कोविड-19 बीमारी के इलाज की खोज में नए-नए प्रकार के प्रयोग और दावे सामने आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले एक शोध के हवाले से कहा गया था कि सिगरेट में इस्तेमाल होने वाली निकोटीन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में कारगर हो सकती है। अब दुनिया की सबसे बड़ी तंबाकू निर्माता कंपनियों में से एक 'ब्रिटिश अमेरिकन टोबेको' (बीएटी) ने कहा है कि उसने तंबाकू का इस्तेमाल करते हुए कोविड-19 से बचाव के लिए एक वैक्सीन तैयार की है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अप्रैल में हुए सफल परीक्षण के बाद अब कंपनी को वैक्सीन के ट्रायल के लिए अमेरिकी ड्रग एजेंसी एफडीए की अनुमति का इंतजार है।

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क्या है कंपनी का दावा?
पिछले महीने ही बीएटी ने दावा किया था कि उसके द्वारा बनाई गई वैक्सीन में 'पॉजिटिव इम्यून रेस्पॉन्स' दिखे हैं। कंपनी ने कृत्रिम रूप से नए कोरोना वायरस का नमूना (एंटीजन) तैयार किया और उसे रीप्रॉडक्शन के लिए तंबाकू के पौधों में डाल (इन्सर्ट) दिया। बाद में जब पौधों को हार्वेस्टिंग के तहत काटा गया तो शोधकर्ताओं ने पाया कि कृत्रिम नमूना प्योरीफाइड (विशुद्ध) हो गया था।

वहीं, बीते हफ्ते प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीएटी तंबाकू के प्रोटीन की मदद से तैयारी की गई इस वैक्सीन को आगे के ट्रायलों में आजमाना चाहती है। उसने कंपनी के हवाले से बताया कि वैक्सीन के शुरुआती ट्रायलों में सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। इसके बाद ही आगे के परीक्षणों के लिए एफडीए की इजाजत मांगी गई है। उधर, सिगरेट निर्माता कंपनी 'लकी स्ट्राइक' ने कहा है कि एक बार एफडीए से अप्रूवल मिलने के बाद औपचारिक रूप से पहले चरण के ट्रायल किए जाएंगे, जिनमें वैक्सीन को इन्सानों पर आजमाया जाएगा।

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बीएटी ने तंबाकू के पत्तों से कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने की बात अप्रैल में कही थी। उस समय भी उसके इस बयान ने दुनियाभर के मेडिकल जानकारों को हैरान किया था। कंपनी ने कहा था कि वह कोविड-19 की वैक्सीन तैयार कर रही है और अगर सरकारी एजेंसियों और दवा निर्माता कंपनियों ने उसे समर्थन दिया तो वह हर हफ्ते दस से तीस लाख डोज तैयार कर सकती है।

बहरहाल, बीते शुक्रवार को लंदन स्थित बीएटी ने नए ड्रग की जांच पड़ताल के लिए एफडीए के समक्ष अपना आवेदन दे दिया। उसके मुताबिक, एफडीए ने आवेदन को स्वीकृति दी है। बीएटी ने यह भी कहा कि वह अन्य देशों की सरकारों और एजेंसियों के भी संपर्क में है और वैक्सीन के संबंध में उनसे बातचीत कर रही है। उसने कहा है कि वह वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायलों को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। ये ट्रायल जून की शुरुआत में किए जाएंगे।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: इस कंपनी ने तंबाकू के पत्तों से बनाई वैक्सीन, मानव परीक्षण के लिए एफडीए से मांगी अनुमति है

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