सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाला इंफेक्शन कोविड-19 बड़ी ही तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। 4 अप्रैल 2020 के आंकड़ों की मानें तो अब तक दुनियाभर में करीब 11 लाख लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, भारत की बात करें तो हमारे देश में भी अब कोविड-19 के करीब 3 हजार मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 2650 ऐक्टिव मामले हैं, 183 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं और 68 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
वैसे तो कोविड-19 का इंफेक्शन किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और वैसे लोग जिन्हें पहले से कोई बीमारी है उनमें संक्रमण होने पर कोविड-19 के लक्षण गंभीर होने का खतरा रहता है। यही वजह है कि डॉक्टर उन लोगों को खास ऐहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं जिन्हें पहले से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग की बीमारी है।
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इन सबके अलावा डॉक्टरों ने उन लोगों को भी खास ऐहतियात बरतने और घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है जिन्हें धूम्रपान यानी स्मोकिंग की लत है। इसकी वजह ये है कि यह बात साबित हो चुकी है कि तंबाकू हमारे शरीर के श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए- तंबाकू, फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है। फरवरी 2020 में चीन में 1,099 कोविड-19 संक्रमित मरीजों पर की गई एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि आईसीयू यानी इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती इन संक्रमित मरीजों में से 25.5 प्रतिशत स्मोकर्स यानी धूम्रपान करने वाले थे।
हालांकि इस स्टडी से कोविड-19 और धूम्रपान के बीच किसी तरह का लिंक स्थापित नहीं हो पाया है, बावजूद इसके भारत समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टरों ने भी लोगों को यही सुझाव दिया है कि उन्हें इस वक्त अपनी धूम्रपान की लत को छोड़ देना चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि आखिर धूम्रपान कैसे हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है और कोविड-19 संक्रमण का कारण बन सकता है।