ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने की वजह से गाउट की परेशानी होती है. ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने से इसके क्रिस्टल बनने लगते हैं, जिसकी वजह से हड्डियों के ज्वॉइंट्स जमने लगते हैं. आयुर्वेद में इस परेशानी को वातरक्त भी कहते हैं. यह गठिया का स्वरूप है, जिसके कारण सबसे अधिक हड्डियों के ज्वाइंट्स प्रभावित होते हैं.
गाउट की समस्या होने का कारण वजन अधिक होना, गलत खानपान, शराब और धूम्रपान का सेवन, अनुवांशिक समस्याएं इत्यादि होती हैं. शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से ज्वाइंट्स में दर्द होने के साथ-साथ सुस्ती-बेचैनी, ज्वाइंट्स में सूजन और लालिमा, चलने में परेशानी जैसे लक्षण दिखते हैं. गाउट की परेशानियों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक इलाज का सहारा लिया जा सकता है.
आयुर्वेदिक इलाज में अक्सर नैचुरल हर्बल का इस्तेमाल होता है. इन आयुर्वेदिक हर्बल्स का इस्तेमाल करके शरीर में मौजूद दोष को दूर किया जा सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक, वात दोष असंतुलित होने की वजह से व्यक्ति गाउट से प्रभावित होता है. ऐसे में आयुर्वेदिक इलाज में वात दोष को दूर करके गाउट में होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
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आज हम इस लेख में गाउट का आयुर्वेदिक इलाज बताएंगे.