कोविड-19 महामारी से जुड़ी शायद यह अभी तक की सबसे ज्यादा राहत देने वाली खबर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की निदेशक मारिया नेरा ने कहा है कि कोरोना वायरस की 'दूसरी लहर' न आने की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं। मारिया ने कोविड-19 को लेकर बनाए कुछ विशेष मॉडलों के तहत किए काम और उनके विश्लेषण के आधार पर सोमवार को यह संभावना जताई। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी कोरोना वायरस को लेकर काफी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ की उच्चाधिकारी के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के दौर में व्यावहारिक ज्ञान (कॉमन सेन्स) की अहमियत काफी ज्यादा है। मारिया ने कहा कि लोगों को बहुत ज्यादा छूट देने की आवश्यकता नहीं है और उन्हें संक्रामक रोगों के साथ जीना सीखना होगा।
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स्पैनिश स्वास्थ्य विशेषज्ञ मारिया नेरा ने कहा है, 'कई तरह के मॉडल कई प्रकार की संभावनाएं दिखाते हैं। वे (बीमारी में) समयानुसार होने वाली पुनर्वृद्धि से लेकर बड़ी लहर आने तक की बात करते हैं। लेकिन यह अंतिम संभावना (दूसरी बड़ी लहर) खारिज होती दिख रही है। हमने सभी क्षेत्रों में अब काफी बेहतर तैयार कर ली है।' बकौल मारिया, 'हमने वायरस के ट्रांसमिशन की दर को इतना कम कर दिया है, जिसके बढ़ने पर बच पाना मुश्किल होता। हालांकि यह कहते हुए हमें सावधान रहना चाहिए कि (दूसरी) लहर खत्म हो गई है। लेकिन आंकड़े कम से कम यह दिखाते हैं कि (दूसरी लहर के) शुरुआती हफ्तों में होने वाला विस्फोटक ट्रांसमिशन गुजर गया है।'
इसके साथ ही मारिया ने साफ किया कि फिलहाल कई सारी भविष्यवाणियां करना सही नहीं होगा और आने वाले हफ्ते काफी चुनौतीपूर्ण होंगे। मारिया ने कहा, 'बाहर निकलने की ज्यादा आजादी मिलने के बाद देखना होगा कि वायरस किस तरह व्यवहार करता है। हम उम्मीद करते हैं कि कोई बड़ा संकट पैदा नहीं होगा, लेकिन यह हर दिन लड़ी जाने वाली लड़ाई है। अगले दो-तीन हफ्तों में हम देखेंगे कि अब तक क्या हुआ है और क्या आगे फिर प्रतिबंध (या लॉकडाउन) लगाना चाहिए।'
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यहां यह बता दें कि मारिया अभी यह नहीं मानती हैं कि मौसम बदलने यानी गर्मी बढ़ने पर कोरोना वायरस का प्रभाव कम हुआ है। वे इस बात को फिलहाल संदेह की दृष्टि से देखती हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण कम होने के दौरान काफी सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी अभी भी काफी कम है।