अक्सर लोग हृदय संबंधी समस्या होने पर हार्ट अटैक और कार्डिक अरेस्ट (अचानक हृदय गति रुकना) शब्द का इस्तेमाल एक ही रूप में करते हैं, लेकिन ये समानार्थक शब्द नहीं है। इन दोनों बीमारियों के कारण भिन्न होते हैं।
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दिल का दौरा (हार्ट अटैक) तब होता है जब हृदय में पहुंचने वाला रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब हृदय विद्युतीय प्रक्रिया में अचानक समस्या आ जाती है और हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। सरल शब्दों में समझा जाएं तो हार्ट अटैक का सीधा संबंध रक्त प्रवाह से है, जबकि कार्डियक अरेस्ट का संबंध हृदय को गति देने वाली विद्युतीय तरंगों में आई समस्या से होता है। कार्डियक अरेस्ट को हृदय गति रुकना भी कहा जाता है।
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