कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए इस समय दुनियाभर में सौ से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है। कई कंपनियों ने दावा किया है कि उनकी बनाई वैक्सीन नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को खत्म कर सकती है। इस सिलसिले में दो नए दावे सामने आए हैं। इटली के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने कोरोना वायरस को खत्म करने वाले एंटीबॉडी विकसित कर लिए हैं। वहीं, इजरायल के रक्षा मंत्री ने भी अपने यहां के वैज्ञानिकों के हवाले से इसी तरह का दावा किया है। लेकिन दूसरी तरफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि हो सकता है कोविड-19 की वैक्सीन कभी बन ही न पाए।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इटली के एक अस्पताल में वैज्ञानिकों ने चूहों पर अपनी बनाई वैक्सीन बतौर प्रयोग आजमाई थी। इसमें उन्होंने पाया कि वैक्सीन ने चूहों में कोरोना वायरस को खत्म कर दिया। इस दवा को बनाने वाली कंपनी 'टैकीज' के सीईओ लुइगी ऑरिश्चियो ने कहा है कि दुनिया में यह पहली बार हुआ है कि किसी वैक्सीन ने इन्सानी कोशिकाओं में कोरोना वायरस को खत्म किया हो। लुइगी का कहना है कि उनकी कंपनी की टेस्टिंग सबसे अधिक एडवांस स्टेज पर है और अब वैक्सीन को इन्सानों पर आजमाया जाएगा।
वहीं, इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेनेट ने दावा किया है कि उनके यहां के जीवविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसे मोनोक्लोनल रोग-प्रतिकारक को विकसित कर लिया है, जो नए कोरोना वायरस पर हमला कर उसे खत्म कर सकता है। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं है कि इस वैक्सीन का ह्यमून ट्रायल किया गया है या नहीं। बहरहाल, बेनेट की तरफ से जारी किए बयान में कहा गया है कि इस एंटीबॉडी को बनाने का काम पूरा हो चुका है और अब इसके पेटेंट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा।
एक तरफ, कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर आए दिन नए दावे सामने आ रहे हैं, तो दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ ने अलग और चिंताजनक बात कही है। खबर के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 के विशेषज्ञ डॉ. डेविड नबेरो ने कहा है कि कोविड-19 संकट की सबसे खराब संभावना यह है कि शायद इसकी वैक्सीन बन ही न पाए। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन से बातचीत में डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 विशेषज्ञ ने कहा, 'कुछ वायरस (जैसे एचआईवी) होते हैं जिनकी वैक्सीन अभी भी नहीं है। (कोविड-19 को लेकर) हम यह दावा नहीं कर सकते कि वैक्सीन बन ही जाएगी या बन जाएगी तो कितनी कारगर और सुरक्षित होगी... सबसे खराब संभावना यह हो सकती है कि कोई वैक्सीन कभी बने ही न।'
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