नए कोरोना वायरस से फैली कोविड-19 महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है। इसको बढ़ाए जाने को लेकर बहस जारी है। इस बीच खबर आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार यानी कल सुबह 10 बजे देश के नागरिकों को एक बार फिर संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इसमें वे लॉकडाउन को लेकर कोई नया ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले बीती 11 अप्रैल को 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में यह मांग की गई थी कि लॉकडाउन की अवधि को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया जाए। खबरों के मुताबिक, लगभग सभी राज्यों ने इस पर सहमति दी है। ऐसे में इसकी काफी संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन आगे बढ़ा सकते हैं। हालांकि यह कल सुबह ही साफ होगा।
इस बीच कुछ राज्य अपने यहां लागू लॉकडाउन को पहले ही 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा चुके हैं। इनमें ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं। ताजा मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, तमिलनाडु ने भी लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है।
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कैसा होगा लॉकडाउन पार्ट-2?
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो लॉकडाउन के दूसरे चरण को लेकर सरकार ने योजना तैयार कर ली है। इसके तहत विचार किया गया है कि किन क्षेत्रों के लोगों को लॉकडाउन से जुड़े नियमों से रियायत दी जाएगी और कहां तालाबंदी और सख्त होगी। जानकारी के मुताबिक, वायरस के संक्रमण की तीव्रता के आधार पर जिलों को तीन वर्गों - लाल, नारंगी और हरा - में बांटा गया है।
अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि देश में लगभग 400 जिले ऐसे हैं जो काफी हद तक संक्रमण से सुरक्षित हैं। इसीलिए ऐसे क्षेत्रों को हरे जोन या वर्ग में डाला गया है। इन क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कृषि, निर्माण (कंस्ट्रक्शन) और विनिर्माण यानी उद्योगों को शुरू किया जा सकता है। संभावना जताई गई है कि इन इलाकों में लागू लॉकडाउन में रियायत देते हुए आंशिक प्रतिबंध जारी रखा जा सकता है।
अर्थव्यवस्था को चलाना जरूरी
दरअसल 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ करीब चार घंटे की चर्चा में पीएम मोदी ने संकेत दिए थे कि लोगों की जान की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है, लेकिन साथ ही सामान्य जीवन को प्राथमिकता देते हुए अर्थव्यवस्था को भी फिर से शुरू करने की जरूरत है। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही राज्य में 15 अप्रैल से कुछ सार्वजनिक सेवाओं को पुनः शुरू करने जा रही है। ऐसे में देखना होगा कि राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार ने इस बारे में क्या सोचा है।
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