कोविड-19 महामारी की वजह बने नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के लक्षणों की सूची पिछले सात-आठ महीनों से बढ़ रही है। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों के अलावा जिन नए लक्षणों को कभी आंशिक रूप से सही बताया गया था, उन्हें अब ज्यादातर मेडिकल शोधों में सही पाया जा रहा है और विशेषज्ञ भी इन्हें सहज रूप से स्वीकार कर रहे हैं। कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद किसी मरीज के मस्तिष्क में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं आना भी कोविड-19 के कई प्रकार के लक्षणों में से एक है, जिससे संबंधित दावे लगातार नए अध्ययन आधारित तथ्यों के साथ मजबूत होते जा रहे हैं।
हाल में ऐसे कई अध्ययन आए हैं, जो बताते हैं कि सार्स-सीओवी-2 वायरस न सिर्फ दिमाग में घुसकर उसमें सूजन पैदा करता है, बल्कि इसके प्रभाव में मरीजों का मानसिक संचालन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस सिलसिले में अब एक नई जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, कोविड-19 के मरीजों में हल्का या मध्यम स्तर का सिरदर्द कोरोना वायरस संक्रमण का न्यूरोलॉजिकल लक्षण हो सकता है।
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यह जानकारी ज्यादातर लोगों को सामान्य लग सकती है, लेकिन ऐसा है नहीं। अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने कहा है कि थ्रोबिंग हेडेक यानी स्पंदन सिरदर्द होना कोविड-19 के मरीज की हालत गंभीर होने का संकेत हो सकता है। शिकागो स्थित चर्चित नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के इन परिणामों को मेडिकल पत्रिका एनल्स ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल न्यूरोलॉजी ने प्रकाशित किया है। इसमें शोधकर्ताओं ने नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन के तहत आने वाले कई अस्पतालों में भर्ती हुए 500 से ज्यादा मरीजों को शामिल किया था।
खबर के मुताबिक, अध्ययन के तहत एक सर्वेक्षण कर इन सब मरीजों के लक्षणों के बारे में पता लगाया गया। वैज्ञानिकों ने जाना करीब 38 प्रतिशत मरीजों को कोविड-19 के दौरान सिरदर्द की समस्या हुई थी। इस जानकारी को लेकर स्टडी के सह-लेखक आइगर कॉरलनिल कहते हैं, 'अमेरिका में यह इस तरह का पहला अध्ययन है। अस्पतालों में भर्ती हुए कोविड-19 के मरीजों पर किए गए ऐसे दो अन्य अध्ययन चीन और यूरोप में किए गए हैं, जिनमें मरीजों में न्यूरोलॉजिकल प्रभाव देखने को मिले थे।'
वहीं, ताजा अध्ययन में शामिल मरीजों में से 82 प्रतिशत में तंत्रिका तंत्र संबंधी लक्षण मिले हैं। 43 प्रतिशत को बीमारी की शुरुआत में ऐसे लक्षण महसूस हुए थे। वहीं, 63 प्रतिशत मरीजों में अस्पताल में रहने के दौरान न्यूरोलॉजिकल सिंपटम्स दिखाई दिए। सभी मामलों में सिरदर्द एक प्रमुख लक्षण के रूप में सामने आया है, जिसकी वजह से मरीज को तुरंत हॉस्पिटलाइज करने की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा, अध्ययन कहता है कि सिरदर्द और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की वजह से कोरोना वायरस के मरीजों को लंबे समय के लिए अस्पताल में रहना पड़ सकता है।