भारत में कोविड-19 के दो लाख से ज्यादा मरीज हो गए हैं। इनमें से 5,815 की मौत हो गई है, जो कुल मरीजों का 2.80 प्रतिशत है। लेकिन इससे कई गुना ज्यादा संख्या उन मरीजों की है, जिन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड-19 को मात देने वाले लोगों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो गई है। हाल के समय में ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके चलते देश में कोरोना वायरस से बचा लिए गए लोगों की संख्या एक लाख 303 हो गई है, जो संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या का 48 प्रतिशत है।
देश के ऐसे कई राज्य हैं, जहां हजारों की संख्या में लोग कोविड-19 की चपेट में आए हैं। हालांकि, इन राज्यों की सरकारों ने स्वास्थ्य अधिकारियों, विशेषज्ञों और स्वास्थ्यकर्मियों की मदद से बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। आइए जानते हैं कि ऐसे राज्यों में कितने मरीज बचाए गए हैं-
राज्य | कुल मरीज | स्वस्थ हुए मरीज | प्रतिशत में |
महाराष्ट्र | 72,300 | 31,333 | 43% |
तमिलनाडु | 24,586 | 13,706 | 56% |
दिल्ली | 22,132 | 9,243 | 42% |
गुजरात | 17,617 | 11,894 | 68% |
राजस्थान | 9,373 | 6,435 | 69% |
मध्य प्रदेश | 8,420 | 5,221 | 62% |
उत्तर प्रदेश | 8,361 | 5,030 | 60% |
पश्चिम बंगाल | 6,168 | 2,410 | 39% |
बिहार | 4,155 | 1,946 | 47% |
आंध्र प्रदेश | 3,898 | 2,421 | 62% |
कर्नाटक | 3,796 | 1,403 | 37% |
तेलंगाना | 2,891 | 1,526 | 53% |
जम्मू-कश्मीर | 2,718 | 953 | 35% |
हरियाणा | 2,652 | 1,069 | 40% |
पंजाब | 2,342 | 2,017 | 86% |
ओडिशा | 2,245 | 1,325 | 59% |
उपरोक्त आंकड़े बताते हैं कि राज्यों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या के हिसाब से पंजाब लोगों को कोविड-19 से बचाने में सबसे आगे रहा है। वहां 86 प्रतिशत से भी ज्यादा मरीजों को बचाया गया है। उसके बाद राजस्थान में 68 प्रतिशत, गुजरात में 67 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 62 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 60 प्रतिशत मरीजों को बचा लिया गया है। इसके बाद ओडिशा में 59 प्रतिशत मरीजों को बचाने में कामयाबी मिली है। तमिलनाडु में यह संख्या 55 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि तेलंगाना में 52 प्रतिशत मरीजों को कोरोना वायरस से बचा लिया गया है। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और बिहार में बचाए गए मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत से कम है। वहीं, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में 40 प्रतिशत से भी कम मरीजों को बचाने में कामयाबी मिल पाई है।
इसके अलावा, ऐसे भी राज्य हैं जहां कोविड-19 के 1,000 से 2,000 मरीज हैं। वहां भी कई मरीजों को बचाने में सरकारें कामयाब रही हैं। वहीं, कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक समय कोविड-19 पर लगभग पूरी तरह नियंत्रण पा लिया था। लेकिन चार मई को लॉकडाउन में दी गई राहतों के बाद वहां मामले बढ़ गए। इनमें सबसे पहला नाम केरल का है। इस दक्षिण राज्य में कोविड-19 के मरीजों की संख्या कभी 500 से भी कम थी, जिनमें से 95 प्रतिशत को बचा लिया गया था। ऐसा लग रहा था कि केरल जल्दी ही कोरोना-मुक्त हो सकता है। लेकिन फिर अन्य राज्यों और विदेशों से लोग यहां लौटने लगे, जिसके चलते मरीजों की संख्या बढ़ती गई। अब केरल में कोरोना वायरस के 1,412 हो गई है। इनमें से 627 को बचाने में कामयाबी मिली है। यह संख्या राज्य के कुल मरीजों का 44.40 प्रतिशत है।
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केरल की तरह असम में भी कोरोना मामलों के बढ़ने के पीछे लॉकडाउन में दी गई राहत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस पूर्वोत्तर राज्य में कभी मरीजों की संख्या 100 भी नहीं थी। लेकिन अब यह आंकड़ा 1,500 के पार चला गया है, जिसमें से अब तक 324 को बचाने में कामयाबी मिली है। यह संख्या कुल मामलों का 21.4 प्रतिशत है। इसी तरह, उत्तराखंड में भी मरीजों की संख्या बुधवार को 1,000 के पार चली गई है। इनमें से 252 को बचा लिया गया है, जो राज्य के कुल मरीजों का 24 प्रतिशत है।