1948 का संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार घोषणापत्र का अनुच्छेद 25 यह सुनिश्चित करता है कि सभी मनुष्यों मेडिकल केयर यानी स्वास्थ्य सेवा और सुविधा का समान अधिकार मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO भी इस बात को मानता है और मरीजों के अधिकार इसी बात पर आधारित हैं। हर देश में मरीजों के अधिकार अलग-अलग हैं और वहां की सरकार इसे अपने हिसाब से परिभाषित करती है।
भारत की बात करें तो यहां विभिन्न कानूनी दस्तावेजों जैसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 और भारतीय चिकित्सा परिषद के नियम 2002 के तहत मरीजों के अधिकारों की रक्षा की जाती है। भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा अपनाए गए मरीज के अधिकारों का यह घोषणापत्र (चार्टर) 17 अधिकारों को सूचीबद्ध करता है जो देश में प्रत्येक मरीज के पास है। यहां इस आर्टिकल में हम आपको मरीजों के उन्हीं 17 अधिकारों के बारे में बता रहे हैं।