इस नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 ने दुनियाभर में कहर ढा रखा है। 1 अप्रैल 2020 के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में अब तक साढ़े 8 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 42 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत की बात करें तो हमारे देश में भी कोविड-19 के 1235 मामले फिलहाल ऐक्टिव हैं और 35 लोगों की मौत हो चुकी है। ज्यादातर देशों में लॉकडाउन की स्थिति है और लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं हैं। ऐसे समय में अगर कोई दिन-रात काम करने में जुटा है तो वह हैं डॉक्टर, नर्स और मेडिकल प्रफेशनल्स।
दुनियाभर के डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी इस वक्त अस्पतालों में, कोविड-19 के लिए बनाए गए खास आइसोलेशन वॉर्डों में डबल, ट्रिपल शिफ्ट कर रहे हैं ताकि इस बीमारी से पीड़ित कोई भी मरीज उपेक्षित न रह जाए। इस नए कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की मानों अस्पतालों में बाढ़ सी आयी हुई है। बावजूद इसके ये लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
21 मार्च 2020 को प्रतिष्ठित द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो इटली में काम करने वाले करीब 20 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जिन्हें कोविड-19 का संक्रमण हो चुका है और इनमें से कुछ की मौत भी हो चुकी है। जरूरत के इस समय डॉक्टर्स और कुछ नहीं कर सकते सिवाय इसके कि वे इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों की मदद करें। ऐसी स्थिति में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट यानी पीपीई एकमात्र ऐसी चीज है जो डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस संक्रामक बीमारी से बचा सकता है।
अगर आप एक डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारी हैं और इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो हम आपके इस जज्बे को सलाम करते हैं। साथ ही हम आपको यह बताना चाहते हैं कि वैसे सभी स्वास्थ्य कर्मचारी जो कोविड-19 के मरीजों की देखभाल कर रहे हैं उनके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीपीई इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन 10 तरीकों के बारे में बता रहे हैं कि किस तरह से आप पीपीई को पहनकर इस संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं।