नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण के लगातार फैलने के चलते कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। भारत में भी 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद इसकी अवधि को 19 दिन और बढ़ा दिया गया है। अब आगामी तीन मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। लेकिन क्या तीन मई के बाद लॉकडाउन खत्म किया जा सकेगा?
यह सवाल इसलिए, क्योंकि अभी यह साफ नहीं है कि आखिर कौन-सी परिस्थितियों में लॉकडाउन को समाप्त करने का फैसला लिया जा सकता है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस संबंध में कुछ परिस्थितियों का जिक्र किया है। डब्ल्यूएचओ ने छह गाइडलाइंस या बिंदुओं के तहत बताया है कि किसी देश की सरकार के लिए लॉकडाउन को समाप्त करना कब उचित होगा। उसने बताया कि लॉकडाउन को तब हटाया जा सकता है, जब-
- बीमारी के ट्रांसमिशन पर नियंत्रण हो जाए
- स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी सक्षम हो कि हरेक मरीज और उसके संपर्क में आए हर व्यक्ति को ट्रेस कर उनकी जांच कर सके, बीमारी पता लगाए और पुष्टि होने पर इलाज करे
- संवेदनशील जगहों, जैसे नर्सिंग होम, पर हॉटस्पॉट के खतरे को कम से कम कर दिया गया हो
- स्कूल, कार्यालय और अन्य जरूरी जगहों पर रोकथाम के सभी कदम उठा लिए गए हों
- बाहर से आने वाले नए मामलों से निपटने की व्यवस्था कर ली गई हो
- लोगों को (बीमारी के बारे में) पूरी तरह शिक्षित और एक नए माहौल में जीने के लिए तैयार कर दिया गया हो
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डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इन सभी स्थितियों के मौजूद होने पर लॉकडाउन को हटाने का फैसला लिया जा सकता है। इन दिशा-निर्देशों को जारी करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गेब्रेयसुस ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया, ‘पिछलों कुछ महीनों में हमने कोविड-19 महामारी के बारें में काफी कुछ जाना है। हमें पता चला है कि जितनी तेजी से सभी मामलों का परीक्षण करते हैं, आइसोलेशन करते हैं और देखभाल करते हैं, उतनी ही तेजी से वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।’ वहीं, डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन योजनाओं के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइक रेयान ने हाल ही में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘आपके पास लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसे बदला नहीं जा सकता है। हमें भविष्य के लिए अपने व्यवहार को बदलना होगा।’
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डब्ल्यूएचओ ने ये निर्देश ऐसे समय में जारी किए हैं जब अमेरिका समेत कई देशों में लॉकडाउन खत्म किए जाने की बहस जोर पकड़ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लॉकडाउन हटाने की पैरवी करते रहे हैं। नए मामलों की संख्या में तेज बढ़ोतरी के बावजूद अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने के लिए संभावित विकल्पों को तलाशनों की कोशिश हुई है। हालांकि कुछ राज्यों ने इससे इनकार किया है। उनके गवर्नर कहते हैं कि यह उनका फैसला नहीं है और राष्ट्रपति ट्रंप या सरकार तय करेगी कि सामान्य गतिविधियों को फिर से कब शुरू किया जाए।
ऐसे में अमेरिका को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए डॉ. माइक रेयान का कहना है कि यहां सरकारें लॉकडाउन की कुछ शर्तों को हटा सकती हैं। रेयान कहते हैं, ‘स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षात्मक उपकरण जारी रखने होंगे। हमें पहले से आईसीयू की उपलब्धा को सुनिश्चित करना होगा। जब लॉकडाउन खत्म होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकलेंगे तो संक्रमण से जुड़े मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।’
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