कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 और इसके संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 ने दुनियाभर के मेडिकल विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को अपनी अलग-अलग विशेषताओं के चलते हैरान किया है। इस वायरस की एक बड़ी विशेषता यह है कि मरीजों में इसका प्रभाव अलग-अलग प्रकार का है, जिसके चलते डॉक्टरों को भी नए-नए तरीकों से इलाज करना पड़ रहा है। यह कई डॉक्टरों ने कहा है कि कोविड-19 के चलते वे जिस अनुभवों से गुजरे, वैसे उन्होंने अपने पूरे करियर में नहीं देखे थे। लेकिन जो लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं, वे इसके प्रभाव में क्या और कैसा महसूस करते हैं?

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बताने की कोशिश की है। इसमें उसने कोविड-19 के कुछ मरीजों से बात की है और बताया है कि जब कोरोना वायरस ने उन्हें बीमार करना शुरू किया तो वे किस प्रकार के शारीरिक और मानसिक अनुभवों से गुजर रहे थे। उनमें से कुछ के अनुभव यहां पढ़े जा सकते हैं।

(और पढ़ें - इस शोध में कोविड-19 के मरीजों के वीर्य में मिला नया कोरोना वायरस, सेक्शुअल ट्रांसमिशन को लेकर बहस हुई तेज, कई विशेषज्ञों ने उठाए सवाल)

'मुझे लगा कोई मेरे दिमाग से मेरी आंखों को बाहर की तरफ धकेल रहा है'
अमेरिका के जर्सी शहर में रहने वाले 39 वर्षीय आरोन किन्शेन एक फिल्म प्रोडक्शनहाउस में हेयरस्टाइलिस्ट हैं। उन्होंने बताया कि जब वे कोरोना वायरस के प्रभाव में आए तो 100 डिग्री से ज्यादा के बुखार की चपेट में आ गए। वे बताते हैं, 'मैं जब उठा तो सिर में इतना तेज दर्द था जैसा पूरी जिन्दगी में बहुत कम हुआ था। ऐसा लगा कोई मेरे दिमाग में घुसकर आंखों को बाहर की तरफ धकेल रहा है।' आरोन ने आगे बताया, 'बुखार चला गया, लेकिन फिर मुझे मतली आने लगी और मुंह का स्वाद ऐसा हो गया मानों अंदर कोई धातु हो। मैंने एक कुकर में प्याज पकाए और उन्हें सूंघा, लेकिन मुझे उनकी गंध नहीं आई।'

'एक पल में ठंड से दांत कड़कड़ाते थे, दूसरे में शरीर पसीने से भर जाता था'
मिशिगन के लैथरप गांव में रहने वाली लातोया हेनरी बताती हैं कि उन्हें संक्रमण ने बहुत तेजी से बीमार किया। उन्हें सबसे पहले पीठ में दर्द और कफ की समस्या हुई। हेनरी को लगा कि यह साइनस इन्फेक्शन के कारण होगा। लेकिन छह दिन बाद वे अस्पताल के एमरजेंसी रूम में थीं। तीन दिन बाद डॉक्टरों ने उन्हें कोमा बता दिया और वेंटिलेटर पर रख दिया। हेनरी ने बताया, 'हर जगह दर्द होता था। शरीर का कोई हिस्सा काम करता महसूस नहीं हो रहा था। लगता था मुझे किसी ने बॉक्सिंग रिंग में माइक टाइसन के सामने उतार दिया है, मैं बहुत पिटा हुआ महसूस करती थी। मुझे बुखार के साथ ठंड लगती थी। एक मिनट में दांत बजते थे और अगले ही मिनट मुझे बहुत ज्यादा पसीना आ रहा होता था। और बलगम की समस्या इतनी ज्यादा थी कि लगता था पूरे शरीर में वही फैल गया है। मेरे गले से कार के इंजन जैसी आवाज आती थी।'

(और पढ़ें - कोविड-19 संकट: नौकरीपेशा लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल आइसोलेशन और वर्क फ्रॉम होम का बुरा असर, स्ट्रेस और पैनिक अटैक के मामलों में बढ़ोतरी)

'लगा सीने पर कोई भारी धातु रखी हुई है'
न्यू ऑर्लिन्स के निवासी डेविड हैमर एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर हैं। उन्होंने कोरोना वायरस के प्रभाव से जुड़े अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा, 'एक बार रात के ढाई बजे उठा तो लगा कि सीने पर कोई भारी धातु रखी हुई है। कोई दर्द नहीं हो रहा था, न ही कोई चोट थी। बस कुछ था जो काफी भारी महसूस हो रहा था। मुझे कभी पैनिक अटैक नहीं हुआ। लेकिन ऐसा मैंने कभी महसूस नहीं किया था। मेरी उंगलियों में सिहरन हो रही थी। मैंने सोचा कि शायद मुझे हार्ट अटैक आया है। सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही थी। डराने वाली बात यह है कि इससे रिकवर होना आसान नहीं है।'

'ठीक होते-होते मारे जाते हैं लोग'
वॉशिंगटन में रहने वाले 72 साल के रुथ बैकलंड एक रिटायर्ड फ्रेंच टीचर हैं। उन्होंने बुजुर्ग होते हुए भी कोविड-19 को मात दी है। लेकिन कई लोग उनसे कम उम्र होते हुए भी नहीं बच पाए। इस बारे में बात करते हुए रुथ कहते हैं, '(इस बीमारी के) इतने सारे लक्षण हैं कि आप एक के जाने के बाद दूसरे के आने का इंतजार करते रहते हैं। मेरी एक दोस्त की हालत में सुधार हो रहा था, लेकिन वह नहीं बच पाई। कई लोग हैं जिनकी हालत अच्छी होना शुरू हुई थी, जो बाद में बिगड़ गई। इसलिए आप कभी भी आश्वस्त नहीं होते कि बचेंगे कि नहीं। मैं कभी भी इससे दोबारा गुजरना नहीं चाहूंगा। यह बहुत खराब एहसास है। ऐसा लगता है कि यह (वायरस) आपके शरीर में कुछ अलग करने की कोशिश कर रहा है, उसे बदलने में लगा हुआ है।'

(और पढ़ें - कोरोना वायरस: प्रोनिंग टेक्निक से कोविड-19 के कई मरीजों को ठीक करने में लगे डॉक्टर, जानें इसके बारे में)

'सूंघने और स्वाद की क्षमता चली गई थी'
वहीं, न्यूयॉर्क में रहने वाली 35 वर्षीय थोका मेर ने बताया, 'यह सीधे आपके फेफड़ों पर हमला करता है और आपको अन्य लक्षण महसूस होना शुरू हो जाते हैं। मेरे पेट का दर्द बहुत ज्यादा था। असामान्य रूप से बलगम आता था। सांस में कमी हो गई थी और फेफड़े भारी महसूस होते थे। मैं 19 घंटे सोने लगी थी और अभी भी यह काफी नहीं लगता। जब मेरी रिकवरी होने लगी तो सूंघने और स्वाद की क्षमता चली गई थी। ठीक होने की प्रक्रिया दो कदम आगे जाने के साथ एक कदम पीछे जाती है।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 के मरीजों ने बताया, कोरोना वायरस ने उनके शरीर के साथ क्या किया है

ऐप पर पढ़ें