कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया के कई हिस्सों में काफी तेजी से फैल रहा है. और अब भारत में भी इसका प्रसार तेजी से हो रहा है.

लोगों के मन में ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर कई तरह के सवाल हैं. खासतौर पर लोग ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना कोरोना के अन्य वेरिएंट से कर रहे हैं.

इन्हीं सवालों में एक सवाल यह है कि क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से खतरनाक है? फिलहाल इस सवाल का जबाव देना बहुत ही कठिन है लेकिन फिर भी कुछ शोध इस ओर इशारा करते हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से कम खतरनाक है. हालांकि अभी तक इसके स्पष्ट डेटा सामने नहीं आए हैं.

आज हम इस लेख में इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से खतरनाक है या नहीं.

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  1. क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से ज्यादा तेजी से फैल रहा है?
  2. क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट से डेल्टा के मुकाबले ज्यादा गंभीर कोविड हो रहा है?
  3. क्या ओमीक्रॉन से डेल्टा के मुकाबले ज्यादा लोग हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं?
  4. क्या ओमीक्रॉन से डेल्टा के मुकाबले अधिक मौते हो रही हैं?
  5. क्या डेल्टा के लिए कारगर वैक्सीन ओमीक्रॉन पर भी असरदार हैं?
  6. अभी और अधिक डेटा की है आवश्यकता
  7. सारांश
क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है? के डॉक्टर

ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने का सबसे पहला प्रमाण दक्षिण अफ्रीका से आया, जहां ओमिक्रॉन एक के बाद एक प्रांतों में तेजी से अपना पैर पसार रहा है. देखा जा रहा है कि ओमिक्रॉन के मामले हर दो से चार दिनों में दोगुने हो रहे हैं - डेल्टा की तुलना में यह बहुत कम समय मे दोगुना रफ्तार से बढ़ रहा है.

हालांकि, शोधकर्ताओं को अभी तक यह नहीं पता है कि ओमिक्रॉन इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है. यह संभावना जताई जा रही है कि यह कोशिकाओं पर अधिक आसानी से आक्रमण कर सकता है. वहीं यह अन्य वेरिएंट की तुलना में कोशिकाओं के अंदर प्रवेश करके गुणा करने की क्षमता रखता है.

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व्हाइट हाउस कोविड-19 प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन के कारण होने वाली बीमारी की गंभीरता का पहले से निर्धारण करना जल्दबाजी होगी.

उन्होंने कहा कि, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के जो भी मामले सामने आए हैं, उसमें बहुत गंभीर प्रोफाइल नहीं देखे जा रहे हैं.’ सामने आ रहे अधिकांश डेटा प्रारंभिक है. लेकिन उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताह में बहुत स्पष्ट तस्वीर सामने हो, जिससे साबित हो सके कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से खरनाक है या नहीं?

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

वैज्ञानिकों की तीन अलग-अलग टीमों ने पाया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोनोवायरस के पहले के अन्य वेरिएंट की तुलना में हल्की गंभीर बीमारियां होती है. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि मौजूदा समय में यह भयावह रूप धारण नहीं करेगा. जैसा कि लोग आंशका जता रहे हैं.

शोधकर्ताओं ने दक्षिण अफ्रीका, स्कॉटलैंड और इंग्लैंड में आबादी के माध्यम से ओमिक्रॉन का अध्ययन किया. प्रत्येक अध्ययन में देखा गया कि अभी भी यह वेरिएंट प्रारंभिक अवस्था में है. लोगों ने बताया कि इस वेरिएंट से प्रभावित लोगों को अस्पतालों में भेजने की संभावना कम देखी गई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रारंभिक परिणाम से यह कहना काफी मुश्किल है कि यह ओमिक्रॉन अन्य वेरिएंट की तुलना में भयावह होगा या नहीं.

बता दें कि नवंबर में दक्षिणी अफ्रीका में ओमिक्रॉन वेरिएंट की खोज के बाद से वैज्ञानिकों ने यह जानने के लिए काफी संघर्ष किया है कि क्या यह अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है या नहीं.

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22 दिसंबर 2021 को इंग्लैंड के "द गार्डियन" अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार "इम्पीरियल कॉलेज लंदन" के वैज्ञानिकों ने पाया कि डेल्टा के मुकसबले ओमीक्रॉन का हॉस्पिटलाइजेशन दर 20% से 25% कम है. यह इस प्रकार की इंग्लैंड में की गयी पहले स्टडी है.

लेकिन इस स्टडी के लीड लेखक प्रोफेसर नील फर्गसन ने कहा कि अभी खुशी बनाना सही नहीं होगा। इस आंकड़े के साथ उन्होंने दो चेतावनियां भी दीं. पहली यह कि ओमीक्रॉन से कहीं ज़्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं. इसके चलते उन लोगों की संख्या जिनको हॉस्पिटल में भर्ती होने की ज़रूरत पड़ सकती है जिसकी वजह से हॉस्पिटल सिस्टम पर बहुत प्रेशर पड़ सकता है. दूसरी चेतावनी यह कि क्योंकि अब वैक्सीन लगे कुछ समय हो चुका है, तो बूस्टर शॉट न मिलने की स्थिति में केस लोड अधिक हो सकता है.

इस ही तरह के आंकड़े साउथ अफ्रीका और स्कॉटलैंड से भी सामने आये हैं.

बहरहाल, अभी ओमीक्रॉन के बारे में डाटा प्रारंभिक चरण में ही है. इसलिए, यह ज़रूरी है कि आप सभी सावधानियां बरतें और ओमीक्रॉन वेरिएंट को हलके में न लें।

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फिलहाल इस सवाल का जवाब देने के लिए पर्याप्त डाटा हासिल नहीं है. जब कि साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड से मिल रहे प्रारंभिक आंकड़ों में ओमीक्रॉन से जुड़ा मृत्यु-दर डेल्टा से कम नज़र आ रहा है, दुनिया भर के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य अधिकारी इस बात की चेतावनी देते नहीं थक रहे कि इसका मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आने वाले समय में मृत्यु दर बढ़ सकता है. इसके अलावा, हर देश का अनुभव अलग हो सकता है. यानी, चाहे अंत में एक देश में मृत्यु दर वाकई कम हो, लेकिन अन्य देशों में इसके विपरीत हो सकता है.

कई शोधों से संकेत मिलता है कि कोविड वैक्सीन की दो डोज और एक बूस्टर शॉट ओमि‍क्रॉन के संक्रमण के खिलाफ मजबूत सुरक्षा दे सकता है. बूस्टर के बिना, फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-biontech) या मॉडना जैसी वैक्सीन की दो डोज ओमिक्रॉन से बहुत कम सुरक्षा देने में सक्षम हैं. लेकिन फिर भी कोविड वैक्सीन की दो डोज ओमि‍क्रॉन से होने वाली गंभीर बीमारी से बचाव करने में सक्षम हैं.

शोधकर्ताओं ने जब वैक्सीेनेटेड लोगों के ब्लड सैंपल लेकर ओमिक्रॉन वेरिएंट के साथ मिलाकर रिसर्च की तो पाया कि कोई भी वैक्सी‍न ओमिक्रॉन को पूरी तरह से मात देने में कामयाब नहीं है और एस्ट्राजेनेका या जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की एंटीबॉडी तो ओमिक्रॉन के लिए बिलकुल भी असरदार नहीं है.

बूस्टर शॉट है ज़रूरी

लेकिन जब शोधकर्ताओं ने मॉडना या फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के बूस्टर लगवाने वाले लोगों की एंटीबॉडी का टेस्ट किया तो पाया कि बूस्टेड एंटीबॉडीज ने कई तरह से ओमिक्रॉन वायरस को कोशिकाओं में फैलने से रोका है. बता दें, बूस्टर लगवाने वाले वे लोग थे जिन्हें कोविड हो चुका है और वैक्सीनेशन की दो डोज के बाद बूस्टर डोज लगा था. इन लोगों के एंटीबॉडी ओमि‍क्रॉन के खिलाफ बेहद शक्तिशाली थे. इस बात के सबूत दक्षिण अफ्रीका में भी मिले. शोधकर्ताओं ने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दो डोज लेने वाले लोगों में ओमि‍क्रॉन इंफेक्शन के खिलाफ सिर्फ 33 फीसदी प्रभाव दिखा. वहीं फाइजर-बायोएनटेक बूस्टर से ओमिक्रॉन इंफेक्शन के खिलाफ 75 फीसदी प्रभावी था.

हाल ही में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में की गयी रिसर्च, जिसके परिणामों को 23 दिसंबर 2021 को साझा किया गया था, के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन (कविशील्ड) का बूस्टर शॉट भी ओमिक्रोन के खिलाफ असरदार है.

(और पढ़ें - क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट से गंभीर बीमारी होती है)

ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से कितना खतरनाक है, वैज्ञानिकों को तब तक पता नहीं चल सकता है, जब तक यह वेरिएंट व्यापक रूप से किसी निश्चित आयु समूहों और अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों वाले समूहों में फैल न जाए.

दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है, लेकिन डेल्टा से इसकी बहुत कम प्रतिस्पर्धा थी, जो उस समय बहुत निम्न स्तर पर था. हालांकि, अगर यह वायरस तेजी से फैलता है, तो यह अन्य वेरिएंट डेल्टा, गामा, बीटा, अल्फा से गंभीर हो सकता है. लेकिन अभी इस बारे में कहना काफी मुश्किल है. ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर अभी काफी डेटा की आवश्यकता है.

(और पढ़ें - कोविड से ठीक हो चुके लोगों को ओमिक्रॉन से कितना खतरा?)

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ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से खतरनाक है या नहीं, इस बारे में फिलहाल अभी और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है. वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि जब तक यह व्यापक स्तर पर नहीं फैलता है, तब तक इसके बारे में कुछ भी कहना गलत होगा. लेकिन अभी तक के आंकड़े इसे कम गंभीर ही बता रहे हैं. ध्यान रखें कि कोरोनाकाल में खुद को सुरक्षित रखना बेहतर जरूरी है. घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मास्क पहनें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और लोगों से दूरी बनाकर रखें ताकि आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें.

अस्वीकरण - इस लेख में दी गई जानकारी प्रकाशन के समय सटीक है। हालांकि, जैसे-जैसे COVID-19 और ओमीक्रॉन की स्थिति विकसित हो रही है, यह संभव है कि प्रकाशन के बाद से कुछ जानकारी और डेटा बदल गए हों। इसलिए, यदि आप इस लेख को इसके प्रकाशन के लंबे समय बाद पढ़ रहे हैं, तो हम आपको लेटेस्ट समाचार और जानकारी WHO और MoHFW से पाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

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