नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 की वजह से होने वाली बीमारी कोविड-19 की वजह से दुनियाभर के सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में अमेरिका पहले नंबर पर है जहां कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की तादाद 20 लाख को पार कर गई है और 1 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 बीमारी जिस तेजी से फैल रही है उसे देखते हुए दुनियाभर के लोगों के साथ-साथ हर अमेरिकी नागरिक के मन में भी बस यही सवाल है कि आखिर कोविड-19 बीमारी से कैसे बचा जाए।
इन सबके बीच अमेरिकी की सीडीसी यानी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की तरफ से किए गए एक सर्वे में बेहद चौंकाने वाली बात सामने आयी है। सर्वे के मुताबिक बड़ी संख्या में अमेरिका के लोग अपनी सेहत को बचाने के प्रयास में उसे और ज्यादा खतरे में डाल रहे हैं। सीडीसी के इस सर्वे के मुताबिक लोग कोरोना वायरस से बचने और इसे फैलने से रोकने के लिए जो तरीके अपना रहे हैं, वह बेहद खतरनाक हैं और इससे उनकी जान को खतरा भी हो सकता है।
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खाने-पीने की चीजों को ब्लीच से धो रहे
सर्वे की मानें तो कोरोना वायरस से बचने के लिए अमेरिका में कोई अपने खाने-पीने की चीजों को ब्लीच से धो रहा है तो कोई ब्लीच से गरारे कर रहा है। कई लोग तो ब्लीच को सांस के जरिए शरीर के अंदर इन्हेल कर रहे हैं। वहीं बहुत से लोग घर की सफाई में इस्तेमाल होने वाले क्लीनिंग और रोगाणुनाशक उत्पादों से अपने शरीर की भी सफाई कर रहे हैं। सफाई से जुड़े इनमें से किसी भी व्यवहार का सुझाव सीडीसी नहीं देती है। घर की सफाई में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर के स्पष्ट दुरुपयोग की वजह से ही अमेरिका में पॉइजन कंट्रोल कॉल में तेजी देखने को मिली है।
सीडीसी की वीकली हेल्थ रिपोर्ट में इस नई रिसर्च को प्रकाशित किया गया जो मई 2020 में हुई एक ऑनलाइन पैनल के सर्वे पर आधारित है। इसमें 502 वयस्कों को शामिल किया गया था। सर्वे के दौरान प्रतिभागियों से कई तरह के सवाल पूछे गए कि आखिर इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान वे रोगाणुओं और कीटाणुओं से छुटकारा दिलाने वाले उत्पादों का किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। घरेलू क्लीनर और रोगाणुनाशक को लेकर उनकी सामान्य समझ क्या है। इस दौरान लोगों ने बताया कि वे कोविड-19 महामारी की वजह से पहले की तुलना में ज्यादा सफाई करने लगे हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ आधे लोगों को ही ये पता था कि अपने घर को सुरक्षित तरीके से साफ और कीटाणुमुक्त करने का सही तरीका क्या है।
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हाथ और शरीर को साफ करने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल
इस सर्वे के सबसे चौंकाने वाले नतीजे ये थे कि करीब 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने घर में सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाले रोगाणुनाशक क्लीनिंग उत्पाद जैसे- ब्लीच का इस्तेमाल इस तरह से किया। हालांकि, इसका सुझाव नहीं दिया जाता और यह पूरी तरह से गलत है। उनकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। इसके अलावा 19 फीसदी प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने अपने खाने-पीने की चीजों को साफ करने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल किया, जबकी 18 प्रतिशत ने ब्लीच और घरेलू कीटाणुनाशक से अपने हाथों और शरीर को साफ करने की बात कही।
इतना ही नहीं सर्वे में शामिल 6 प्रतिशत लोगों ने ब्लीच की भाप को सांस के जरिए शरीर के अंदर लिया, तो वहीं 4 प्रतिशत ने ब्लीच के पानी में मिले हुए सलूशन से गरारे करने और उसे पीने की भी बात कही। सीडीसी की मानें तो जानकारी की कमी या गलत जानकारी की वजह से इस तरह की चीजें लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।
गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर बेहद हानिकारक है ब्लीच
ब्लीच, क्लोरीन बेस्ड क्षयकारी तत्व है और क्लोरीन एक केमिकल है जो तरल, गैस और ठोस तीनों रूपों में पाया जाता है और यह घरेलू क्लीनिंग उत्पादों में बड़ी मात्रा में पाया जाता है। ग्लव्स और मास्क जैसे सुरक्षात्मक उपकरणों को पहनकर अपने घर की सतहों की सफाई और उन्हें कीटाणुमुक्त बनाने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल करना अच्छा है। लेकिन सीडीसी ने लोगों को यह चेतावनी दी है कि इस तरह के घरेलू क्लीनिंग उत्पादों और ब्लीच को सीधे स्किन पर इस्तेमाल करना, सांस या मुंह के जरिए शरीर के अंदर लेने से शरीर के उत्तकों को गंभीर नुकसान हो सकता है और इसलिए इस तरह की प्रैक्टिस से पूरी तरह से बचना चाहिए।
ब्लीच से फल और सब्जियों को साफ करना, फिर चाहे आप उसे बाद में छीलकर ही क्यों न खाएं, बेहद खतरनाक हो सकता है। क्योंकि ब्लीच में मौजूद क्लोरीन खाने के अंदर पहुंच सकता है। सर्वे में शामिल करीब 25 प्रतिशत प्रतिभागियों को क्लीनर और कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करने के बाद साइड इफेक्ट भी जरूर देखने को मिला। जैसे- नाक या साइनस में खुजली-जलन, त्वचा में चिड़चिड़ाहट महसूस होना, सिर घूमना, चक्कर आना, सिर में दर्द महसूस होना, जी मिचलाना, उल्टी आना, सांस लेने में दिक्कत आदि।
घरेलू क्लीनिंग उत्पाद, ब्लीच और कीटाणुनाशकों का इस्तेमाल सिर्फ उन सतहों पर किया जाना चाहिए, जिन्हें बार-बार और सबसे ज्यादा छुआ जाता है। जहां पर बैक्टीरिया या वायरस के होने का खतरा हो सकता है। सीडीसी बार-बार इस बात पर जोर देता है कि कोविड-19 से बचने के लिए खांसने या छींकने के बाद, खाना बनाने और खाना खाने से पहले और टॉइलट इस्तेमाल करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साबुन-पानी से धोना जरूरी है। कोरोना वायरस की वजह से खाने-पीने की चीजों को धोने के लिए किसी नई तकनीक के इस्तेमाल की कोई जरूरत नहीं है। साथ ही सीडीसी का यह भी कहना है कि लोगों को सफाई से जुड़ी जानकारियों के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है।
इससे पहले फरवरी से अप्रैल 2020 के बीच ईरान में भी ऐसा एक मामला सामने आया था, जिसमें कोरोना वायरस से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने जहरीली मेथानॉल या मिथाइल अल्कोहल पी ली थी और करीब 700 लोगों की मौत हो गई थी।