विश्व बैंक ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए भारत को एक बिलियन डॉलर यानी 7,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का आपातकालीन फंड जारी किया है। खबर के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस को रोकने के लिए चिकित्सा क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए विश्व बैंक ने यह कदम उठाया है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अब से थोड़ी देर पहले देश के नाम एक और संदेश दिया है।
कई देशों को वित्तीय मदद देने की तैयारी
गुरुवार को एक बयान जारी कर विश्व बैंक ने कहा कि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए 1.9 बिलियन डॉलर की परियोजनाओं वाला पहला समूह 25 देशों की सहायता करेगा। वहीं, 40 देशों में वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा विश्व बैंक ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगले 15 महीनों में वह 160 बिलियन डॉलर (12,150 अरब रुपये से ज्यादा) खर्च करने की तैयारी कर रहा है। उसके मुताबिक, इस रकम से कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों को दूर करने और अर्थव्यवस्था बहाल करने में मदद मिलेगी।
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बयान में विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मैलपास ने कहा, 'कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए यह त्वरित कदम उठाया गया है और 65 देशों में स्वास्थ्य मदद पहुंचाने को लेकर हम पहले से काम कर रहे हैं।' डेविड का कहना है कि विश्व बैंक कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए विकासशील देशों को मजबूत बनाने और आर्थिक तथा सामाजिक रूप से हुए नुकसान की भरपाई की अवधि को कम करने का काम रहा है। बयान में बैंक के अध्यक्ष ने कहा, 'गरीब और सबसे कमजोर देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। दुनियाभर में हमारी टीमें देश और क्षेत्र के स्तर पर समाधान निकालने के लिए तत्पर हैं।'
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देश के नाम प्रधानमंत्री का एक और संदेश
उधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह नागरिकों के नाम एक और संदेश दिया है। इस वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि इस रविवार को रात नौ बजे, नौ मिनट के लिए लोग अपने घरों की बत्तियां बुझा कर मोमबत्ती, दीये, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि यह कोरोना वायरस के 'अंधकार' को भारत के लोगों की चुनौती होगी। इस नागरिक इवेंट को लेकर नरेंद्र मोदी ने कहा, 'पांच अप्रैल की रात नौ बजे हमें 130 करोड़ (जनता) की महाशक्ति का जागरण करना है, उसके संकल्प को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। रात नौ बजे घर की सभी लाइटें बंद करके, खड़े रह कर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं... हम यह संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है।'
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हालांकि प्रधानमंत्री ने लोगों की हिदायत भी दी कि इस बार किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलना है। उन्होंने कहा, 'इस आयोजन पर किसी को भी कहीं भी इकट्ठा नहीं होना है। गली, मोहल्लों या रास्तों पर नहीं जाना है। सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी है। कोरोना की चैन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।'