विश्व के कुल मृत्यु-दर के सबसे मुख्य कारणों में से एक हार्ट अटैक है, जिससे विकसित देशों में करीब 25 से 30 प्रतिशत मौतें होती हैं। दिल के दौरे का मुख्य कारण होता है दिल को खून सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं (आर्टरी) में रुकावट आना। ये रुकावट किसी खून के थक्के या रक्त वाहिका में ऐंठन के कारण आ सकती है या आर्टरी में लंबे समय से फैट जमने के कारण भी आ सकती है।
हार्ट अटैक आने के कुछ मुख्य जोखिम कारण मोटापा, सिगरेट पीना, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और परिवार के सदस्यों को दिल के दौरे का अनुभव या इतिहास आदि होते हैं। दिल के दौरे का सबसे आम लक्षण छाती में दर्द होना हैं, जो जबड़े या हाथ तक फैलता है। इसके अन्य लक्षण सांस फूलना, पसीना आना, मतली और थोड़ा परिश्रम करने से दर्द बढ़ जाना आदि हो सकते हैं।
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होम्योपैथी एक ऐसा उपचार है जो व्यक्ति के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ उसके व्यक्तित्व और सामान्य स्वास्थ्य को भी बेहतर करता है। ये रोगी को शारीरिक और मानसिक रूप से स्थिर करता है, जिससे उसे दिल की समस्याएं होने के जोखिम कारक भी कम होते हैं। होम्योपैथिक दवाएं हृदय रोग के इलाज में मदद करने के साथ दिल की मांसपेशियों को भी मजबूत करती हैं, ताकि हार्ट अटैक से बचा जा सके। दिल के दौरे के लक्षणों के आधार पर, नक्स वोमिका (Nux Vomica), ग्लोनॉइन (Glonoine), लैकेसिस (Lachesis), सेपिया (Sepia), कैक्टस (Cactus), कैलमिया (Kalmia) और नाजा (Naja) जैसी दवाएं हार्ट अटैक के रोगियों को आराम देने में मदद करती हैं।