कोविड-19 बीमारी के इलाज की तलाश में इस समय कई वैक्सीन पर काम चल रहा है। इस सिलसिले में ब्रिटेन की प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी एक वैक्सीन तैयार की है, जिसे ‘सीएचओडीओएक्सवन एनसीओवी-19' नाम दिया गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी की ओर से इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जा रहा है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने मंगलवार को इसकी घोषणा की थी। खबरों की मानें तो पहले फेज में इस वैक्सीन को 500 से ज्यादा वॉलंटियर्स पर टेस्ट किया जाएगा, जिनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच है। फिर वैक्सीन की क्षमता को और परखने के लिए दूसरे चरण में 70 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा। वहीं, तीसरे चरण में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 5,000 वॉलंटियर्स का टीकाकरण होगा।
लोगों पर टेस्ट किया जाने वाला चौथा वैक्सीन
कोविड-19 के इलाज को लेकर अब तक जितनी भी वैक्सीन तैयार की गई हैं, उनमें से अभी तक तीन का ही इन्सानी परीक्षण हुआ था। अब यह चौथी वैक्सीन है जिसका ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया है। उम्मीद जताई गई है कि यह वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी को मजूबत करने का काम करेगी। जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन को एडीनोवायरस में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है। गौरतलब है कि इसी स्पाइक प्रोटीन की मदद से कोरोना वायरस मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है।
वैक्सीन बनाने के लिए एक चिंपांजी के शरीर से 'एडीनोवायरस वैक्सीन वेक्टर' (ChAdOx1) लिए गए। वैज्ञानिकों की मानें तो कोविड-19 की दवा बनाने के प्रयास के तहत इस तकनीक को इसलिए चुना गया, क्योंकि इसकी एक खुराक से इम्यूनिटी सिस्टम मजूबत हो सकता है और जिस व्यक्ति को भी यह टीका लगाया जाएगा उसमें यह वायरस अपना संक्रमण नहीं फैलाएगा। रिपोर्टों के मुताबिक, एडीनोवायरस की यह विशेषता इसे बच्चों और बुजुर्गों समेत किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए सुरक्षित बनाती है।