एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी - Exocrine Pancreatic Insufficiency in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

September 02, 2021

September 02, 2021

एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी
एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी

एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी क्या है?

एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी (ईपीआई) तब होता है जब अग्न्याशय ऐसे एंजाइमों की पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं करता जो पाचन के लिए जरूरी हैं।

एंजाइम शरीर में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देते हैं। अग्न्याशय द्वारा बनाए गए एंजाइम छोटी आंत में चले जाते हैं, जहां वे आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन को तोड़ने में मदद करते हैं।

जब कोई व्यक्ति ईपीआई से ग्रस्त होता है, तो उसे आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता है, क्योंकि शरीर खाद्य पदार्थों से वसा, कुछ विटामिन और खनिज को अवशोषित नहीं कर सकता है। ऐसे में वजन में कमी या पेट दर्द हो सकता है।

एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी के उपचार के लिए दवाएं मौजूद हैं, जो एंजाइमों की आपूर्ति करती हैं, जिससे आप भोजन को सही तरीके से पचाने में सक्षम हो सकते हैं। दवा के अलावा, आप उचित आहार लेने से भी लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है। डॉक्टर ऐसे खाद्य पदार्थों के लिए सुझाव दे सकते हैं जो आपको पर्याप्त पोषक तत्व और प्रोटीन प्राप्त करने में मदद करेंगे।

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एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी के संकेत और लक्षण क्या हैं?

हो सकता है ईपीआई की शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई न दें, लेकिन एक बार जब अग्नाशय को क्षति पहुंचती है तो यह शरीर की वसा अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करता है, और ऐसे में कुछ लक्षण नोटिस किए जा सकते हैं:

इसके अलावा वजन कम होना व अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, क्योंकि इस स्थिति में शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन को अवशोषित नहीं कर पाता है। उदाहरण के लिए, 'विटामिन के' की कमी होने पर ब्लीडिंग डिसऑर्डर विकसित हो सकता है या 'विटामिन डी' की कमी होने पर हड्डी में दर्द की समस्या हो सकती है।

एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी के कारण क्या हैं?

ईपीआई तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में ऐसे एंजाइम नहीं बनाता है जो पाचन के लिए जरूरी हैं। अग्नाशय को क्षति पहुंचने के कारण भी ईपीआई की समस्या हो सकती है। ऐसी कई स्थितियां हैं जो ईपीआई को ट्रिगर कर सकती हैं।

  • क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस: क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस अग्न्याशय की सूजन है जो समय के साथ दूर नहीं होती है। अग्नाशयशोथ का यह रूप वयस्कों में ईपीआई का सबसे आम कारण है।
  • ऑटोइम्यून पैंक्रियाटाइटिस: यह तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय को नुकसान पहुंचाती है। स्टेरॉयड की मदद से ऑटोइम्यून पैंक्रियाटाइटिस से ग्रस्त लोगों में एंजाइम उत्पादन में सुधार हो सकता है।
  • डायबिटीज: डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को अक्सर ईपीआई हो सकता है, हालांकि शोधकर्ता डायबिटीज और ईपीआई के बीच संबंधों को पूरी तरह से नहीं समझ पाएं हैं लेकिन यह हार्मोनल असंतुलन से संबंधित हो सकता है।
  • सर्जरी: ईपीआई पाचन तंत्र या अग्न्याशय की सर्जरी का एक आम दुष्प्रभाव है। गैस्ट्रिक सर्जरी के कई अध्ययनों के अनुसार, जिन्होंने अग्न्याशय, पेट या छोटी आंत की सर्जरी कराई है, उनमें 80 प्रतिशत तक लोगों में ईपीआई का जोखिम हो सकता है।
  • आनुवंशिक स्थितियां: सिस्टिक फाइब्रोसिस एक वंशानुगत बीमारी है, जो शरीर मोटे बलगम की परत बनाने लगता है। यह बलगम फेफड़े, पाचन तंत्र और अन्य अंगों में चिपक जाता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों में ईपीआई विकसित हो सकता है।
  • श्वाचमन-डायमंड सिंड्रोम: एक बहुत ही दुर्लभ और वंशानुगत स्थिति है जो हड्डियों, अस्थि मज्जा और अग्न्याशय को प्रभावित करती है। इस हालत वाले लोगों में आमतौर पर बचपन में ईपीआई हो जाता है।

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एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी का निदान कैसे होता है?

डॉक्टर लक्षणों की जांच करके स्थिति का निदान कर सकते हैं। वह आपसे निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं:

  • क्या आपके ऊपरी पेट में दर्द है?
  • क्या तेज बदबूदार मल पारित होता है, जिसे चिपचिपा होता है और आसानी से फ्लश नहीं होता है।
  • क्या आपको गैस या दस्त है?
  • क्या आपने वजन में कमी आई है?

इसके अलावा कई टेस्ट ईपीआई का निदान करने में मदद कर सकते हैं। सबसे पहले, आपको कुछ ब्लड टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है जिसमें यह जांचा जाता है कि क्या आपको पर्याप्त विटामिन मिल रहा है व अग्न्याशय पर्याप्त एंजाइम बना रहा है या नहीं।

अन्य ब्लड टेस्ट उन चीजों की जांच कर सकते हैं जो ईपीआई को विकसित (जैसे सीलिएक रोग) करते हैं।

आपको '3-दिन का फीकल टेस्ट' भी करवाना पड़ सकता है। इसमें आपको तीन दिनों के लिए विशेष कंटेनर में अपने मल के नमूना एकत्र करने की आवश्यकता होगी, इसके बाद यह चेक किया जाता है मल में वसा की मात्रा कितनी है।

डॉक्टर 'फीकल इलास्टेज-1' नामक टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं। इसके लिए आपको एक कंटेनर में अपने मल का नमूना एकत्र करना होगा। इसके बाद इसे लैब में भेजा जाएगा, जहां यह पता किया जाएगा पाचन के लिए जरूरी एंजाइम मौजूद हैं या नहीं।

अग्न्याशय में सूजन के लिए कुछ टेस्ट उपलब्ध हैं, जिसमें शामिल हैं:

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एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी का इलाज कैसे होता है?

ईपीआई के लिए पैंक्रियाटिक एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी (पीईआरटी) एक मानक उपचार है। इसके लिए दवाएं केवल प्रस्क्रिप्शन पर उपलब्ध होती हैं। 

पीईआरटी थेरेपी अग्न्याशय के कार्यों को सुचारू रूप से चलने में मदद करती है, जबकि दवाएं एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती हैं क्योंकि यह शरीर के वजन और आहार में वसा के सेवन की मात्रा के अनुसार निर्धारित की जाती हैं।



एक्सोक्राइन पैंक्रियाटिक इंसफिशिएंसी के डॉक्टर

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