31 मार्च 2020 के आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त दुनियाभर में कोविड-19 इंफेक्शन के 7 लाख 80 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 38 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत की बात करें तो हमारे देश में भी 1100 से ज्यादा कोविड-19 के मामलों की पुष्टि हो चुकी है और इस बीमारी ने 32 लोगों की जान ले ली है। दुनियाभर के करोड़ों लोगों के जीवन को इस महामारी ने बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है।
हर दिन बढ़ते मरीजों की संख्या की वजह से दुनियाभर की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। ऐसे में पूरी दुनिया की आबादी का फोकस इस वक्त इसी बात पर होना चाहिए कि कैसे सभी जरूरी सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाएं और इस नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को और अधिक फैलने से रोका जा सके। दुनिया के 199 देश इस बीमारी की वजह से प्रभावित हैं और इसी को देखते हुए ज्यादातर देशों की सरकारों ने अपने यहां आंशिक या संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन के जरिए कोविड-19 को फैलने से रोका जा सकता है और डॉक्टरों के साथ ही स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रफेशनल्स को इस बीमारी को मैनेज करने का समय मिल जाएगा।
25 मार्च 2020 से लेकर अगले 21 दिनों तक भारत में संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में हर एक नागरिक की इस वक्त यही जिम्मेदारी बनती है कि वह हर तरह के जरूरी कदम उठाए, ताकि कोविड-19 नाम की इस बीमारी को और फैलने से रोका जा सके। इन सुरक्षात्मक उपायों में से इस वक्त घर पर ही रहना सबसे जरूरी उपाय है। हालांकि, घर से पूरी तरह से बाहर न निकलना संभव नहीं है क्योंकि खाने-पीने की चीजों, दवाइयां, साफ-सफाई से जुड़ी चीजों की कमी होने पर इन चीजों को खरीदने के लिए आपको घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा।
लिहाजा लॉकडाउन के दौरान परिवार के किसी एक सदस्य को ही हमेशा घर से बाहर निकलना चाहिए। इस शख्स पर परिवार के साथ-साथ सामाजिक रूप से भी यह जिम्मेदारी होती है कि वह हर सुरक्षा उपाय अपनाए, ताकि कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलते वक्त आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि आप जाने-अनजाने कोविड-19 का शिकार न हो जाएं।