तमिलनाडु में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के बीच राज्य सरकार ने राजधानी चेन्नई और कुछ अन्य क्षेत्रों में आगामी 19 जून से 30 जून तक फिर लॉकडाउन लगा दिया है। इस बार यह लॉकडाउन कड़ाई से लागू किया जाएगा। जिन इलाकों में यह शुक्रवार से प्रभावी होगा, उनमें तिरुवल्लुवर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जैसे जिले शामिल हैं। गौरतलब है कि तमिलनाडु में कोविड-19 के 44 हजार से ज्यादा मरीज हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत (करीब 32 हजार) मरीज केवल चेन्नई से हैं। रविवार को शहर में 1,415 नए मामले सामने आए हैं।

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में लॉकडाउन इस बार सख्ती से लागू किया जाएगा। इस दौरान पड़ने वाले दोनों रविवारों को शहर में सभी प्रकार के प्रतिबंध लागू होंगे। इसका मतलब है कि आपातकालीन स्थिति को छोड़ कर किसी भी टैक्सी, ऑटो या निजी ट्रांसपोर्ट की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी। लोगों को अपने जरूरत की चीजें दो किलोमीटर के दायरे में ही खरीदनी होंगी। केवल अस्पतालों, लैबोरेटरी और मेडिकल स्टोरों को चलने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा 29 और 30 जून को बैंक केवल 33 प्रतिशत कर्मियों के साथ काम करेंगे। जरूरी सामानों जैसे दूध, फल-सब्जियां, मोबाइल की दुकानें खुली रहेंगी। पेट्रोल पंप केवल सुबह छह बजे से दोपहर चार बजे तक खुलेंगे। इसके अलावा रेस्टोरेंट से खाना पैक कराने की टाइमिंग सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक होगी।

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कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में सबसे आगे कर्नाटक
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक, देश में कोविड-19 की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के मामले में कर्नाटक देश के किसी भी अन्य राज्य से आगे हैं। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, यह बड़ी वजह है कि इस दक्षिण राज्य ने कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता पाई है। अखबार की मानें तो कर्नाटक में आक्रामक तरीके से कोरोना वायरस के संदिग्धों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग हुई है। इसी की बदौलत हजारों लोगों को क्वारंटीन कर उनकी टेस्टिंग करने में प्रशासन को काफी मदद मिली है।

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खबर के मुताबिक, कर्नाटक के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन केरल और तमिलनाडु का है। यहां कोविड-19 के किसी मरीज के सामने आने के बाद उसके संपर्क में आए लोगों का पता कर उनमें से कम से कम 40 और 44 (क्रमशः) लोगों का टेस्ट किया जा रहा है। कर्नाटक में यह संख्या 75 है। गौरतलब है कि इस दक्षिण राज्य में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 7,000 लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 86 की मौत हो गई है, जबकि करीब 4,000 को बचा लिया गया है। इस तरह कर्नाटक में कोविड-19 बीमारी का रिकवरी रेट 56.5 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। वहीं, मृत्यु दर केवल 1.22 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत मृत्यु दर (2.86 प्रतिशत) से भी कम है।

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