कोलेस्ट्रॉल कम करने में काम आने वाली दवाएं 'स्टैटिन्स' कोविड-19 के मरीजों की हालत गंभीर होने से रोक सकती है। चर्चित अमेरिकी मेडिकल पत्रिका एसीजे (अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी) और दि ईएमबीओ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में इस थ्योरी का समर्थन किया गया है। एजेसी में प्रकाशित अध्ययन में अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 170 मरीजों का विश्लेषण किया गया है। ये सभी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के सैन डिएगो मेडिकल सेंटर में भर्ती थे। अध्ययन में पता चला है कि स्टैटिन की मदद से इनमें 50 प्रतिशत से भी ज्यादा मरीजों के गंभीर कोविड-19 की चपेट में आने के खतरे को कम कर दिया गया था।
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इतना ही नहीं, अध्ययन यह भी कहता है कि स्टैटिन से न सिर्फ इन मरीजों में गंभीर कोविड-19 का खतरा कम हुआ, बल्कि इससे उनकी तेज रिकवरी में भी काफी ज्यादा मदद मिली है। इस बारे में एसीजे की रिपोर्ट कहती है, 'एसीई2 रिसेप्टर के अपरेग्युलेशन और वायरस के प्रभावों पर प्रत्यक्ष रूप से हमला कर एंटी-इन्फ्लेमेटरी तथा इम्यून-मॉड्यूलेटर इफेक्ट के रूप में स्टैटिन दवाओं में कोविड-19 के खिलाफ रक्षात्मक भूमिका निभाने की जैविक संभावना दिखती है।'
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वहीं, ईएमबीओ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उन बायोलॉजिक या केमिकल प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया गया है, जिनकी वजह से कोविड-19 के खिलाफ स्टैटिन आधारित दवाओं को प्रभावशाली देखा गया है। इस स्टडी से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें सीएच25एच नाम का एक जीन मिला है, जो कोलेस्ट्रॉल और लिपिड मेटाबॉलिज्म में पाया जाता है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस जीन में उन्हें एंटी-कोरोना वायरस एक्टिविटी का पता चला है। परीक्षण के दौरान इस वंशाणु ने वायरस को कोशिका झिल्ली के साथ मिश्रित होने से रोक दिया था।
एक मीडिया रिपोर्ट में डॉक्टरों ने इन दोनों अध्ययनों पर प्रतिक्रियाएं दी हैं। उनका कहना है कि स्टैटिन दवाएं रक्त वाहिकाओं से कोलेस्ट्रॉल को हटाने का काम करती हैं। वे बताते हैं कि हमारे शरीर की कोशिका झिल्लियों में भी कोलेस्ट्रॉल होता है। डॉक्टरों का मानना है कि ईएमबीओ में प्रकाशित अध्ययन से यह मालूम होता है कि स्टैटिन दवाएं इन झिल्लियों से कोलेस्ट्रॉल को हटाने में किस प्रकार मदद कर सकता है, जिससे कोशिका में घुसने की वायरस की कोशिश को ब्लॉक किया जा सकता है। यह जानकारी कोविड-19 के उन मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है, जो हृदय रोग से पीड़ित हैं। डॉक्टर इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए भी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। वे कहते हैं कि डायबिटिक मरीज नियमित रूप से स्टैटिन का सेवन करें तो कोरोना वायरस की चपेट में आने पर वे कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार पड़ने से बच सकते हैं।
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क्या है स्टैटिन?
स्टैटिन दवाओं की एक विशेष श्रेणी है। इसके तहत आने वाले ड्रग्स को कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जाना जाता है। मेडिकल भाषा में इन्हें एचएमजी-सीओए रिडक्टेस इनहिबिटर्स कहा जाता है। मेडिकल जानकारों के मुताबिक, जिन लोगों में हृदय रोग होने का खतरा ज्यादा होता है, उनमें इस बीमारी और मृत्यु दर को कम करने में स्टैटिन दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए स्टैटिन्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है। इनकी मदद से कोलेस्ट्रॉल संबंधी रोगों को रोकने में मदद मिलती है। इनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि शामिल हैं। बाजार में ये दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं और इनकी कीमत भी बहुत कम है।