हर साल मानसून शुरू होते ही डेंगू अपने पैर पसारने लगता है. मादा मच्छर एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) के काटने से डेंगू फैलता है.

डेंगू से ग्रसित मरीजों के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या काफी कम होने लगती है. इसके साथ ही डेंगू से ग्रसित मरीजों को तेज बुखार, स्किन पर रैशेज, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं. डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि यह भयावह रूप धारण न कर सके.

इसके साथ ही हमें अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर आप डेंगू से ग्रसित हैं, तो आपको अच्छी डाइट लेनी चाहिए. सही डाइट लेने से आप डेंगू से जल्दी उबर सकते हैं. आज इस लेख में जानेंगे कि क्या डेंगू के मरीजों को चावल का सेवन करना चाहिए?

(और पढ़ें - डेंगू में क्या खाना चाहिए)

  1. चावल में मौजूद पोषक तत्व - Rice nutrient value in Hindi
  2. क्या डेंगू मरीजों को चावल खाना चाहिए? - Can dengue patient eat rice in Hindi?
  3. डेंगू मरीज के लिए चावल कैसे पकाएं? - How to cook rice for dengue patient in Hindi?
  4. डेंगू में चावल कब न खाएं? - When to avoid rice in dengue in Hindi?
  5. सारांश - Takeaway
डेंगू में चावल खाना चाहिए या नहीं? के डॉक्टर

धान के बीजों को चावल कहते हैं. मुख्य रूप से दो तरह के चावल का सेवन अधिक किया जाता है, ब्राउन राइस और व्हाइट राइस. दोनों तरह के चावल में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मौजूद होता है. व्हाइट और ब्राउन राइस में लगभग समान रूप से कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट मौजूद होता है. 

  • 100 ग्राम सफेद राइस में
    • कैलोरी - 130
    • कार्बोहाइड्रेट - 28.7 ग्राम
    • प्रोटीन - 2.36 ग्राम
    • फैट लगभग 0.19 ग्राम
  • 100 ग्राम ब्राउन राइस में
    • कैलोरी -112
    • कार्बोहाइड्रेट - 24 ग्राम
    • प्रोटीन - 2.3 ग्राम
    • फाइबर लगभग - 1.8 ग्राम

(और पढ़ें - डेंगू होने पर क्या करना चाहिए)

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जी हां, डेंगू मरीज अपने डाइट में चावल को शामिल कर सकते हैं. डायटीशियन डेंगू मरीजों को दोपहर के समय लगभग आधा कप चावल खाने की सलाह देते हैं. दरअसल, चावल में कार्बोहाइट्रेट और प्रोटीन होता है, जो डेंगू मरीजों को एनर्जी प्रदान कर सकता है. डेंगू से ग्रसित मरीजों के शरीर में काफी कमजोरी होती है. इस स्थिति में उन्हें उचित मात्रा में कैलोरी की आवश्यकता होती है. चावल में भरपूर रूप से कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मौजूद होता है. ऐसे में आप डेंगू मरीजों को दिन में 1 बार चावल दे सकते हैं. आप डेंगू मरीजों को व्हाइट और ब्राउन दोनों तरह का राइस दे सकते हैं.

ब्राउन राइस में मौजूद पोषक तत्व डेंगू मरीजों को एनर्जी प्रदान कर सकता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ फाइबर भी मौजूद होता है. फाइबर का सेवन करने से डेंगू में होने वाले पेट की परेशानियों से बचा जा सकता है. इसके अलावा ब्राउन राइस में पोटैशियम, सोडियम और आयरन भी मौजूद होता है, जो डेंगू मरीजों में ब्लड की कमी को दूर करने में मददगार हो सकता है.

(और पढ़ें - डेंगू की आयुर्वेदिक दवा)

चावल का सेवन शरीर के लिए अच्छा हो सकता है. लेकिन अगर आप चावल को सही तरीके से पकाकर नहीं खाते हैं, तो यह आपके लिए नुकसानदेय भी हो सकता है. डेंगू मरीजों को भी अगर आप चावल दे रहे हैं, तो उसे अच्छे तरीके से पका कर दें. दरअसल, इंग्लैंड के क्वीन्स यूनिवर्सिटी ऑफ बेलफास्ट की स्टडी के मुताबिक, चावल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसान मिट्टी में तरह-तरह के औद्योगिक विषाक्त कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं. कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें चावल में आर्सेनिक रसायन पाया गया है. आर्सेनिक के इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

(और पढ़ें - ब्राउन राइस रेसिपी)

इसी यूनिवर्सिटी की एक अन्य स्टडी में आर्सेनिक को खत्म करने के लिए चावल को सही ढंग से पकाने का तरीका बताया गया है. इस स्टडी के मुताबिक, अगर आप चावल में आर्सेनिक को खत्म करना चाहते हैं, तो इसे रातभर पानी में छोड़ दें. इसके बाद सुबह इसे अच्छे से बार-बार हाथों से धुमाकर धोएं. चावल को तब तक धोएं, जब तक चावल का पानी साफ न नजर आने लगे. इसके बाद चावल को पकाने के लिए एक बर्तन में चावल और चावल का लगभग 5 भाग अधिक पानी डालकर पकाएं. चावल को पकाने के बाद एक्स्ट्रा पानी को फेंक दें. इससे चावल में मौजूद आर्सेनिक को लगभग 80 फीसदी तक खत्म किया जा सकता है.

(और पढ़ें - चावल बनाने का तरीका)

अगर डेंगू के दौरान आपका ब्लड शुगर लेवल हाई है, तो आपको अधिक मात्रा में चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. दरअसल, चावल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर रूप से मौजूद होता है. इससे आपका जीआई स्कोर (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) हाई हो सकता है.

इसके अलावा कच्चे चावल का सेवन न करें. इससे आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. जो कि डेंगू के लक्षणों को जटिल बना सकता है.

(और पढ़ें - डेंगू की होम्योपैथिक दवा)

स्टडीज के मुताबिक, जो लोग नियमित रूप से काफी मात्रा में सफेद चावल का सेवन करते हैं, उन्हें मेटाबोलिक सिंड्रोम होने का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा अधिक चावल खाने से कुछ अन्य परेशानियां हो सकती हैं, जैसे -

(और पढ़ें - डेंगू में कौन सी दवा दी जाती है?)

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डेंगू के मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डेंगू से उबरने के लिए उन्हें अपने डाइट पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. इस दौरान अपने डाइट में तरल पदार्थों को भी अधिक मात्रा में शामिल करें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो.

इसके अलावा अगर आपको डेंगू है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही अपने डाइट का चुनाव करें. डॉक्टर से पूछें कि आपको अपने डाइट में क्या लेना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए. ताकि आप डेंगू की गंभीरता से बच सकें और जल्द से जल्द रिकवर हो सकें.

(और पढ़ें - डेंगू फीवर कितने दिन रहता है?)

Dr. Dhanamjaya D

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