागियों को एक बार हार्ट अटैक आ चुका था।
अध्ययनकर्ताओं ने विशेष रूप से उन कारणों पर ध्यान दिया जिनकी वजह से धमनियों में अवरोध या रुकावट आ रही थी जैसे कि जानलेवा और कम घातक हार्ट अटैक और स्ट्रोक।
(और पढ़ें - हृदय रोग में क्या खाना चाहिए)
इस रिसर्च में स्वीडन में रहने वाले हृदय रोगियों को शामिल किया गया और उन पर 3.8 वर्ष तक नजर रखी गई।
इस रिसर्च में शामिल अधिकतर मरीजों यानी 78 प्रतिशत पुरुषों और 90 प्रतिशत महिलाओं के पेट पर चर्बी जमी हुई थी। इसमें पुरुषों की कमर का साइज 94 से.मी या उससे अधिक था जबकि महिलाओं की कमर का साइज 80 से.मी या उससे ज्यादा था।
पेट की चर्बी है ज्यादा घातक
अन्य जोखिम कारक जैसे कि धूम्रपान, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, ब्लड लिपिड और बॉडी मॉस इंडेक्स के अलावा एवं बीमारी की रोकथाम के अन्य तरीकों के बावजूद बढ़ती हुई पेट की चर्बी जानलेवा और कम घातक हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) शरीर की ऊंचाई और वजन के आधार पर शरीर में अनुमानित फैट होता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि पहली बार हार्ट अटैक का शिकार हुए अधिकतर मरीजों के पेट के आसपास चर्बी जमा थी और इसका संबंध एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी स्थितियों से था जिनमें धमनियां अवरूद्ध हो जाती हैं। इस बीमारी में धमनियों में प्लाक जमने लगता है। ये धमनियां ह्रदय और शरीर के अन्य हिस्सों तक ऑक्सीजन युक्त खून पहुंचाने का काम करती हैं।
इन स्थितियों में हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और डायबिटीज के साथ-साथ ब्लड लिपिड लेवल बढ़ना भी शामिल है।
(और पढ़ें - इन चीजों से हृदय रोग के खतरे को कम करें)
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट आपके लिए सही चयन हैं। इन टैबलेट्स से रक्त शर्करा को संतुलित रखें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें। ऑर्डर करें!
विशेषज्ञों की राय
स्वीडन कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट से जुड़े इस अध्ययन के लेखक हनीह मोहम्मदी का कहना है कि “इस रिसर्च के परिणामों से पता चलता है कि अन्य नकारात्मक प्रक्रियाओं का पेट की चर्बी से संबंध हो सकता है जो कि अपने आप में ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम कारक हो सकते हैं एवं इनकी पहचान करना अभी बाकी है।"
अध्ययन के अनुसार पेट की चर्बी और बार-बार या दोबारा ह्रदय से जुड़ी समस्याएं होने के बीच जो संबंध है वो महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को प्रभावित करता है। हालांकि, इस रिसर्च में महिलाओं से तीन गुना ज्यादा पुरुष प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था इसलिए ये स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि पेट की चर्बी पुरुषों के दिल के लिए ज्यादा खतरनाक है। इस संदर्भ में अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।