नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाली बीमारी कोविड-19 की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन से हुई थी और महज 3 महीने के अंदर यह वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है। दुनियाभर के करीब 6 लाख लोग अब तक कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और मरने वालों की संख्या 27 हजार से ज्यादा हो गई है। यह कोविड-19 वायरस, इंसान के शरीर के श्वसन पथ (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) के अंदर मौजूद एन्जियोटेन्सिन-कन्वर्टिंग एन्जाइम 2 यानी ACE2 रिसेप्टर से खुद को बांध लेता है और इस वजह से यह आसानी से फेफड़ों तक पहुंच जाता है।
कोविड-19 बीमारी के सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें शामिल है। हालांकि, कोविड-19 का संक्रमण होने के 10 से 14 दिन के अंदर बहुत से मरीजों में इसके गंभीर लक्षण भी नजर आते हैं, जिसमें वायरल निमोनिया और श्वसन तंत्र का पूरी तरह से काम करना बंद कर देना शामिल है।
वैज्ञानिक इस सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 की तुलना इससे पहले हो चुकी 2 महामारियों मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी MERS और सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) से कर रहे हैं। पिछले 2 कोरोना वायरस के आंकड़े इस तरह से हैं -
1. मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) - साल 2012 में MERS 27 देशों में फैला था और इससे पहले कि इसे कंट्रोल किया जाए दुनियाभर में इसके 2494 मामले सामने आए थे। इस बीमारी का मृत्यु दर 34 प्रतिशत था और MERS ने दुनियाभर में 858 जानें ली थीं।
2. सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) - वहीं, सार्स की बात करें तो यह साल 2003 में दुनियाभर के 30 देशों में फैला था और इसे कंट्रोल किए जाने तक इसके 8473 मामले सामने आ चुके थे। इस बीमारी से होने वाली मौतों का दर 9.5 प्रतिशत था और सार्स की वजह से 813 लोगों की मौत हुई थी।
यहां इस लेख में हम आपको यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे कोविड-19, SARS और MERS से ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है।