विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल की गई 'डेक्सामेथासोन' दवा के शुरुआती सकारात्मक परिणामों का 'स्वागत' किया है। मंगलवार को यूनाइटेड किंगडम (यूके) स्थित प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया था कि उनके ट्रायल में डेक्सामेथासोन कोविड-19 के गंभीर मरीजों की जान बचाने वाली पहली दवा के रूप में सामने आई है। इस कामयाबी को शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में 'ब्रेकथ्रू' (महत्वपूर्ण खोज या कामयाबी) तक बताया और सुझाव दिया कि दुनियाभर में उपलब्ध इस दवा को कोरोना वायरस के अन्य मरीजों पर आजमाने में देरी नहीं की जानी चाहिए। अब डब्ल्यूएचओ ने भी उनके दावे का स्वागत कर एक तरह से दवा के इस्तेमाल को अघोषित मंजूरी दे दी है, हालांकि अभी इस बारे में दिशा-निर्देश जारी होना बाकी है।
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डेक्सामेथासोन से जुड़ी खबर सामने आने के बाद एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा है, '(शोधकर्ताओं की तरफ से) हमारे साथ साझा किए गए शुरुआती परिणामों के मुताबिक, (डेक्सामेथासोन लेने से) वेंटिलेटर पर लेटे मरीजों की मृत्यु दर में एक-तिहाई की कमी आई है। वहीं, जिन मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही थी, उनमें मृत्यु दर 20 प्रतिशत तक कम हो गई। दवा के ये फायदे केवल कोविड-19 के गंभीर मरीजों में दिखाई दिए हैं। कम गंभीर मरीजों में इसके फायदे देखने को नहीं मिले हैं।'
प्रेस रिलीज के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसस ने कहा है, 'यह पहला ट्रीटमेंट है जिसमें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर लेटे कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर कम होती दिखी है। यह बहुत अच्छी खबर है और मैं यूके की सरकार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और वहां के अस्पतालों तथा मरीजों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जीवनरक्षक खोज के लिए योगदान दिया।'
डब्ल्यूएचओ की मॉडल सूची में शामिल है डेक्सामेथासोन
प्रेस रिलीज में डब्ल्यूएचओ ने बताया कि आखिर डेक्सामेथासोन किस प्रकार का ड्रग है। उसने कहा, 'यह एक तरह स्टेरॉयड है, जिसे 1960 से कई प्रकार की सूजन और जलन (इनफ्लेमेशन) को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इनमें कई इनफ्लेमेटरी डिसॉर्डर और कुछ विशेष प्रकार के कैंसर रोगों में होने वाली सूजन भी शामिल हैं। यह दवा 1977 से ही डब्ल्यूएचओ की जरूरी दवाओं की सूची में अलग-अलग फॉर्म्युलेशन में शामिल है। फिलहाल यह पेटेंट (एकस्व) नहीं है और ज्यादातर देशों में आसानी से उपलब्ध है।'
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह आने वाले दिनों में दवा के ट्रायल से जुड़े संपूर्ण डेटा का विश्लेषण करेगा। इसके बाद दवा के इस्तेमाल से संबंधित क्लिनिकल दिशा-निर्देश को अपडेट किया जाएगा ताकि यह साफ हो सके कि दवा को कब और कैसे उपयोग करना है।